दूसरे दिन खतरे के निशान के नीचे आई यमुना
0 दोनों नदियों के घटने से तटीय इलाकों के बाशिंदों ने ली राहत की सांस 0 खतरे के निशान के पार जाकर दो दिनों से थमा हुआ था यमुना का जल स्तर 0 बाढ़ का पानी
हमीरपुर, संवाददाता। यमुना-बेतवा नदियों के जल स्तर में गिरावट आने लगी है। इससे तटीय इलाकों में बाढ़ को लेकर व्याप्त दहशत कम होने लगी है। रविवार की दोपहर बाद यमुना नदी खतरे के निशान से नीचे आ गई। उधर, बाढ़ग्रस्त इलाकों में वायरल फीवर के मरीजों की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है। स्वास्थ्य विभाग की टीमें भ्रमण कर बीमारों का उपचार कर रही हैं।
मौदहा बांध के अधिशाषी अभियंता करन पाल सिंह गंगवार ने बताया कि दोनों नदियों का जल स्तर घट रहा है। बाढ़ का कोई खतरा नहीं है। किसी भी बांध से पानी छोड़े जाने की कोई सूचना भी नहीं है। रविवार की शाम पांच बजे यमुना का जल स्तर 103.440 मीटर और बेतवा 102.840 मीटर पर था। यमुना नदी खतरे के निशान के नीचे आ चुकी है। धीरे-धीरे जल स्तर नीचे जा रहा है।
सरीला सीएचसी के चिकित्साधिकारी डॉ.राहुल सचान ने बताया कि तहसील क्षेत्र में बेतवा नदी में बाढ़ का पानी घटने से इलाके में उल्टी-दस्त, खुजली व बुखार के मरीज अचानक बढ़ गए हैं। लोगों को पानी उबाल कर पीने, फुल आस्तीन के कपड़े पहने, ताजा भोजन करने की सलाह दी जा रही है। बाढ़ प्रभावित इलाकों में टीमों को लगाया है। उन्होंने बताया कि रविवार के दिन बाढ़ प्रभावित जलालपुर-चंडौत पीएचसी में गांव में आरोग्य मेले का आयोजन किया गया, जहां जलालपुर 13 व चंडौत 15 मरीज मरीजों का उपचार किया गया। जलालपुर में फार्मासिस्ट अजय मोहन व चंडौत में देवेश यादव द्वारा मरीजों का उपचार किया गया। साथ में लैब असिस्टेंट रणवीर, वार्डब्वॉय दीपक कुमार व भूपेंद्र, एएनएम शमा परवीन ने मरीजों को देखा। जिटकरी डांडा में फार्मासिस्ट ओमप्रकाश द्वारा 25 मरीजों को व कुपरा, कनेरा गांव में फार्मासिस्ट अजय मोहन ने 50 मरीजों का उपचार किया। गांवों में वायरल बुखार के मरीजों की भरमार मिली हैं। जिन्हें दवाएं दी गई हैं।
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