इन महिलाओं की कारीगरी के विदेशी भी हुए कायल, बांस-बेंत उत्पादों को मिल रहे खूब ऑर्डर
- बांस-बेंत का फर्नीचर और शोपीस तैयार करने वाले बरेली के एकता महिला स्वयं सहायता समूह के उत्पादों की देश-विदेश में जबरदस्त डिमांड है। 10 महिलाओं का समूह अपने हुनर से लोगों को लुभा रहा है।

Hindustan Special: बांस-बेंत का फर्नीचर और शोपीस तैयार करने वाले बरेली के एकता महिला स्वयं सहायता समूह के उत्पादों की देश-विदेश में जबरदस्त डिमांड है। 10 महिलाओं का समूह अपने हुनर से लोगों को लुभा रहा है। महिला समूह ऑनलाइन प्लेटफार्म के जरिए भी अपने उत्पादों को बेच रहा है। समूह की सदस्यों को हर महीने 20 से 25 हजार रुपये की आमदनी हो रही है। फतेहगंज पश्चिमी के तिलियापुर गांव में 2021 में एकता महिला स्वयं सहायता समूह ने बेंत के फर्नीचर का निर्माण शुरू किया था। फर्नीचर की मांग बढ़ी तो बांस के उत्पाद भी तैयार करने शुरू कर दिए। बेड-सोफा-टेबिल के साथ अलग-अलग शोपीस बनाए।
काम बढ़ा तो महिला समूह ने असम से बांस और बेंत मंगवाना शुरू कर दिया। एनआरएलएम के अधिकारियों ने भी महिला समूह की मदद की। उनको बाजार मुहैया कराया। सबसे अधिक ऑर्डर दिल्ली से आये। दिल्ली के साथ उत्तराखंड में भी काफी डिमांड है। ऑनलाइन प्लेटफार्म के जरिए महिला समूह अपने उत्पादों को एक्सपोर्ट भी कर रहा है। अमेरिका, फ्रांस और जर्मनी समेत कई देशों में महिला समूह ने ऑर्डर पर उत्पाद भेजे हैं। मांग को देखते हुए महिला समूह ने विस्तार करना शुरू कर दिया है। गांव के दूसरे महिला समूहों को अपने साथ जोड़ लिया है।
एनआरएलएम के जरिए दी गई ट्रेनिंग
इन महिलाओं को बांस-बेंत का फर्नीचर और उत्पाद तैयार करने की ट्रेनिंग एनआरएलएम के जरिए दी गई। महिलाओं को एक्सपर्ट ने फर्नीचर और शोपीस बनाना सिखाया। ब्लॉक पर उनको नई तकनीकी के बारे में जानकारी दी जाती है।
देश के बड़े हस्तशिल्प मेलों में जाता है समूह
एकता समूह देश के तमाम बड़े हस्तशिल्प मेलों में अपने उत्पाद लेकर जाता है। पिछले दिनों जयपुर के हस्तशिल्प मेले में समूह ने अपने उत्पादों का स्टॉल लगाया था। समूह की महिलाएं ही अपने उत्पादों की मार्केटिंग भी करती हैं।