मौत से पहले 3 घंटे गद्दे पर ही अचेत पड़ा रहा कांग्रेस कार्यकर्ता प्रभात पांडेय, घटनास्थल से भी हुई छेड़छाड़
कांग्रेस कार्यकर्ता प्रभात पांडेय की मौत की तफ्तीश में चौकाने वाली बात सामने आई है। तफ्तीश में राज खुला कि प्रभात पांडेय 3 घंटे गद्दे पर ही अचेत पड़ा रहा। इस दौरान किसी ने सुध नहीं ली।
प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस प्रदेश मुख्यालय में गोरखपुर के कांग्रेस कार्यकर्ता प्रभात पांडेय की मौत के मामले में पुलिस की तफ्तीश में कई चौकाने वाले राज सामने आए हैं। तफ्तीश में पता चला है कि बुधवार दोपहर करीब ढाई बजे से प्रभात अचेतावस्था में मुख्यालय के अंदर गद्दे पर पड़ा था। कई काग्रेसियों ने उसे देखा इसके बाद भी सुध नहीं ली। प्रभात को करीब तीन घंटे बाद शाम 5:15 बजे कार से सिविल अस्पताल ले जाया गया था। अस्पताल में परीक्षण के बाद डॉक्टरों ने प्रभात को मृत घोषित कर दिया।
पोस्टमार्टम में प्रभात की मौत का कारण स्पष्ट न होने के कारण स्पष्ट नहीं हो सका है। इस लिए प्रभात की मौत 24 घंटे बाद भी रहस्य बनी हुई है। देर रात फोरेंसिक टीम साक्ष्य संकलन के लिए घटनास्थल पर पहुंची। वहां घटनास्थल से गद्दे आदि सब हटा दिए गए थे। इस कारण साक्ष्य संकलन में भी फोरेंसिक विशेषज्ञों को काफी दिक्कत हुई। साक्ष्य भी पूरी तरह से संकलित नहीं हो सके हैं। सीसी फुटेज के मिलान के बाद फोरेंसिक टीम ने घटनास्थल से छेड़छाड़ की पुष्टि की। रात भर प्रदेश मुख्यालय में गहमा-गहमी का माहौल रहा। गुरुवार सुबह पुलिस उपायुक्त मध्य रवीना त्यागी, अपर पुलिस उपायुक्त मनीषा सिंह, एसीपी विकास कुमार जायसवाल ने घटनास्थल का निरीक्षण किया।
कांग्रेस मुख्यालय के कंट्रोल रूम में पहुंची। कंट्रोल रूम प्रभारी राकेश से बातचीत की। उनके बयान दर्ज किए। राकेश ने अपने बयान में कहा कि करीब शाम पांच बजे प्रभात को अस्पताल ले जाया गया था। कई लोगों ने यह भी बताया कि प्रभात काफी देर से गद्दे पर पड़ा था। लोगों ने सोंचा की थक गया होगा अथवा सो रहा होगा। इस लिए ध्यान नहीं दिया। पुलिस उपायुक्त मध्य ने बताया कि सीसी फुटेज और बयानों के आधार पर साक्ष्य संकलन किए जा रहा है। मामले में अज्ञात के खिलाफ हुसैनगंज कोतवाली में हत्या का मुकदमा दर्ज है। विवेचना जारी है। फुटेज और बयानों के आधार पर साक्ष्य संकलन किया जा रहा है। प्रभात की मौत के मामले में जो भी दोषी पाया गया उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
पुतला चलते ही धमाका, घेराबंदी कर पुलिस ने रोका :
कांग्रेस प्रदेश कार्यालय से गुरुवार दोपहर करीब एक बजे पुतला दहन के लिए कार्यकर्ता और नेता निकले। पुतला जलते ही तेज धमाका हुआ। पुलिस कर्मी अलर्ट हो गए। चारों ओर से घेराबंदी हो गई। एक कार्यकर्ता जलते हुए बचा। इसके बाद कांग्रेसी विधानभवन का घेराव करने की ओर भागे। एसीपी हजरतगंज विकास जायसवाल, एसीपी मोहनलालगंज रजनीश वर्मा और इंस्पेक्टर हजरतगंज ने आनन फानन मुख्य मार्ग को जाने वाले रास्ते पर अपनी गाड़ियां लगा दी। कांग्रेसियों की घेराबंदी कर उन्हें रोका, तो धक्का मुक्की शुरू हो गई। इसके बाद उन्हें समझाकर गोल चक्कर के पास बैठा दिया। कुछ देर बाद सभी प्रदर्शनकारी प्रदेश मुख्यालय में चले गए।
पुलिस की सटकी रणनीति से टला बवाल, बार्डर पर रोके गए कांग्रेसी :
पुलिस उपायुक्त रवीना त्यागी और आला अफसरों की सटीक रणनीति से विधान भवन घेराव का बड़ा बवाल टल गया। अफसरों ने बुधवार रात ही बैठक कर बार्डर पुलिस सक्रिय कर दिया था। रात से ही लखनऊ के बार्डर रायबरेली रोड, सीतापुर रोड, कानपुर रोड, अयोध्या रोड और अन्य स्थानों पर पुलिस लगा दी गई। गैर जनपद से आने वाले कांग्रेसियों को बार्डर पर ही रोक लिया गया था। वह आते तो बड़ा बवाल हो सकता था।