अगले 5 सालों में होगा 50 हजार करोड़ का डिफेंस एक्सपोर्ट, कानपुर आईआईटी में बोले राजनाथ सिंह
- रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा अगले पांच सालों में 50 हजार करोड़ से अधिक का रक्षा निर्यात किया जाएगा। वर्तमान में यह 23 हजार करोड़ का है। 10 वर्ष पहले तक सिर्फ पांच हजार करोड़ का रक्षा निर्यात होता था।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह शनिवार को कानपुर पहुंचे। यहां उन्होंने आईआईटी की स्थापना दिवस पर कहा अगले पांच सालों में 50 हजार करोड़ से अधिक का रक्षा निर्यात किया जाएगा। वर्तमान में यह 23 हजार करोड़ का है। 10 वर्ष पहले तक सिर्फ पांच हजार करोड़ का रक्षा निर्यात होता था। मतलब, देश डिफेंस सेक्टर में आत्मनिर्भर बन रहा है। शनिवार को आईआईटी कानपुर के 65वें स्थापना दिवस के मौके पर राजनाथ ने कहा, तकनीक के मंदिर में आया हूं। बिना कुछ मांगे नहीं जाऊंगा।
रक्षामंत्री ने कहा किन आईआईटी कानपुर के जरिए सिर्फ रक्षा ही नहीं, बल्कि तकनीक के क्षेत्र में भी देश को नंबर वन बनाना है। वर्तमान में एडवांस्ड टेक्नोलॉजी में अमेरिका, दक्षिण कोरिया और इजरायल सबसे आगे हैं। भारत को भी इसी श्रेणी में पहुंचाना है। पहली श्रेणी में यूएस, इजरायल है, जो एडवांस्ड टेक्नोलॉजी में लगातार आगे बढ़ रहे हैं। दूसरी श्रेणी में यूरोप के देश हैं, जिनसे उम्मीद तो है लेकिन वे उतना अच्छा प्रयास नहीं कर रहे हैं। तीसरी श्रेणी में भारत है, जो एडवांस्ड टेक्नोलॉजी में बेहतर करने की ओर बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस ऐसा सेक्टर है, जिसे पूरी दुनिया सबसे अधिक प्राथमिकता दे रही है। यह अत्याधुनिक तकनीक में बड़ा चैलेंज भी है जिसमें आईआईटी कानपुर प्रयास करे तो देश को बड़ा स्थान दिला सकता है।
वह चैलेंज ही क्या... जिसे आईआईटी कानपुर ने पूरा न किया हो
राजनाथ ने कहा कि आईआईटी कानपुर ने पूरी दुनिया को 45 हजार से अधिक ब्रिलियंट स्टूडेंट्स दिए हैं। मैंने 50 से अधिक देशों का भ्रमण किया, जहां विज्ञान और नवाचार के क्षेत्र में आईआईटी कानपुर का नाम सर्वोपरि लिया जाता है। उन्होंने कहा कि वह चैलेंज ही क्या...जिसे आईआईटी कानपुर ने लिया न हो और पूरा न किया हो। इसलिए आगे भी उम्मीद है कि वह हर चैलेंज को पूरा करता रहेगा। उन्होंने कहा कि मेरे साथ काम कर रहे डिफेंस एंड प्रोडक्शन सेक्रेटरी संजीव कुमार, रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव की प्रतिभा किसी से छिपी नहीं है, ये दोनों आईआईटी के पूर्व छात्र हैं।
उन्होंने कहा कि कानपुर ने देश को कई रत्न दिए हैं। तात्या टोपे, गणेश शंकर विद्यार्थी, कैप्टन लक्ष्मी सहगल, श्यामलाल गुप्त पार्षद आदि। आईआईटी कानपुर का योगदान तो देश के साथ पूरी दुनिया की समृद्धि में है। उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित सभी सदस्यों को एक पेड़ मां के नाम लगाने का आग्रह भी किया। इससे पहले रक्षामंत्री ने संस्थान में आयोजित डिफेंस स्टार्टअप शो-केस का उद्घाटन भी किया और एक-एक स्टार्टअप से तकनीक व नवाचार की जानकारी ली। उन्होंने अधिकतर स्टार्टअप को विस्तार से प्रजेंटेशन तैयार कर सेना के सम्मुख प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। रक्षामंत्री ने इनोवेशन के आइडिया से स्टार्टअप तक नहीं बल्कि उत्पादन तक कराने की जिम्मेदारी आईआईटी को सौंपी।
स्पेस वार की बढ़ रही संभावना
राजनाथ सिंह ने कहा कि वर्तमान में ईरान-इजरायल, रूस-यूक्रेन, इजरायल-हमास के बीच युद्ध चल रहा है, जिसमें ड्रोन, गाइडेड मिसाइल, साइबर हमले का तेजी से प्रयोग हो रहा है। ऐसे में स्पेस वार का खतरा बढ़ गया है। इसलिए देश को रक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर होना जरूरी है। जिसमें सरकार रिसर्च करने वाले शिक्षण संस्थानों के साथ है। जिसमें आईआईटी कानपुर प्रमुख भूमिका निभाएगा।
मैं टीचर हूं... इसलिए कह रहा हूं
उन्होंने पूर्व व वर्तमान छात्रों को गणित व फिजिक्स के फॉर्मूलों के माध्यम से भी सीख दी। कहा मैं टीचर हूं, इसलिए कह रहा हूं। किसी हार से डरने की जरूरत नहीं है। क्योंकि मेहनत की है तो कामयाबी जिंदगी के किसी भी क्षण पर जरूर मिलेगी। उन्होंने कहा कि नकल अध्यादेश को लाना मेरी जिंदगी का सबसे बेहतरीन फैसला था। जिसने प्रतिभा को असली मंजिल तक पहुंचाने का काम किया है। हालांकि उस दौर में मुझे सबसे अधिक गालियां मिलीं और मेरी फोटो के संग भी अभद्रता की गई।
आईआईटी कानपुर की तरह होना चाहिए इंसान
राजनाथ ने कहा कि आईआईटी में प्रवेश किया तो अजीब लगा। क्योंकि यहां का मुख्य द्वार बहुत सामान्य था। आगे बढ़ा तो पर्यावरण, तकनीक, शैक्षणिक वातावरण नजर आने लगा। इंसान को भी इसी तरह होना चाहिए। बाहर से बिल्कुल सामान्य और अंदर प्रतिभा का धनी जिसका उपयोग देश व समाज के लिए हो।
सूत्र, सी3आई और मेडिकल कॉलेज की प्रशंसा
राजनाथ सिंह ने आईआईटी के प्रयासों की जमकर सराहना की। कहा, कोविड संक्रमण काल में सूत्र की भविष्यवाणी ने देश व समाज को आपदा से लड़ने की ताकत दी। सरकार ने इसी भविष्यवाणी से मेडिकल सुविधाएं समेत अन्य तैयारियों को अंतिम रूप दिया। सी3आई हब साइबर सिक्योरिटी पर बेहतरीन काम कर रहा है। मेडिकल कॉलेज देश को चिकित्सा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाएगा।