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Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़हरदोईOn one hand the wandering farmers go hungry and on the other hand the helpless farmers

एक तरफ भूखे भटकते बेजुबान तो दूसरी तरफ बेबस किसान

हरदोई। हिन्दुस्तान संवाद अन्ना मवेशी यानी खेत-खलिहान से लेकर कस्बे की सड़कों तक...

Newswrap हिन्दुस्तान, हरदोईThu, 4 Feb 2021 09:57 PM
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हरदोई। हिन्दुस्तान संवाद

अन्ना मवेशी यानी खेत-खलिहान से लेकर कस्बे की सड़कों तक दहशत का पर्याय। किसान की नजर चूकी तो फसल बर्बाद हो जाती है। सड़क पर वाहन सवार जरा सी अनदेखी की तो जिंदगी के लिए खतरा पैदा हो जाता है। लगातार बढ़ते आतंक से निजात के लिए अभी कुछ माह पूर्व ही लोगों ने कहीं स्कूलों में पशु कैद कर दिए तो कहीं पंचायत भवन में। फिलहाल अन्ना पशुओं की समस्या बदस्तूर जारी है।

अन्ना पशुओं के कारण किसानों की खून-पसीने की कमाई प्रतिवर्ष 50 फीसदी तक खेत में ही खत्म हो जाती है। किसानों को हरियाली की जगह वीरानगी नजर आती है। किसान फसलें बचाने के लिए रतजगा करते हैं। पिहानी क्षेत्र में करीब 10 से 15 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। यह मुद्दा कभी सियासी लोगों के लिए गंभीर नहीं बन सका। राजनेताओं ने अन्ना पशुओं की समस्या से मुक्ति दिलाने की बात तो मंचों से कहीं, लेकिन नतीजा जीरो रहा।

ब्लॉक क्षेत्र में अनुमान के मुताबिक एक सीजन में अन्ना मवेशी लगभग पांच सौ एकड़ फसल चर जाते हैं। कई बार ये अन्ना पशु दुर्घटना की वजह भी बन जाते हैं। हाल ही में अन्ना पशु ने पिहानी कस्बे में एक व्यक्ति को सींग मारकर घायल कर दिया था। जिसकी इलाज के दौरान मौत हो गई थी।

गौशालाएं खोली गई, लेकिन व्यवस्था ठीक नहीं

संडीला। सोशलिस्ट पार्टी के नेता रामभरोसे ने इस समस्या को लेकर बुधवार को उपजिलाधिकारी को ज्ञापन दिया है। इसमें कहा है कि सरकार ने गौशालाएं तो खुलवा दी हैं। लेकिन उन्हें ठीक से रखने की कोई व्यवस्था नहीं है। तमाम पशु खुलेआम घूम रहे हैं। लोगों की फसलों को नुकसान कर रहे हैं। अगर कोई मवेशियों को गौशाला तक ले जाना चाहता है तो गौरक्षक लोग बवाल कर देते हैं। ऐसे लोग मारपीट करने के लिए उतारू हो जाते हैं। गांव के लोग छुट्टा पशुओं से परेशान हैं। पशु फसलों को नुकसान पहुंचा रहे है। उन्हें गौशालाओं में पहुंचाए जाने की मांग की है।

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