सर्वे में खेल, गांव की सड़क ही गायब
जगदीशपुर-जंगल कौड़िया फोरलेन रिंग रोड सर्विस रोड, अंडरपास की मांग को लेकर ग्रामीणों ने रोक
गोरखपुर, निज संवाददाता। जगदीशपुर-जंगल कौड़ियां फोरलेन रिंग रोड के निर्माण के लिए किए गए सर्वे में गांव की सड़क ही गायब हो गई। सर्वेयर ने गांव से खेतों की ओर जाने वाली 40 कड़ी की सड़क की अनदेखी करके रिपोर्ट तैयार कर दी। जिसके आधार पर निर्माण कार्य भी शुरू हो गया। सर्वेयर की लापरवाही का खामियाजा ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है। स्थानीय लोगों के विरोध के कारण काम ठप होने से कार्यदायी संस्था को भी नुकसान उठाना पड़ रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि जब तक रास्ता नहीं मिलेगा। तब तक फोरलेन हाईवे का काम नहीं होने दिया जाएगा।
जगदीशपुर से लेकर जंगल कौड़िया तक 26 किमी तक फोरलेन रिंग रोड का निर्माण कराया जा रहा है। इस रोड पर मठिया गांव के पास खेतों तक जाने वाले रास्ते की अनदेखी की गई है। यह जानकारी लोगों को तब हुई, जब निर्माण शुरू कराया गया। गांव के लोगों की खेती जिस तरफ है। फोरलेन रिंग रोड बन जाने से उधर जाने का रास्ता बंद हो जाएगा। कृषि संबंधित कोई वाहन खेतों में नहीं पहुंच पाएगा। इससे एक हजार बीघा से अधिक खेती प्रभावित होगी। उसे परती छोड़ना पड़ेगा। इससे गुस्साए लोगों ने पांच दिन पूर्व ड्रेन के लिए चल रहे निर्माण को बंद करा दिया।
बुधवार को एनएचएआई और निर्माण कंपनी के अधिकारी मौके पर पहुंचे। लोगों से काम शुरू कराने देने का अनुरोध किया। आश्वासन दिया कि अंडरपास या साइडलेन के संबंध में प्रस्ताव भेजा जाएगा। लेकिन एक माह बाद ही कोई फैसला हो सकेगा। इस पर आपत्ति जताते हुए ग्रामीणों ने अधिकारियों को लौटा दिया।
मिली जानकारी के अनुसार, सड़क निर्माण के दौरान किसी का रास्ता नहीं रोका जा सकता है। इसमें लोगों की सुविधा का पूरा ध्यान रखा जाना चाहिए। किसी गांव के आसपास जब कोई फोरलेन या सिक्सलेन सड़क गुजरती है। तो उसे क्रास करने वाले आसपास के सभी रास्तों को एक जगह पर मिलाकर साइडलेन के जरिए अंडरपास से क्रास कराया जाता है। लेकिन मठिया गांव के पास रिंग रोड के निर्माण कार्य में इसकी अनदेखी का आरोप है। जबकि, वहां पहले से 40-40 कड़ी के दो रोड हैं, जिनका सर्वेयर ने सर्वे में जिक्र नहीं किया। इससे अब समस्या खड़ी हो गई है। सर्वे में विवादित स्थान या अन्य किसी जगह पर कोई रोड नहीं दिखाई गई। इसलिए ग्रामीणों को रास्ता मिलने में मुश्किल आ रही है।
स्थानीय निवासी हरिकेश, केशव, बृजभान, राम गोपाल, दीनानाथ सहित अन्य लोगों का कहना है कि जब तक ग्रामीणों को गांव से खेतों तक जाने का रास्ता नहीं मिलेगा। तब तक काम ठप रहेगा। सर्वे कंपनी की गलती का खामियाजा ग्रामीण क्यों भुगतेंगे। हालांकि कार्यदायी फर्म और एनएचएआई के अधिकारी ग्रामीणों से बात करके काम शुरू कराने का अनुरोध करते हुए कोई न कोई विकल्प निकालने की बात कह रहे हैं।
ग्रामीणों की सुविधा का रखेंगे ख्याल, जल्द निकालेंगे विकल्प
एनएचएआई के परियोजना निदेशक ललित प्रताप पाल ने बताया कि ग्रामीणों की सुविधा का पूरा ध्यान रखा जाएगा। सड़क का निर्माण लोगों की सुविधा के लिए किया जा रहा है। ग्रामीण अपने खेतों तक पहुंच सकें, इसके लिए विकल्प की तलाश की जा रही है। उच्चाधिकारियों को समस्या से अवगत कराया गया है। जल्द ही इसका समाधान कर लिया जाएगा।
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