यूपी के छोटे शहरों में सस्ते घर मिलना होगा आसान, योगी सरकार करने जा रही यह काम
यूपी के छोटे शहरों में सस्ते घर मिलना आसान होगा। सरकार छोटे शहरों में भी लोगों की आवासीय जरूरतों को पूरा कराने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाने जा रही है। विकास प्राधिकरणों की तरह आवास विकास परिषद को भी भूमि लेन के लिए पैसे दिए जाएंगे।
यूपी में छोटे शहरों के लोगों के लिए अच्छी खबर है। अब सस्ते में घर मिलना आसान होगा। योगी सरकार छोटे शहरों में भी लोगों की आवासीय जरूरतों को पूरा कराने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाने जा रही है। विकास प्राधिकरणों की तरह आवास विकास परिषद को भी भूमि लेन के लिए पैसे दिए जाएंगे। यह पैसा ऋण के रूप में दिया जाएगा और योजनाओं की बिक्री से आने वाले पैसे से इसे चुकता किया जाएगा। आवास विकास परिषद को इसके लिए शासन को प्रस्ताव उपलब्ध कराना होगा। इसके आधार पर कैबिनेट से मंजूरी लेते हुए आवासीय योजनाएं लाने के लिए पैसे दिए जाएंगे।
विकास प्राधिकरणों और आवास विकास परिषद के पास मौजूदा समय भूमि बैंक की कमी होती जा रही है। प्रदेश के 17 से अधिक विकास प्राधिकरण ऐसे हैं, जिनके पास योजनाएं लाने के लिए भूमि बैंक तक नहीं है। इसके अलावा कई विकास प्राधिकरणों के पास नाम मात्र ही भूमि बैंक बचा है। इसके चलते विकास प्राधिकरणों की वित्तीय स्थिति खराब होती जा रही है। वित्तीय स्थिति ठीक न होने से योजनाएं लाने के लिए वे भूमि का अधिग्रहण नहीं कर पा रहे हैं। आवास विभाग ने विकास प्राधिकरणों को शीड कैपिटल के आधार पर पैसे देने का फैसला किया है। इस योजना के तहत शासन से मिलने वाले पैसे के बराबर विकास प्राधिकरणों को पैसे लगाते हुए भूमि का अधिग्रहण करना है।
इस भूमि पर योजनाएं लाते हुए लोगों की आवासीय जरूरतों को पूरा किया जाएगा। शासन में यह सहमति बनी है कि छोटे शहरों जैसे उन्नाव, बाराबंकी, गाजीपुर, देवरिया, सीतापुर में आवासीय योजनाएं लाने के लिए शीड कैपिटल के आधार पर पैसे दिए जाएं। इससे आवास विकास परिषद भूमि का अधिग्रहण करे और योजनाएं लाए। प्रदेश के 31 शहरों में विकास प्राधिकरण हैं और शेष में आवास विकास परिषद द्वारा आवासीय योजनाएं लाने की जिम्मेदारी है।
सस्ते मकान मिलने की खुलेगी राह
-अमूमन लोगों को सस्ते मकान की जरूरत होती है
-नई योजनाएं आने से मकान मिलने की राह खुलेगी
-खासकर कमजोर व निम्न वर्ग को अधिक फायदा होगा
-ईडब्ल्यूएस व एलआईजी मकान मिलने की राह खुलेगी
-हर योजना में 20 फीसदी इनके लिए मकान बनेंगे
-सरकारी योजनाएं न आने से प्रापर्टी डीलर मनमानी करते हैं
अवैध प्लाटिंग पर भी रोक लगेगी
-शहरों में अवैध प्लाटिंग सबसे बड़ी समस्या है
-प्रापर्टी डीलर तालाब और सरकारी भूमि बेच देते हैं
-लोगों को जानकारी न होने से इसे खरीद लेते हैं
-बाद में पता चलता है कि अवैध प्लाटिंग में फंस गए
-योजनाएं आने के बाद अवैध प्लाटिंग पर भी रोक लगेगी