अंतरिक्ष का क्षेत्र दिलचस्प, उसके बारे में जानें छात्र : नम्बी नारायणन
गोरखपुर में मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में इसरो के पूर्व वैज्ञानिक पद्मभूषण एस नम्बी नारायणन ने अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में भारत की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला।...
गोरखपुर, निज संवाददाता। इसरो के पूर्व रॉकेट वैज्ञानिक पद्मभूषण एस नम्बी नारायणन ने कहा कि अंतरिक्ष का क्षेत्र बहुत दिलचस्प है। उसके बारे में इंजीनियरिंग छात्रों को जानना चाहिए। इसरो ने अपनी स्थापना के बाद बड़ी प्रतिष्ठा कमाई है। महान वैज्ञानिकों विक्रम साराभाई, प्रो. सतीश धवन और प्रो. यूआर राव ने अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में भारत को बुलंदियों पर पहुंचाया। नम्बी नारायणन गुरुवार को मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के 9वें दीक्षांत समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। इसरो क्या है? क्या और कैसे काम करता है इसके बारे में छात्रों को विस्तार से बताया। अपनी स्मृतियों को साझा करते हुए उन्होंने कहा कि जीवन में अच्छी और कठिन दोनों परिस्थितियां आईं। रॉकेट और मिसाइल के क्षेत्र में कई बड़ सफलताएं देश को मिलीं। रॉकेटरी में अग्रणी देशों यूएसए, रूस और फ्रांस के साथ समझौता करके भारत ने अंतरिक्ष विज्ञान में सफलता की बुलंदियों को प्राप्त किया। मुझे कई देशों से ऑफर आए लेकिन मैंने विक्रम साराभाई के साथ काम करना चुना। उन्होंने पीएसएलवी, जीएसएलवी, चन्द्रयान-1, चन्द्रयान-2, चन्द्रयान-3, मंगलयान के प्रक्षेपण के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि भारत आज गगनयान पर भी काम कर रहा है। डीएससी की मानद उपाधि दिए जाने के लिए उन्होंने एमएमएमयूटी प्रशासन के प्रति आभार व्यक्त किया।
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