गंगा एक्सप्रेसवे होगा ईको फ्रेंडली, दोनों तरफ बनाई जाएगी 1.5 मीटर ऊंची बाउंड्रीवॉल
- यूपीडा ने गंगा एक्सप्रेसवे को पूरी तरह पर्यावरण संरक्षण के लिहाज सुरक्षित बनाने के लिए कई तरह की व्यवस्थाएं की हैं। केंद्र और राज्य के पर्यावरण संस्थानों के सुझावों और गाडइलाइंस का पालन किया गया है। गंगा एक्सप्रेसवे की राह में तीन पक्षी विहार भी हैं। इन्हें शोरगुल से बचाने का भी इंतजाम होगा।

Ganga Expressway News: यूपी में तेजी से निर्माणाधीन गंगा एक्सप्रेसवे को पूरी तरह ईको फ्रेंडली बनाने की तैयारी है। यही नहीं वन्य जीवों को सुरक्षित रास्ता देने व हादसे रोकने के लिए पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं। पूरे एक्सप्रेसवे के दोनों ओर 1.5 मीटर ऊंची बाउंड्रीवाल बनाई जाएगी। वर्षा जल संचयन के लिए 2380 स्थानों पर रेन वाटर हार्वेस्टिंग पिट बनेंगे।
यूपीडा ने गंगा एक्सप्रेसवे को पूरी तरह पर्यावरण संरक्षण के लिहाज सुरक्षित बनाने के लिए कई तरह की व्यवस्थाएं की हैं। इसमें केंद्र और राज्य के पर्यावरण संस्थानों के सुझावों व गाडइलाइंस का पालन किया गया है। गंगा एक्सप्रेसवे की राह में तीन पक्षी विहार भी हैं। इन्हें शोरगुल से बचाने का भी इंतजाम होगा। ईको संसेटिव जोन सांडी बर्ड सैंक्चुरी हरदोई व समसपुर बर्ड सेक्चुरी रायबरेली गंगा एक्सप्रेसवे से क्रमश: 4.6 किमी व 3.5 किमी दूर हैं जबकि उन्नाव में नवाबगंज स्थित चंद्रशेखर आजाद बर्ड सेंक्चुरी एक्सप्रेसवे से 8.5 किमी दूर है। इसलिए रात में चमक और शोर से बचने के लिए एक्सप्रेसवे के बीच के डिवाडर घने पौधरोपण के जरिए ग्रीन बेल्ट तैयार होगी।
एक्सप्रेसवे पर जंगली जानवरों के आने से होने वाले हादसे रोकने का भी मुकम्मल इंतजाम किया गया है। जानवरों के इधर उधर जाने के लिए एक्सप्रेसवे के नीचे से अंडरपास, ओवर पास और कल्वर्ट की संख्या बढ़ाई जा रही है। ओवर पास अब 179 के बजाए 218 बनेंगे। इसमें 158 बन चुके हैं। इसी तरह अंडर पास 379 बनने थे अब 453 बनेंगे। इनमें 447 बन गए हैं। इसी तरह बाक्स की संख्या 784 से बढ़ाकर 796 कर दी गई है। इनमें 796 बन चुके हैं।
एक्सप्रेसवे पर पैदल चलना प्रतिबंधित होगा
एक्सप्रेसवे पर पैदल चलना पूरी तरह प्रतिबंधित होगा। गंगा एक्सप्रेसवे के दोनों ओर हर पांच सौ मीटर पर ऑयल व ग्रीस ट्रैप उपलब्ध होंगे। इससे नदियों को प्रदूषित होने से बचाया जा सकेगा। कचरा पानी में नहीं जा पाएगा। एक्सप्रेसवे को 120 किमी की रफ्तार लायक बनाया जा रहा है लेकिन वाहन चालक 100 किमी की स्पीड की अनुमति होगी।
मुख्य कैरिजवे भूतल से 3.5 मीटर ऊंचा होगा
एक्सप्रेसवे का मुख्य कैरिजवे भूतल से 3.5 मीटर ऊंचा होगा। एक्सप्रेसवे के दोनों ओर 1.5 मीटर ऊंची बाउंड्रीवाल बनेगी। इससे जंगली जानवर एक्सप्रेसवे पर नहीं आ सकेंगे और वन्य जीवों की टक्कर से होने वाले हादसों से बचा जा सकेगा। यही नहीं वन्यजीव भी पूरी तरह सुरक्षित रहेंगे। इसके लिए यूपी सरकार भारतीय वन्यजीव संस्थान के निर्देश के हिसाब से निर्माण करवा रही है।