ताजमहल के आसपास धूल कणों का जबरदस्त हमला, सीवियर जोन में ताजगंज इलाका
- आगरा के प्रमुख 6 इलाकों की हवा में थोड़ा सुधार आया है, लेकिन सभी क्षेत्रों में अलग-अलग कणों में भारी उतार-चढ़ाव रिकार्ड किया गया है। सबसे बड़ा बदलाव ताजगंज इलाके में आया है। यहां शाहजहां गार्डन स्टेशन पर धूल कणों की अधिकतम मौजूदगी का स्तर 435 ‘माइक्रोग्राम पर मीटर’ पाया गया है।
Dust particles attack around Taj Mahal: देशी-विदेशी सैलानियों की सबसे ज्यादा आमद वाले ताजमहल और उसके आसपास के इलाकों पर धूल कणों का जबर्दस्त हमला हुआ है। यहां की हवा अभी से प्रदूषण के सबसे खतरनाक जोन सीवियर (गंभीर) में पहुंच गई है। इस हवा में घूमने वाले सैलानियों को खांसी, आंखों में करकराहट, गले संबंधी दिक्कतें हो सकती हैं।
सोमवार को शहर के प्रमुख छह इलाकों की हवा में थोड़ा सुधार आया है, लेकिन सभी क्षेत्रों में अलग-अलग कणों में भारी उतार-चढ़ाव रिकार्ड किया गया है। सबसे बड़ा बदलाव ताजगंज इलाके में आया है। यहां शाहजहां गार्डन स्टेशन पर धूल कणों की अधिकतम मौजूदगी का स्तर 435 ‘माइक्रोग्राम पर मीटर’ पाया गया है। इस लिहाज से यह प्रदूषण का सबसे खतरनाक छठा और अंतिम जोन है। बता दें कि प्रदूषण के छठवें जोन को ‘सीवियर’ कहा जाता है। इसमें हवा में शामिल सभी तरह के कणों की मौजूदगी 401 से 500 माइक्रोग्राम पर मीटर तक होती है। सोमवार को यह इलाका सीवियर जोन में शामिल हो गया। जबकि इस क्षेत्र में ताजमहल के साथ ताजगंज और आसपास की कालोनियां शामिल हैं। फतेहाबाद रोड का कुछ हिस्सा भी इसकी परिधि में आता है। इसी इलाके में विदेशी सैलानियों की सबसे ज्यादा आवाजाही रहती है। सबसे ज्यादा सितारा होटल भी इसी इलाके में हैं।
आंखों और गले में हो सकती है दिक्कत
सीवियर जोन में आने वाले स्वस्थ लोगों को भी परेशानियां हो सकती हैं। सबसे ज्यादा आंखों में जलन, पानी आना, करकराहट, आंखों के लाल होने जैसी दिक्कतें हैं। इनके अलावा गले में खराश, लगातार खांसी के साथ गला बैठने का भी खतरा रहता है। त्वचा को भी सूक्ष्म धूल कणों से चोट पहुंचती है। रूखी त्वचा पर स्क्रैच आ सकते हैं।
सफाई और मेट्रो निर्माण हैं कारण
ताजगंज में फतेहाबाद रोड तक के इलाके आते हैं। इस क्षेत्र में होटलों की भरमार है। रोड साइड ढाबे भी हैं। इन दिनों सभी प्रतिष्ठानों की सफाई चल रही है। सैलानियों की आमद भी बढ़ी हुई है, इसलिए वाहनों का उत्सर्जन भी बढ़ा है। इसी इलाके में मेट्रो रेल परियोजना का कार्य भी चल रहा है। यह सब कारण धूल बढ़ाने को जिम्मेदार हैं।
कूड़ा जलाते पकड़े गये तो देना होगा जुर्माना
प्रतिबंध के बाद भी सार्वजनिक स्थलों पर कूड़ा जलाने से लोग बाज नहीं आ रहे हैं। कूड़ा जलाकर हवा को प्रदूषित करने वाले लोगों के खिलाफ नगर निगम सख्त कार्रवाई करेगा। मौके पर कूड़ा जलाते पकड़े जाने पर एनजीटी नियमों के तहत जुर्माना किया जाएगा।
सफाई निरीक्षक क्षेत्रों में रख रहे नजर
कूड़ा जलाने की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए नगर निगम अब सख्त कदम उठाने जा रहा है। नगर आयुक्त अंकित खंडेलवाल ने सभी जेडएसओ, एसएफआई और इंस्पेक्टरों को आदेश दे दिये हैं कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में पैनी नजर रखें। खुले में कूड़ा जलाने वाले के खिलाफ कार्रवाई करें।
खुले में कूड़ा जलाने पर है प्रतिबंध
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने देशभर में खुले में कचरा जलाये जाने पर प्रतिबंध लगा दिया है। आगरा ताज ट्रिपेजियम जोन में आता है। ताजमहल के 50 किलोमीटर की परिधि में कूड़ा नहीं जलाया जा सकता है। खुले में कचरा जलाये जाने पर पांच हजार से 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाये जाने का प्रावधान है।
देश में चौथा प्रदूषित शहर
नालेज पार्क, ग्रेटर नोएडा 500 एमपीएम
तालकटोरा, लखनऊ 500 एमपीएम
आनंद विहार, दिल्ली 500 एमपीएम
शाहजहां गार्डन, आगरा 435 एमपीएम
गोमतीनगर, लखनऊ 414 एमपीएम
सेक्टर-116, नोएडा 345 एमपीएम
खराब श्रेणी में शाहजहां गार्डन की हवा
(आंकड़े माइक्रोग्राम प्रति मीटर में)
(मानक माइक्रोग्राम पर मीटर क्यूब)
क्षेत्र पीएम 2.5 पीएम 10 सल्फर कार्बन
औसत अधिकतम औसत अधिकतम औसत अधिकतम औसत अधिकतम
दयालबाग 56 118 41 80 00 00 11 16
रोहता 41 78 49 92 11 14 18 25
संजय प्लेस 115 230 112 146 35 66 06 09
आवास विकास 30 53 53 99 16 18 09 14
शाहजहां गार्डन 53 77 106 435 38 49 08 20
शास्त्रीपुरम 47 84 81 126 08 08 15 22
क्या बोले अफसर
डीएम अरविंद मलप्पा बंगारी ने कहा कि प्रदूषण विभाग के अधिकारियों से बात करेंगे। सुप्रीम कोर्ट की आगरा के संबंध में जो गाइड लाइन होगी। उनके अनुसार प्रदूषण को कम करने के लिए सारे उपाय किए जाएंगे। नगर आयुक्त अंकित खंडेलवाल ने कहा कि शहर के नागरिकों और दुकानदारों से अपील है कि वे घरों या दुकानों से निकले कचरे को जलाकर आबोहवा को खराब कर लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ न करें। कचरे को कूड़ा कलेक्शन वाहनों को दें।