यूपी के किसानों के लिए गुड न्यूज, पैदावार-आय बढ़ाएगी कानपुर आईआईटी की खाद
- यूपी के किसानों के लिए गुड न्यूज है। किसानों की पैदावार और आय को आईआईटी कानपुर की खाद बढ़ाएगी। यह मिट्टी को स्वस्थ रखने संग उसमें जरूरी पोषकतत्वों की मात्रा में भी वृद्धि करेगी।
उत्तर प्रदेश के किसानों की पैदावार और उपज को आईआईटी कानपुर की खाद बढ़ाएगी। यह मिट्टी को स्वस्थ रखने संग उसमें जरूरी पोषकतत्वों की मात्रा में भी वृद्धि करेगी। जिससे फसलों का न सिर्फ अच्छा उत्पादन होगा बल्कि रसायन रहित होने से वह लोगों के स्वास्थ्य के लिए लाभप्रद होगा। यह विशेष खाद आईआईटी के स्टार्टअप एलसीबी फर्टिलाइजर ने विकसित की है। इसके लिए उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की मौजूदगी में उत्तर प्रदेश ग्रामीण आजीविका मिशन और एलसीबी फर्टिलाइजर के बीच समझौता हुआ है। जल्द ही ग्रामीण इलाकों में खेती कर रहे किसानों को यह विशेष खाद उपलब्ध होगी।
फर्टिलाइजर के फाउंडर अक्षय श्रीवास्तव के मुताबिक रसायनों के इस्तेमाल से मिट्टी की उर्वरकता लगातार कम हो रही है जिससे न सिर्फ मिट्टी का स्वास्थ्य खराब हो रहा है बल्कि पैदावार में भी कमी आ रही है। इससे किसानों की आय में लगातार कमी आ रही है। इसे देखते हुए कोविड काल में नैनोटेक्नोलॉजी की मदद से जैविक खाद विकसित की है। इस खाद में किसी रसायन का इस्तेमाल नहीं है। इसमें मिट्टी के मित्र जीवाणु हैं, जो मिट्टी में जाते ही उसकी उर्वरकता बढ़ाते हैं। यह विशेष खाद नैनोटेक्नोलॉजी पर आधारित है, जिससे पानी की भी बचत होती है। स्टार्टअप के फाउंडर अक्षय श्रीवास्तव ने बताया कि यूपी सरकार की मदद से यह मिशन प्रदेश में 70 एफपीओ का पंजीकरण कर रही है, जिसमें 10 एफपीओ को मॉडल के रूप में विकसित करना है। इन एफपीओ में एलसीबी फर्टिलाइजर जैविक खाद के निर्माण से लेकर किसानों को तकनीकी खेती के बारे में भी जानकारी देगा। किसी किसान को खुद खाद निर्माण करना तो वैज्ञानिकों की टीम तकनीकी ज्ञान देगी।
उत्तर प्रदेश के किसानों की पैदावार और उपज को आईआईटी कानपुर की खाद बढ़ाएगी। यह मिट्टी को स्वस्थ रखने संग उसमें जरूरी पोषकतत्वों की मात्रा में भी वृद्धि करेगी। जिससे फसलों का न सिर्फ अच्छा उत्पादन होगा बल्कि रसायन रहित होने से वह लोगों के स्वास्थ्य के लिए लाभप्रद होगा। यह विशेष खाद आईआईटी के स्टार्टअप एलसीबी फर्टिलाइजर ने विकसित की है। इसके लिए उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की मौजूदगी में उत्तर प्रदेश ग्रामीण आजीविका मिशन और एलसीबी फर्टिलाइजर के बीच समझौता हुआ है। जल्द ही ग्रामीण इलाकों में खेती कर रहे किसानों को यह विशेष खाद उपलब्ध होगी।
फर्टिलाइजर के फाउंडर अक्षय श्रीवास्तव के मुताबिक रसायनों के इस्तेमाल से मिट्टी की उर्वरकता लगातार कम हो रही है जिससे न सिर्फ मिट्टी का स्वास्थ्य खराब हो रहा है बल्कि पैदावार में भी कमी आ रही है। इससे किसानों की आय में लगातार कमी आ रही है। इसे देखते हुए कोविड काल में नैनोटेक्नोलॉजी की मदद से जैविक खाद विकसित की है। इस खाद में किसी रसायन का इस्तेमाल नहीं है। इसमें मिट्टी के मित्र जीवाणु हैं, जो मिट्टी में जाते ही उसकी उर्वरकता बढ़ाते हैं। यह विशेष खाद नैनोटेक्नोलॉजी पर आधारित है, जिससे पानी की भी बचत होती है। स्टार्टअप के फाउंडर अक्षय श्रीवास्तव ने बताया कि यूपी सरकार की मदद से यह मिशन प्रदेश में 70 एफपीओ का पंजीकरण कर रही है, जिसमें 10 एफपीओ को मॉडल के रूप में विकसित करना है। इन एफपीओ में एलसीबी फर्टिलाइजर जैविक खाद के निर्माण से लेकर किसानों को तकनीकी खेती के बारे में भी जानकारी देगा। किसी किसान को खुद खाद निर्माण करना तो वैज्ञानिकों की टीम तकनीकी ज्ञान देगी।
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तंजानिया में मिला खेती का लाइसेंस
अफ्रीका के तंजानिया में अब कानपुर की खाद से खेती होगी। तंजानिया सरकार ने विभिन्न ट्रायल और परीक्षणों के बाद आईआईटी कानपुर के स्टार्टअप एलसीबी फर्टिलाइजर की जैविक खाद नवकोष को लाइसेंस जारी कर दिया है। अब एलसीबी फर्टिलाइजर की जैविक खाद की न सिर्फ तंजानिया में बिक्री होगी एलसीबी फर्टिलाइजर के फाउंडर अक्षय श्रीवास्तव ने बताया कि यह पहली जैविक खाद होगी, जिसके उत्पादन व बिक्री के लिए तंजानिया सरकार ने लाइसेंस दिया है। उन्होंने बताया कि तंजानिया सरकार के प्रतिनिधि डेढ़ वर्ष पहले आईआईटी कानपुर आए थे और इस विशेष खाद के परीक्षण की इच्छा जताई थी। तंजानिया सरकार के प्रतिनिधियों ने पिछले एक वर्ष के दौरान इस जैविक खाद का प्रयोगशाला और खेतों में परीक्षण किया गया।
आईआईटी कानपुर प्रोफेसर-इन-चार्ज प्रो. दीपू फिलिप ने बताया कि संस्थान के स्टार्टअप इंक्यूबेशन एंड इनोवेशन सेंटर का स्टार्टअप एलसीबी फर्टिलाइजर जैविक खाद विकसित कर रहा है। नैनोटेक्नोलॉजी पर आधारित यह विशेष खाद मिट्टी की उर्वरकता बढ़ाने संग पैदावार में वृद्धि हो रही है। किसानों संग जनमानस को भी लाभ मिलेगा।