Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़group elephants that came from Nepal has been creating havoc for 22 days destroying crops Kheri Shahjahanpur Pilibhit

नेपाल से आए हाथी 22 दिन से मचा रहे उत्पात, खीरी, शाहजहांपुर और पीलीभीत में फसलों को रौंदा

  • नेपाल के शुक्लाफांटा जंगल से आया हाथियों का दल इन दिनों यूपी के तीन जिलों में जमकर उत्पात मचा रहा है। ये हाथी रोज ठिकाना बदल रहे हैं। फिलहाल इनकी लोकेशन दुधवा के मैलानी रेंज में पाई जा रही है।

Dinesh Rathour हिन्दुस्तान, लखीमपुर, वरिष्ठ संवाददाताSat, 2 Nov 2024 06:11 PM
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नेपाल के शुक्लाफांटा जंगल से आया हाथियों का दल खीरी, शाहजहांपुर और पीलीभीत में उत्पात मचा रहा है। ये हाथी रोज ठिकाना बदल रहे हैं। फिलहाल इनकी लोकेशन दुधवा के मैलानी रेंज में पाई जा रही है। वहां जंगल से सटे गांवों में हाथी फसलों को रौंद चुके हैं। वन विभाग को आशंका है कि गुस्से में हाथी हमलावर भी हो सकते हैं। इस वजह से किसानों को अलर्ट किया गया है। नेपाल से आए हाथियों का दल दो हिस्सों में बंटा है। एक में चार और दूसरे दल में पांच हाथी हैं। ये हाथी अलग-अलग इलाकों को नापते हुए बढ़ रहे हैं। इनको पहले किशनपुर, फिर खुटार और बाद में पीलीभीत टाइगर रिजर्व के जंगल के पास देखा गया। इनमें से एक दक्षिण खीरी के मोहम्मदी वन रेंज तक पहुंच गया था। वहां से खदेड़े जाने के बाद हाथी दल फिर मैलानी वन रेंज के गांवों में पहुंच गया है। अब ये यहां फसलों को रौंद रहे हैं। कई गांवों में हाथी किसानों की फसल तबाह कर चुके हैं।

दीवाली से पहले ही आ गए थे

हाथियों के दो दल नेपाल के शुक्ला फांटा नेशनल पार्क से निकलकर शारदा नदी पार कर दुधवा टाइगर रिजर्व के जंगलों में आकर महीनों प्रवास करते हैं। उनकी वापसी दिवाली से पहले हो जाती थी। पर इस बार हाथी दीवाली के पहले ही आए और 22 दिनों से जमे हुए हैं। हाथियों की मौजूदगी किसानों ही नहीं, वन विभाग के लिए भी चुनौती बनी हुई है।

ले चुके हैं किसानों की जान, अलर्ट जारी

हाथी इससे पहले भी दक्षिण खीरी की मोहम्मदी, बफर जोन की निघासन रेंज में तीन किसानों की जान ले चुके हैं। इस वजह से वन विभाग ने किसानों को अलर्ट जारी किया है। दुधवा टाइगर रिजर्व के निदेशक ललित वर्मा ने बताया कि कुछ क्षेत्रों में हाथियों क मौजूदगी की सूचना मिली है। वहां लोगों को अलर्ट किया गया है कि रात को खेत पर न सोएं। खेत बचाना है तो मचान का प्रयोग करें। इसके अलावा हाथी देखे जाने पर वन विभाग को सूचित करें। उनको भगाने या उकसाने का प्रयास न करें।

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