पूर्वांचल-डिस्कॉम के चार चीफ इंजीनियरों ने मांगा वीआरएस, लखनऊ तक हड़कंप मचा
- पूर्वांचल-डिस्कॉम के चार मुख्य अभियंताओं ने वीआरएस मांगा है। चौकाने वाली बात यह कि चार में से तीन मुख्य अभियंता वितरण के हैं। सिर्फ एक चीफ इंजीनियर कॉमर्शियल विभाग में सेवा दे रहे हैं। इससे लखनऊ तक हड़कंप मचा है।
पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के चार मुख्य अभियंताओं ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) के लिए आवेदन किया है। वीआरएस मांगने वालों में तीन मुख्य अभियंतओं की वाराणसी और एक की प्रयागराज में तैनाती है। इसमें चौकाने वाली बात यह कि चार में से तीन मुख्य अभियंता वितरण के हैं। सिर्फ एक चीफ इंजीनियर कॉमर्शियल विभाग में सेवा दे रहे हैं। कॉमर्शियल के चीफ ने वीआरएस के लिए अक्तूबर में ही आवेदन कर दिया था। इनका तीन महीने का नोटिस पीरियड भी पूरा होने वाला है।
वहीं, वितरण के तीनों मुख्य अभियंता वर्तमान में बड़ी जिम्मेदारी निभा रहे हैं। वितरण के तीन अभियंताओं के वीआरएस भरने से लखनऊ तक हड़कंप मचा है। सूत्रों ने बताया कि निजीकरण को देखते हुए ही मुख्य अभियंताओं ने वीआरएस मांगा है। हालांकि, यह भी चर्चा है कि प्रयागराज में तैनात मुख्य अभियंता कुछ ही महीनों में रिटायर होने वाले हैं। जबकि, वाराणसी में तैनात एक मुख्य अभियंता एक साल बाद सेवानिवृत्त होंगे। एक अन्य मुख्य अभियंता की नौकरी लंबे समय तक है। पूर्वांचल-डिस्कॉम से ही अटैच कॉमर्शियल के चीफ ने स्वास्थ्य कारणों से वीआरएस मांगा है।
लापरवाही बरतना जेई को भारी पड़ा
उधर अमरोहा में ओटीएस समेत विभागीय कार्यों में लापरवाही बरतना जेई को भारी पड़ गया। अधीक्षण अभियंता ने कार्रवाई करते हुए जेई को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। अधीक्षण अभियंता सुनील कुमार ने बताया कि हसनपुर के ईशापुर भटौला शर्की उपकेंद्र पर तैनात जेई विवेक कुमार ने चेतावनी के बावजूद विभाग की ओटीएस योजना की प्रगति पर कोई ध्यान नहीं दिया। इसके अलावा लक्ष्य के सापेक्ष राजस्व वसूली में भी लगातार लापरवाही बरती गई। क्षेत्र के बड़े बकाएदारों के कनेक्शन काटने के निर्देश का भी जेई ने पालन नहीं किया। जेई को बार-बार चेतावनी के बाद भी उपकेंद्र पर बिजली चोरी की घटनाओं में कोई कमी नहीं आई। इस पर कार्रवाई करते हुए जेई को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया। जेई को निलंबित करते हुए नौगावां सादात एक्सईएन कार्यालय से संबद्ध किया गया है। विभागीय कार्यों खासकर ओटीएस में लापरवाही बरतने वाले अधिकारी-कर्मचारी बख्शे नहीं जाएंगे। वहीं, अधीक्षण अभियंता की कार्रवाई से अधिकारी-कर्मचारियों में हड़कंप मचा है।