यूपी में घरों का नक्शा पास कराना होने जा रहा बेहद आसान, खर्च में भी 90 फीसदी की कमी
यूपी में घरों का नक्शा पास कराना बेहद आसान होने जा रहा है। यही नहीं खर्च में भी 90 फीसदी की कमी आएगी। लखनऊ विकास प्राधिकरण एक नया सॉफ्टवेयर तैयार करा रहा है। यह सॉफ्टवेयर न केवल लखनऊ बल्कि प्रदेश के अन्य नगर विकास प्राधिकरणों के लिए भी बना रहा है। पूरे प्रदेश के लोगों को लाभ मिलेगा।

अब घरों का नक्शा पास कराने की प्रक्रिया पूरे यूपी में बेहद सरल और सस्ती होने जा रही है। खर्च में भी 90 फीसदी की कमी आएगी। लखनऊ विकास प्राधिकरण एक नया सॉफ्टवेयर तैयार करा रहा है, जिससे आर्किटेक्ट्स को न सिर्फ कम खर्च में, बल्कि आसान तरीके से भवन नक्शा पास कराने की सुविधा मिलेगी। यह नई व्यवस्था पुराने जटिल सिस्टम की तुलना में कहीं अधिक अनुकूल और पारदर्शी होगी। इससे पूरे प्रदेश के लोग अपने मकान का नक्शा बहुत आसानी से पास करा सकेंगे। शासन ने इसे तैयार करने की जिम्मेदारी एलडीए वीसी प्रथमेश कुमार को दी है। यह लगभग बनकर तैयार हो गया है। एक महीने में इसे लागू किया जाएगा। इसे फास्ट पास नाम दिया गया है।
इस सॉफ्टवेयर की सबसे बड़ी खासियत यह है कि अब कोई भी पंजीकृत आर्किटेक्ट ऑटो कैड सॉफ्टवेयर पर नक्शा बनाकर सीधे ऑनलाइन अपलोड कर सकेगा। पहले नक्शा पास कराने के लिए प्री डीसीआर सिस्टम का उपयोग होता था, जो तकनीकी रूप से जटिल था और सीमित संख्या में ही आर्किटेक्ट्स इसका संचालन कर पाते थे। पूरे लखनऊ में लगभग 20 आर्किटेक्ट ही इस पुराने सिस्टम के तहत ऑनलाइन नक्शा दाखिल कर पाते थे। जटिल प्रक्रिया होने से आर्किटेक्ट लोगों से नक्शा बनाने की फीस काफी ज्यादा लेते थे। नए सिस्टम की शुरुआत के बाद प्रदेश भर के सभी पंजीकृत आर्किटेक्ट्स को यह सुविधा मिलेगी कि वे अपना डिज़ाइन ऑनलाइन जमा कर सकेंगे। तय प्रक्रिया के तहत नक्शा पास करा सकेंगे। इससे प्राधिकरण के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी और पारदर्शिता भी बढ़ेगी। इस बदलाव से आम जनता को भी सीधा लाभ मिलेगा। क्योंकि नक्शा पास कराने में आने वाला खर्च अब काफी कम हो जाएगा।
खर्चे काफी कमी होगी
अभी भवन स्वामियों को नक्शा पास कराने में आर्किटेक्ट को 50,000 रुपये तक फीस देनी पड़ती थी। इसके अलावा विभिन्न तकनीकी शुल्क, प्रक्रियागत जटिलता और बिचौलियों की भूमिका रहती थी। लेकिन नई प्रणाली के तहत यह खर्च घटकर मात्र 5,000 से 7,000 रुपये के बीच हो जाएगा। लागत में लगभग 90% की कमी आ जाएगी। जो मध्यम वर्ग और छोटे निर्माणकर्ताओं के लिए बड़ी राहत देगी।
पूरे प्रदेश के लिए बन रहा सॉफ्टवेयर
एलडीए यह सॉफ्टवेयर न केवल लखनऊ बल्कि प्रदेश के अन्य नगर विकास प्राधिकरणों के लिए भी बना रहा है। इससे योजना और भवन निर्माण कार्यों में गति आएगी और डिजिटल इंडिया के लक्ष्य को भी बल मिलेगा। अधिकारियों का कहना है कि सॉफ्टवेयर की निगरानी और संचालन के लिए अलग से तकनीकी सेल भी गठित होगी। ताकि प्रक्रिया में कोई तकनीकी बाधा न आए और उपयोगकर्ताओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो।
एलडीए उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने बताया कि नक्शे पास करने का नया साफ्टवेयर तैयार कराया जा रहा है। इससे नक्शा पास कराना आसान हो जाएगा। करीब एक महीने में इसे लागू कर दिया जाएगा। इसी साफ्टवेयर से पूरे प्रदेश में नक्शा पास किया जाएगा।