लखनऊ-गोरखपुर रूट पर चौथी रेल लाइन के सर्वे को मंजूरी, अभी बिछाई जा रही तीसरी लाइन
लखनऊ-गोरखपुर रूट पर चौथी रेल लाइन के सर्वे को मंजूरी दी गई है। पहले चरण में गोण्डा-बुढ़वल सेक्शन में सर्वे शुरू किया जाएगा। दो महीने में सर्वे पूरा हो जाएगा फिर डीपीआर बनेगी। चौथी लाइन वाला एनईआर में ये पहला सेक्शन होगा।
छपरा से बाराबंकी के बीच तीसरी लाइन बिछाने के काम के बीच ही अब पूर्वोत्तर रेलवे ने चौथी लाइन की दिशा में बड़ी पहल कर दी है। रेलवे बोर्ड ने गोरखपुर से लखनऊ के बीच एक सेक्शन में चौथी लाइन के सर्वे को मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही गोण्डा से बुढ़वल तक 61 किलोमीटीर लाइन के लिए सर्वे शुरू हो गया है। सर्वे पूरा करने के बाद एजेंसी अपनी रिपोर्ट निर्माण विभाग को सौंपेगी।
रिपोर्ट के आधार पर डीपीआर बनाई जाएगी। इसके बाद प्रोजेक्ट को वित्तीय मंजूरी मिलेगी। वित्तीय मंजूरी मिलते ही चौथी लाइन का भी काम शुरू हो जाएगा। एनईआर का यह पहला सेक्शन है जहां चौथी लाइन के लिए सर्वे शुरू किया गया है। चौथी लाइन बन जाने से जहां और अधिक संख्या में ट्रेनें चलाई जा सकेंगी वहीं ट्रेनों का संचलन सुविधाजनक हो जाएगा।
नहीं चल पा रही हैं प्रस्तावित ट्रेनों
थर्ड लाइन के बन जाने से ट्रेनों की स्पीड तो बढ़ेगी ही साथ ही ट्रेनों की संख्या भी बढ़ेगी। अभी लाइन की क्षमता से डेढ़ गुनी ट्रेनें चलाई जा रही हैं जिससे सभी ट्रेनों को समय पर रास्ता नहीं मिल पा रहा है। इन्हीं वजहों से ट्रेनें आए दिन लेट हो रही हैं और प्रस्तावित नई ट्रेनें नहीं चल पा रही हैं।
11 किमी थर्ड लाइन बिछाकर हो चुका है ट्रायल
छपरा से गोरखपुर होते हुए बाराबंकी तक थर्ड लाइन बिछाने का काम तेजी से चल रहा है। इस रूट पर कुछ स्टेशनों के बीच लाइन बिछाने का काम शुरू भी हो गया है जबकि पूरे कैंट से कुसम्ही तक 11 किमी थर्ड लाइन बिछाकर ट्रायल भी कर लिया गया है। छपरा से देवरिया तक जहां सर्वे शुरू हो गया है वहीं खलीलाबाद से बैतालपुर तक 85 किमी लंबी तीसरी रेल बिछाने के लिए एफएसल का काम तेजी से चल रहा है। इसके लिए 1.20 करोड़ रुपये का बजट भी जारी हो चुका है।
दो साल में पूरा हो जाएगा थर्ड लाइन का काम
वहीं गोण्डा-बुढ़वल के बीच तीसरी लाइन बिछाने का काम काफी तेजी से चल रहा है। उम्मीद जताई जा रही है कि यह काम दो साल में पूरा हो जाएगा। इस लाइन के पूरी तरह से बिछ जाने से लखनऊ से गोरखपुर व बिहार रूट पर चलने वाली यात्री ट्रेनें अब आउटर, डोमिनगढ़, नकहा और कैंट स्टेशनों पर बेवजह नहीं रुकेंगी। मालगाड़ियां भी रनथ्रू (बिना स्टेशन पर रुके) चलेंगी। गोरखपुर जंक्शन पर ट्रेनों पर लोड कम होने से बाराबंकी-गोरखपुर-छपरा रेलमार्ग पर ट्रेनों की क्षमता और रफ्तार बढ़ जाएगी।
सीपीआरओे, पंकज कुमारसिंह ने कहा कि यात्रियों की बढ़ती मांग को ध्यान में रखते हुए, लाइन क्षमता की बढ़ोतरी के लिए चौथी रेलवे लाइन के लिए गोंडा-बुढ़वल के बीच सर्वे शुरू हुआ है। इसके पूरा हो जाने के बाद डीपीआर बनेगी जिसे बोर्ड के पास आगामी कार्रवाई के लिए भेजा जाएगा।