यूपी के बिजली उपभोक्ताओं के लिए गुड न्यूज, स्मार्ट मीटर के खर्च से मिलेगी छूट
उत्तर प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं के लिए अच्छी खबर है। बिजली उपभोक्ताओं को स्मार्ट मीटर के खर्च से छूट मिलेगी। आयोग ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि स्मार्ट मीटर स्थापना का कोई भी खर्च उपभोक्ताओं पर नहीं डाला जाएगा
यूपी के बिजली उपभोक्ताओं के लिए अच्छी खबर है।उपभोक्ताओं को स्मार्ट मीटर के खर्च से छूट मिलेगी। विद्युत नियामक आयोग अध्यक्ष अरविंद कुमार, सदस्य संजय सिंह ने नई दरों का ऐलान करते कहा कि पांचवें साल भी उत्तर प्रदेश में बिजली दरों में कोई इजाफा नहीं होगा और दरें यथावत रहेंगी। बिजली कंपनियों ने 11203 करोड़ के प्रस्तावित गैप के एवज में बिजली दरों में बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया था। बिजली कंपनियों की तरफ से जो कुल एआरआर लगभग एक लाख 1784 करोड़ दिखाया गया था, उसमें भी भारी कटौती की गई है। 1944 करोड़ इस वर्ष भी सरप्लस निकला है। आयोग ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि स्मार्ट मीटर स्थापना का कोई भी खर्च उपभोक्ताओं पर नहीं डाला जाएगा। स्मार्ट प्रीपेड मीटर पर कनेक्शन जोड़ने व काटने के लिए 50 रुपये प्रस्तावित शुल्क को नियामक आयोग ने खारिज कर दिया है।
तीन किलोवाट वालों को भी मिलेगा 3-फेज कनेक्शन: अब 3 किलोवाट के उपभोक्ता भी 3-फेज कनेक्शन ले सकते हैं। अभी तक यह सुविधा 5 किलोवाट कनेक्शन वालों को ही मिलती है। इस महत्वपूर्ण फैसले से तीन किलोवाट वाले उपभोक्ताओं को बेहतर बिजली का विकल्प मिल सकेगा। इस वर्ष बिजली दरों का निर्धारण 10.67 प्रतिशत लाइन हानियों के आधार पर किया गया है।
हरित ऊर्जा दर में कमी:आयोग ने हरित ऊर्जा (ग्रीन टैरिफ) को घटाते हुए वित्त वर्ष 2023-24 के 0.44 प्रति यूनिट से 0.36 प्रति यूनिट कर दिया है, जिससे हरित ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा मिलेगा और यह उपभोक्ताओं के लिए किफायती होगी।
परिषद बोला, फैसला उपभोक्ताओं की जीत
राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने बिजली दरें न बढ़ाए जाने के फैसले को प्रदेश के उपभोक्ताओं की जीत बताया। परिषद अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश वर्मा ने कहा कि विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी नई बिजली दर का अध्ययन किया जाएगा। इसके बाद आगे की रणनीति के तहत पहले से उपभोक्ताओं के निकले सरप्लस 33122 करोड़ व वर्तमान में निकले सरप्लस को जोड़कर आयोग के सामने पुनर्विचार जनहित याचिका दाखिल करते हुए बिजली दरों में कमी करने को लेकर फिर एक बार संघर्ष किया जाएगा। जब तक बिजली दलों में कमी नहीं हो जाएगी, यह संघर्ष जारी रहेगा।