पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह झूठी गवाही में फंसे, लगा जुर्माना, जानें क्या है पूरा मामला
- यूपी के कैसरगंज के पूर्व भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह पर झूठी गवाही के मामले कोर्ट ने पांच सौ रुपए का जुर्माना लगाया है। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेश कुमार ने केस समाप्त कर दिया।

झूठी गवाही देने के आरोपी भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष और कैसरगजं के पूर्व भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह को अदालत ने पांच सौ रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई है। जुर्म इकबाल प्रार्थना पत्र को स्वीकार करते हुए अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेश कुमार ने केस समाप्त कर दिया।
अभियोजन पक्ष के सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता के अनुसार 1990 में थाना नवाबगंज में दर्ज कराए केस में बृजभूषण शरण सिंह ने कोतवाली नगर क्षेत्र के ग्राम रुद्रपुर विसेन के रहने वाले उग्रसेन सिंह, कोतवाली देहात क्षेत्र के पंडरी कृपाल निवासी वीरेंद्र कुमार मिश्रा और पाठकपुरवा खैरा कालोनी निवासी रमेश चंद्र मिश्रा पर जानलेवा हमले का आरोप लगाया था। मुकदमे के विचारण दौरान आरोपी अभियुक्त उग्रसेन सिंह और रमेश चंद्र मिश्रा की मृत्यु हो गई लेकिन ट्रायल के दौरान अभियोजन पक्ष अदालत के समक्ष अपराध का संदेह से परे साक्ष्य नहीं प्रस्तुत कर सका। बल्कि वादी मुकदमा बृजभूषण शरण सिंह स्वयं अपने पूर्व के बयान से मुकर गए तो अदालत ने आरोपी अभियुक्त वीरेंद्र कुमार मिश्रा को दोषमुक्त करते हुए वादी बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ अदालत में झूठी गवाही देने के जुर्म में प्रकीर्ण दांडिक केस दर्ज करने का आदेश अदालत ने दिया।
झूठी गवाही देने के आरोपी भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष और कैसरगजं के पूर्व भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह को अदालत ने पांच सौ रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई है। जुर्म इकबाल प्रार्थना पत्र को स्वीकार करते हुए अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेश कुमार ने केस समाप्त कर दिया।
अभियोजन पक्ष के सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता के अनुसार 1990 में थाना नवाबगंज में दर्ज कराए केस में बृजभूषण शरण सिंह ने कोतवाली नगर क्षेत्र के ग्राम रुद्रपुर विसेन के रहने वाले उग्रसेन सिंह, कोतवाली देहात क्षेत्र के पंडरी कृपाल निवासी वीरेंद्र कुमार मिश्रा और पाठकपुरवा खैरा कालोनी निवासी रमेश चंद्र मिश्रा पर जानलेवा हमले का आरोप लगाया था। मुकदमे के विचारण दौरान आरोपी अभियुक्त उग्रसेन सिंह और रमेश चंद्र मिश्रा की मृत्यु हो गई लेकिन ट्रायल के दौरान अभियोजन पक्ष अदालत के समक्ष अपराध का संदेह से परे साक्ष्य नहीं प्रस्तुत कर सका। बल्कि वादी मुकदमा बृजभूषण शरण सिंह स्वयं अपने पूर्व के बयान से मुकर गए तो अदालत ने आरोपी अभियुक्त वीरेंद्र कुमार मिश्रा को दोषमुक्त करते हुए वादी बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ अदालत में झूठी गवाही देने के जुर्म में प्रकीर्ण दांडिक केस दर्ज करने का आदेश अदालत ने दिया।
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पूर्व सांसद को अदालत में हाजिर होने के लिए 17 सितंबर 2024 को समन जारी हुआ इसके बावजूद वह अदालत के समक्ष हाजिर नहीं हुए तो अदालत ने पूर्व सांसद के विरुद्ध गैरजमानती वारंट जारी कर दिया। इसके प्रभाव व गिरफ्तारी से बचने के लिए वह सोमवार को अदालत में उपस्थित हुए और अपने अधिवक्ता के माध्यम से उन्होंने अदालत के समक्ष जुर्म इकबाल का प्रार्थना पत्र दिया तथा अदालत से क्षमा याचना की। इस पर अदालत ने मंगलवार को सुनवाई करते हुए वारंट को निरस्त कर पूर्व सांसद द्वारा अदालत के समक्ष दिया गया जुर्म इकबाल प्रार्थना पत्र स्वीकार करते हुए पांच सौ रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड की अदायगी न करने पर तीन दिन की सजा भुगतनी होगी।