भारतीय लैब की जांच में ‘चाइनीज’ लहसुन पास, नहीं मिला कोई हानिकाकरक तत्व
भारतीय लैब की जांच में ‘चाइनीज’ लहसुन पास हो गया है। गुरुग्राम की एनसीएमएल लैब में इसकी जांच कराई गई थी। जांच में पेस्टिसाइड या कोई हानिकाकरक तत्व नहीं मिलने की बात कही गई है।
भारत में अवैध रूप से बिक रहे चाइनीज लहसुन की जांच रिपोर्ट आ गई है। इसमें कोई हानिकारक तत्व नहीं पाया गया है। यह जांच गुरुग्राम की प्रतिष्ठित लैब से कराई गई है। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफएसडीए) ने अपनी रिपोर्ट भेज दी है। हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ के निर्देश पर यह जांच कराई गई थी। जांच रिपोर्ट के अनुसार लहसुन के नमूने से ‘कंट्री ऑफ ओरिजन’ यानी इसकी पैदावार कहां हुई यह पता नहीं लगाया जा सकता है। सूत्रों के अनुसार चाइनीज लहसुन की जांच नेशनल कोमोडिटीज मैनेजमेंट लि. (एनसीएमएल) गुरुग्राम प्रयोगशाला में कराई गई है।
यह एक अत्याधुनिक प्रयोगशाला है जो खाद्य और कृषि उत्पादों का परीक्षण और विश्लेषण करती है। जांच में विशेष तौर पर यह जानने की कोशिश की गई कि चाइनीज लहुसन में क्या खतरनाक तत्व हैं। दरअसल माह सितम्बर के दौरान हाईकोर्ट में एक याचिका दायर हुई थी। इसके आधार पर हाईकोर्ट ने चाइनीज लहसुन की बिक्री पर रोक लगाने के लिए सरकार से जानकारी मांगी थी। साथ ही सरकार ने प्रतिबंध का आदेश प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने लखनऊ के जिला मजिस्ट्रेट को पूरे शहर में एक हेल्पलाइन नंबर जारी करने का निर्देश दिया था। इसके बाद एफएसडीए की टीम ने लखनऊ की मंडियों में छापेमारी की थी।
सरकार ने किया था प्रतिबंधित
एफएसडीए के अनुसार केन्द्र सरकार ने वर्ष 2005 में चाइनीज लहसुन की बिक्री पर रोक लगाई थी। वहीं, आरोप है कि चाइनीज लहसुन को कृत्रिम तौर पर पैदा किया जाता है। इसमें रसायनों और कीटनाशकों का प्रयोग होता है। इसमें मेटाइल ब्रोमाइड नाम का सेहत के लिए बेहद हानिकारक रसायन भी होता है।
जांच में क्या पाया गया
लैब की रिपोर्ट के अनुसार जो नमूने जांच के लिए दिए गए वे एक सामान्य लहसुन के हैं। इस लहसुन में कोई हानिकारक तत्व तय पैमाने से अधिक नहीं मिला है। खानपान के लिहाज से यह सुरक्षित है। लैब की जांच में यह पता लगा पाना मुश्किल है कि लहसुन कहां, किस देश या क्षेत्र का है। भेजे गए सैंपल की प्रकृति लहसुन की है।