यूपी कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू को नई जिम्मेदारी, ओडिशा के प्रभारी बने
- कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा जब साल 2019 में आधिकारिक तौर पर राजनीति में आई थीं, तब उन्हें उत्तर प्रदेश का प्रभारी बनाया गया था। अजय कुमार लल्लू की तैनाती बतौर प्रदेश अध्यक्ष उन्हीं के समय में हुई थी। इससे पहले वह कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता थे।
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Former state president of UP Congress: यूपी कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू को कांग्रेस ने शुक्रवार को ओडिशा का प्रभारी बनाया है। लल्लू ने साल 2022 में यूपी विधान सभा चुनावों में कांग्रेस के खराब प्रदर्शन की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दिया था। हालांकि, वह इसके बाद भी वह पार्टी की गतिविधियों में पूरी तरह से सक्रिय रहे। जानकार मानते हैं कि लल्लू की इसी सक्रियता को देखते हुए उन्हें यह जिम्मेदारी दी गई है।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा जब साल 2019 में आधिकारिक तौर पर राजनीति में आई थीं, तब उन्हें यूपी का प्रभारी बनाया गया था। अजय कुमार लल्लू की तैनाती बतौर प्रदेश अध्यक्ष उन्हीं के समय में हुई थी। इससे पहले वह यूपी कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता थे। लल्लू की छवि एक जुझारू नेता के तौर पर रही है। हाल ही में हुए महाराष्ट्र और दिल्ली विधान सभा चुनावों में भी वह पार्टी के प्रत्याशियों के लिए प्रचार कर रहे थे।
लल्लू की पैठ प्रियंका और राहुल गांधी दोनों की ही टीम में मानी जाती है। कांग्रेस में सांगठनिक फेरबदल के लिए गुरुवार को दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के आवास पर बैठक हुई थी। इसमें तय किया गया था कि प्रदेश के प्रभारियों में नए लोगों को मौका दिया जाए ताकि पार्टी की गतिविधियों में तेजी आए और गुटबाजी पर लगाम लगे। अजय कुमार ने कहा कि नेतृत्व का आभार, जो उन्होंने मुझे जिम्मेदारी सौंपी है। मैं उनकी उम्मीदों पर खरा उतरने की कोशिश करूंगा।
मदनी मस्जिद मामले में राज्यपाल को लिखा पत्र
कुशीनगर स्थित मदनी मस्जिद गिराए जाने के मामले में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को पत्र लिखकर प्रदेश सरकार से स्पष्टीकरण मांगने का अनुरोध किया है। अजय राय ने राज्यपाल से मांग की है कि प्रदेश सरकार द्वारा अपनाई जा रही सांप्रदायिक नीतियों के बारे में केंद्र सरकार को भी जानकारी दें। प्रदेश कांग्रेस कार्यालय पर शुक्रवार को पुलवामा के शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि कांग्रेस की सरकार आने पर पुलवामा की जांच होगी। प्रदेश सरकार की नीतियों के चलते प्रदेश में धार्मिक और व्यक्तिगत सौहार्द खतरे में है।
अजय राय ने राज्यपाल को लिखे पत्र में कहा है कि 26 साल पुरानी मदनी मस्जिद के बड़े हिस्से को ढहाया गया है। कार्रवाई के पहले मदनी मस्जिद के चारों तरफ बैरिकेडिंग की गई। 500 मीटर का क्षेत्र सील किया गया। सुबह 10 बजे से शाम छह बजे तक मस्जिद गिराने की कार्रवाई की गई। उस दरम्यान 10 थानों की फोर्स तैनात थी। एक बटालियन पीएसी भी लगाई गई थी।
वर्ष 1999 में मस्जिद का निर्माण हुआ था, जिसके लिए भवन के नक्शे की मंजूरी भी ली गई थी। सरकारी नोटिस के बाद मस्जिद पक्षकारों ने इसे हाईकोर्ट में चुनौती दी और 8 फरवरी तक स्थगन आदेश भी प्राप्त कर लिया था लेकिन स्थगन आदेश की तारीख खत्म होने के तत्काल बाद 9 फरवरी को मस्जिद के हिस्से को ढहा दिया गया। मामला न्यायालय में था और मुस्लिम पक्ष के अनुसार मस्जिद की जमीन विवादित नहीं थी। विवाद पर न्यायालय का निर्णय होने तक प्रतीक्षा करना सरकार का कर्तव्य था।
अजय राय ने कहा, प्रदेश सरकार घृणास्पद सांप्रदायिक आधार पर नागरिकों के पूजा स्थलों के अस्तित्व को मिटाने पर आमादा है। पहले बहराइच, फिर संभल और अब कुशीनगर का मामला इसी संदर्भ में देखा जा सकता है। उन्होंने राज्यपाल से आग्रह किया है कि प्रदेश की मुखिया होने के नाते इस संबंध में सरकार को निर्देश दें।