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Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़Houses and complexes can be built by combining two to 4 plots decision taken meeting Lucknow Housing Development Council

दो से चार भूखंडों को जोड़कर बना सकेंगे मकान, 15 मीटर से ऊंची नई बिल्डिंग के लिए रखी गई ये शर्त

  • लखनऊ में अब दो से चार भूखंडों को जोड़कर मकान या काम्पलेक्स बनाना आसान हो गया है। आवास विकास परिषद ने मीटिंग में इसकी मंजूरी दे दी है। इसके लिए 15 मीटर से ऊंची नई बिल्डिंगों को लेकर भी शर्त रखी है।

Dinesh Rathour हिन्दुस्तान, लखनऊ, प्रमुख संवाददाताWed, 18 Sep 2024 05:11 PM
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आवास विकास परिषद की प्रदेश भर की योजनाओं में अब दो से चार भूखण्डों को मिलाकर मकान व कॉम्प्लेक्स बना सकेंगे। 15 मीटर से ऊंची नई बनने वाली सभी बिल्डिंग के लिए मजबूती का प्रमाण पत्र देना होगा। साथ ही सुल्तानपुर रोड की प्रस्तावित चार योजनाओं में से दो को निरस्त कर दिया है। अपर मुख्य सचिव आवास नितिन रमेश गोकर्ण की अध्यक्षता में बुधवार को हुई आवास विकास परिषद की बोर्ड बैठक में महत्वपूर्ण फैसला लिया गया है। बैठक में आवास आयुक्त डॉ. बलकार सिंह भी मौजूद थे।

बोर्ड बैठक के बाद आवास विकास के सचिव व अपर आवास आयुक्त डॉ. नीरज शुक्ला ने बताया कि प्रदेश भर की योजनाओं में कोई भी व्यक्ति दो भूखण्डों को जोड़कर मकान बना सकेगा। चार भूखण्डों को आपस में जोड़कर दुकान व कॉम्प्लेक्स बनाया जा सकेगा। आवासीय मकान बनाने वाले को आवास विकास की दर से दो प्रतिशत आमेलन शुल्क देना होगा। व्यावसायिक मकान के लिए पांच प्रतिशत शुल्क देय होगा। 15 मीटर से ऊंची बिल्डिंग बनवाने वालों को स्ट्रक्चरल सेफ्टी व मजबूती की जांच आईआईटी व एनआईटी से करानी होगी। इसका प्रमाण पत्र देने के बाद ही पूर्णता प्रमाणपत्र (कम्प्लीशन सर्टिफिकेट) मिलेगा।

एक लाख किसानों को नई दर पर मुआवजा

विभिन्न प्रस्तावित योजनाओं के किसानों को अब वर्ष 2014 के शासनादेश के मुताबिक डीएम सर्किल रेट के बजाय शहरी क्षेत्र में जमीन की कीमत का दोगुना तथा नगर निगम की सीमा के बाहर की जमीन पर डीएम सर्किल रेट का चार गुना ज्यादा मुआवजा दिया जाएगा। यह सुविधा केवल उन योजनाओं के किसानों को मिलेगी जिनकी जमीनों का अवार्ड जिलाधिकारी के यहां से घोषित नहीं हुआ है। आगरा, मथुरा तथा कानपुर जिलों सहित प्रदेश में इससे करीब एक लाख किसान लाभान्वित होंगे।

लखनऊ व बाराबंकी की तीन योजनाएं स्थगित

आवास विकास ने लखनऊ की दो और बाराबंकी की एक योजना स्थगित कर दी है। सुल्तानपुर रोड मोहनलालगंज की 2387.620 एकड़ में प्रस्तावित भूमि विकास एवं गृहस्थान योजना संख्या-दो की जमीन एलडीए के लिए छोड़ दी है। मोहारी कला, भटवारा, रकीबाबाद, सोनई कजेहरा, सिकन्दरपुर अमोलिया, पहाड़ नगर टिकरिया तथा माढ़मऊ कला की जमीन अब एलडीए लेगा। इसी तरह भूमि विकास एवं गृहस्थान योजना संख्या-चार, मोहनलालगंज को भी छोड़ने का फैसला किया है। इसके तहत बक्कास, मस्तेमऊ, मलूकपुर ढकवा, दुलार मऊ, चौरहिया, चौरासी, नूरपुर बेहटा, माढरमऊ खुर्द, माढरमऊ कला तथा चक कंजेहरा की 3276.605 एकड़ जमीन अब एलडीए लेगा। साल 2016 में बाराबंकी आवासीय योजना के लिए 46 हेक्टेयर जमीन लेने का प्रस्ताव पास किया था। आठ वर्ष में भी अधिग्रहण की कार्रवाई नहीं शुरू हो पाई। देवा रोड स्थित इस जमीन को बिल्डरों ने ले लिया है। इसलिए आवास विकास ने इस योजना को समाप्त करने का बोर्ड में फैसला लिया।

सुल्तानपुर रोड-मोहनलालगंज में दो योजनाएं विकसित होंगी

आवास विकास सुल्तानपुर रोड मोहनलालगंज की अपनी दो आवासीय योजनाएं 4500 एकड़ में विकसित करेगा। इनमें भूमि विकास एवं गृहस्थान योजना संख्या-तीन, मोहनलालगंज के लिए देहरामऊ, पहासा, बेली, सिथौली कला, शिवलर तथा हबुआपुर की जमीन ली जाएगी। इसके विकास पर लगभग 5500 करोड़ रुपये खर्च होंगे। सुल्तानपुर रोड मोहनलालगंज की योजना संख्या एक 2093 एकड़ जमीन पर विकसित होगी। यह प्रस्तावित योजना पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे से केवल एक किलोमीटर दूरी पर है। इसके लिए चांद सराय, कासिमपुर बीरूहा, हबुआपुर, मौसम नगर, सठवारा, सिद्धपुर, भटवारा, पहाड़ नगर टिकरिया, कबीरपुर, मगहुआ व अन्य भूमि ली जाएगी।

दिवाली पर आएगी नई जेल रोड योजना

डॉ. नीरज शुक्ला ने बताया कि नई जेल रोड योजना दिवाली पर आएगी। इसका विकास 250 एकड़ में किया जाएगा। 70 प्रतिशत से ज्यादा जमीन खरीद ली गई है।

लीजहोल्ड की सम्पत्तियों पर देना होगा अनिर्माण शुल्क

आवास विकास की प्रदेश भर की लीज होल्ड सम्पत्तियों पर जिन लोगों ने 10 वर्ष से अधिक समय से निर्माण नहीं कराया है, उनसे अनिर्माण शुल्क लेकर भूखण्ड को फ्रीहोल्ड किया जाएगा और नक्शा पास होगा। 20 साल तक निर्माण न कराने पर प्रति वर्ष पांच-पांच प्रतिशत अनिर्माण शुल्क देना होगा। यह शुल्क उस समय के प्लॉट की कीमत पर देना होगा। 20 वर्ष से अधिक समय होने पर प्रति वर्ष 10-10 प्रतिशत अनिर्माण शुल्क देना होगा।

सरकारी कर्मचारी 50 प्रतिशत कीमत देकर ले सेकेंगे फ्लैट

आवास विकास के जो फ्लैट नहीं बिक रहे हैं, उन पर सरकारी, अर्ध सरकारी तथा सेना के जवानों व कर्मियों को केवल 50 प्रतिशत रकम जमा करने पर कब्जा दे देगा। रिटायर सरकारी कर्मचारी को 75 प्रतिशत रकम जमा करने पर कब्जा दिया जाएगा। फ्लैट पहले आओ पहले पाओ के आधार पर बेचा जा रहा है।

सिंगल बिड पर बिकेंगे भूखण्ड

आवास विकास की प्रदेश भर में हजारों सम्पत्तियां व भूखण्ड 10 बार से ज्यादा नीलामी के बावजूद नहीं बिके हैं। कई भूखण्ड व दुकानें तो ऐसी हैं जो दो सौ बार नीलामी में भी नहीं बिकी हैं। अब ऐसी दुकानों को सिंगल बिड के आधार पर बेचा जाएगा। इनके लिए अगर नीलामी में कोई एक खरीददार आएगा तो उसे सम्बंधित सम्पत्ति आवंटित कर दी जाएगी।

शासन से बजट मांगेगा आवास परिषद

आवास विकास अपनी लखनऊ की दो योजनाओं तथा अयोध्या की एक योजना के लिए शासन से बजट मांगेगा। मुख्यमंत्री शहरी विस्तारीकरण योजना से करीब 350 करोड़ रुपये मांगे जाएंगे।

सैनिक कॉलोनी के लोगों को मुफ्त भूखण्ड

आवास विकास अवध विहार योजना में अवध शिल्पग्राम के पास बनी सैनिक विहार कॉलोनी के लोगों को परिषद 60 से 200 वर्गमीटर तक के भूखण्ड नि:शुल्क देगा। यहां कुल 55 सैनिकों के परिवारों ने दुकानें व मकान बनाए हैं। पहले आठ सैनिकों ने भूखण्ड लेने की सहमति दी थी। उन्हें आवंटित कर दिया गया था। अब 25 और लोगों ने भूखण्ड लेने की सहमति दी है। बोर्ड ने उन्हें भी भूखण्ड देने का फैसला लिया। अन्य जो 22 लोग बचे हैं उनसे भी सहमति लेकर उन्हें भी नि:शुल्क भूखण्ड आवंटित किया जाएगा। इसके बाद परिषद इस कॉलोनी को ध्वस्त करा देगा। कॉलोनी आवास विकास के मुख्य मार्ग में आ रही है।

इन पर भी बोर्ड में हुआ फैसला

  • आवास विकास के सेवानिवृत्त प्रशासनिक अधिकारी सुधीर कुमार के खिलाफ बोर्ड ने कार्रवाई का फैसला लिया है। उन्होंने सिकन्दरा योजना, आगरा की नीलामी में भूखण्ड की पुरानी दरें भेज दी थीं। जांच में दोषी पाए गए थे।
  • आवास विकास के प्रभारी सम्पत्ति प्रबंधक मिर्जा जावेद कदर ने वृन्दावन योजना में भूखण्डों के आवंटन में धांधली की थी। तीन लोग इसमें शामिल थे। कुल 3.69 लाख की वित्तीय क्षति हुई थी। अब इनसे 1.23 लाख रुपये की रिकवरी होगी। इनके खिलाफ विजिलेंस जांच भी शुरू हुई है।
  • आवास विकास मेरठ में 50 एकड़ में आवासीय योजना विकसित करेगा। मेरठ के ट्रांसपोर्टनगर में आवास विकास का कॉम्प्लेक्स पुलिस विभाग को बेचा जाएगा। पुलिस का इस पर लम्बे समय से अवैध कब्जा था। पुलिस महकमा अब इसे खरीदने को तैयार हो गया है।
  • वृन्दावन में बने लाइट हाउस योजना के मकानों पर लगाया शमन शुल्क माफ किया गया

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