दुष्कर्म के अभियुक्त को सुनाई दस वर्ष सश्रम कारावास की सजा
15 हजार रुपये के अर्थदंड से किया दंडित कि गढ़मुक्तेश्वर कोतवाली में वादिनी ने मुकदमा दर्ज कराते हुए बताया था कि 7 जनवरी 2018 की रात को वह व उसके परिवा
गढ़मुक्तेश्वर कोतवाली क्षेत्र में वर्ष 2018 में एक किशोरी के साथ हुए दुष्कर्म के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश/ विशेष न्यायाधीश पोक्सो एक्ट उमाकांत जिंदल ने अभियुक्त को दस वर्ष सश्रम कारावास और 15 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है। विशेष लोक अभियोजक हरेंद्र त्यागी ने बताया कि गढ़मुक्तेश्वर कोतवाली में वादिनी ने मुकदमा दर्ज कराते हुए बताया था कि 7 जनवरी 2018 की रात को वह व उसके परिवार के सदस्य अलग अलग कमरो में सोये हुए थे। उसकी 17 वर्षीय पुत्री रसोई के बगल वाले कमरे में सोई हुई थी। रात्रि में करीब दो बजे उसके गांव का नितिन उर्फ पतराम बाल्मिकी ने उसकी पुत्री के चारपाई के पास पहुंची और अकेली पुत्री को देखकर उसे दबोच लिया । पुत्री का मुंह लिहाफ से दबा कर दुष्कर्म किया। पुत्री के शोर मचाने पर उसकी एवं उसके पड़ोसी की आंख खुल गई। जैसे ही हम लोग आंगन में पहुंचे तो आरोपी नितिन उर्फ पतराम अंधेरे का फायदा उठाकर फरारा हगो गया। पुलिस ने इस मामले में मुकदमा दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया।
विशेष लोक अभियोजक हरेंद्र त्यागी ने बताया इस मामले की सुनवाई पर अपर सत्र न्यायाधीश/ विशेष न्यायाधीश पोक्सो एक्ट में चल रही थी। उन्होंने बताया कि अपर सत्र न्यायाधीश/ विशेष न्यायाधीश पोक्सो एक्ट उमाकांत जिंदल ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद बुधवार को मामले में निर्णय सुनाया। जिसमें उन्होंने गुरुवार को मामले में निर्णय सुनाया। न्यायाधीश उमाकांत जिंदल ने दोषसिद्ध अभियुक्त नितिन उर्फ पतराम को भा.दं.सं. की धारा 452 के अन्तर्गत तीन वर्ष के सश्रम कारावास एवं पांच हजार रूपये के अर्थदंड से दंडित किया है। अर्थदंड अदा न करने की दशा में 15दिन का अतिरिक्त सश्रम कारावास भोगना होगा। अभियुक्त नितिन उर्फ पतराम को लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम की धारा 4 के अर्न्तगत 10 वर्ष के सश्रम कारावास एवं दस हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है। अर्थदंड अदा न करने की दशा में एक माह का अतिरिक्त सश्रम कारावास भोगना होगा।सभी सजाएं एक साथ चलेंगी। अभियुक्त द्वारा दिए गए समस्त अर्थदंड की 80 प्रतिशत धनराशि पीड़ित को बतौर प्रतिकर देय होगी। पोक्सो एक्ट के प्रावधानों के अनुसार पीड़िता को पुनर्वास हेतु पचास हजार रुपये की प्रतिकर धनराशि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, हापुड़ द्वारा पीड़िता को देय होगी।
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