छोटी काशी में रात भर चले चार बुलडोजर, कॉरिडोर निर्माण से पहले जमींदोज की गईं दो धर्मशालाएं
- छोटी काशी कॉरिडोर को लेकर पहले फेज में काफी तेजी दिख रही है। शनिवार की पूरी रात प्रशासन के बुलडोजर गरजते रहे। प्रशासन अब मंदिर परिसर के आसपास के भवनों को जमींदोज करने में लगा है।
लखीमपुर खीरी जिले के गोला गोकर्णनाथ में छोटी काशी कॉरिडोर को लेकर पहले फेज का काम पूरी गति से चल रहा है। शनिवार की पूरी रात ध्वस्तीकरण की कार्रवाई चली। चार जेसीबी लगाकर प्रशासन ने दो धर्मशालाएं ध्वस्त करना शुरू किया, जो रविवार दोपहर तक ध्वस्त हो पाए। उसके बाद मलबा हटाने का काम शुरू किया गया।
छोटी काशी कॉरिडोर को लेकर पहले फेज में काफी तेजी दिख रही है। शनिवार की पूरी रात प्रशासन के बुलडोजर गरजते रहे। प्रशासन अब मंदिर परिसर के आसपास के भवनों को जमींदोज करने में लगा है। तीन धर्मशालाओं का चिह्नांकन किया गया। इसके बाद उन पर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई चली। रात भर महादेवा और बरेली धर्मशाला जमींदोज करने के लिए कर्मचारी जमे रहे। रविवार दोपहर तक दोनों धर्मशालाओं को ध्वस्त किया जा सका। बरेली धर्मशाला छोटा होने के कारण रात में ही ध्वस्त हो गया था।
सर्दी और रात की परवाह किए बगैर तमाम लोग ध्वस्तीकरण की कार्रवाई देखने के लिए तीर्थ परिसर में डटे रहे। कॉरिडोर परिसर में अब तक तीन धर्मशाला, 20 दुकान जमींदोज हो चुकी हैं। जिसमें अंगद धर्मशाला, महादेवा धर्मशाला, बरेली धर्मशाला और जिला पंचायत की 13 दुकानें और नगर पालिका परिषद की सात दुकानें शामिल हैं। एसडीएम विनोद गुप्ता का कहना है कि गाटा संख्या 368 को को लेकर किसी को चिंता करने की जरूरत नहीं है। यह गाटा जितना आर्किटेक्ट के नक्शे में है, वह छोड़ा नहीं जाएगा। कुछ लोग अफवाह फैला कर जनता को भ्रमित न करें।
ध्वस्तीकरण के बीच रात भर गुल रही बिजली
छोटी काशी कॉरिडोर को लेकर ध्वस्तीकरण का काम तेजी से चल रहा है। ध्वस्तीकरण के चलते शनिवार की पूरी रात मंदिर समेत उससे जुड़े इलाके की बिजली गुल रखी गई। बिजली सुबह बहाल हो सकी। जब भी कॉरिडोर को लेकर भवनों के ध्वस्तीकरण का काम शुरू किया जाता है तो सुरक्षा को लेकर इलाके की बिजली कटवा दी जाती है ताकि कोई दुर्घटना न हो। इसी को लेकर शनिवार की रात जब महादेवा और बरेली धर्मशाला को ध्वस्त किए जाने की कार्रवाई शुरू हुई तो मंदिर परिसर, तीर्थ मोहल्ला, मिल रोड और कुम्हारन टोला के कुछ हिस्से की बिजली कटवा दी गई थी। यह बिजली सप्लाई रात 8 बजे से बंद की गई जो रविवार को सुबह 5 बजे चालू की गई। लोगों को पूरी रात अंधेरे में ही बसर करनी पड़ी।