first love then marriage 11 years later husband was murdered this is how razia naushads love story ended पहले इश्‍क फिर निकाह, 11 साल बाद पति का कत्‍ल; रजिया-नौशाद की प्रेम कहानी यूं हुई खत्‍म, Uttar-pradesh Hindi News - Hindustan
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पहले इश्‍क फिर निकाह, 11 साल बाद पति का कत्‍ल; रजिया-नौशाद की प्रेम कहानी यूं हुई खत्‍म

  • नौशाद की जिंदगी किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है। 11 साल पहले उसे बलिया की रहने वाली अपनी खाला की बेटी रजिया सुल्ताना से प्रेम हो गया। दोनों का प्रेम परवान चढ़ा तो आए दिन दोनों मिलने लगे। दोनों के घर यह बात पहुंची तो दोनों के परिजन निकाह करने को तैयार हो गए।

Ajay Singh संवाददाता, देवरियाTue, 22 April 2025 06:30 AM
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पहले इश्‍क फिर निकाह, 11 साल बाद पति का कत्‍ल; रजिया-नौशाद की प्रेम कहानी यूं हुई खत्‍म

11 साल पहले नौशाद अपनी सगी खाला (मौसी) की लड़की रजिया सुल्ताना उर्फ शिबा खातून से प्रेम कर बैठा। इसकी भनक परिवार के लोगों को लगी तो दोनों का निकाह कर दिया। नौशाद के दुबई जाने के बाद रजिया सुल्ताना की चाल बदल गई और वह अपनी सगी ननद के बेटे रोमान को दिल दे बैठी। दोनों के प्रेम की गूंज आसपास के गांवों में भी रही। फिर दोनों ने दुबई से घर आए नौशाद को इस दुनिया से हमेशा के लिए दूर कर देने की ठान ली। 11 वर्ष में ही नौशाद-रजिया सुल्ताना की प्रेम कहानी का अंत हो गया।

मईल थाना क्षेत्र भटौली गांव के रहने वाले नौशाद की जिंदगी किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है। बलिया जनपद के उभांव थाना क्षेत्र के पड़री गांव की रहने वाली अपने खाला की बेटी रजिया सुल्ताना से प्रेम हो गया। दोनों का प्रेम परवान चढ़ा तो आए दिन दोनों मिलने लगे। दोनों के घर यह बात पहुंची तो दोनों के परिजन निकाह करने को तैयार हो गए। 2014 में दोनों की परिजनों ने धूमधाम से निकाह कराई और रजिया सुल्ताना अपने शौहर के घर आ गई। दोनों के बीच बहुत अच्छा संबंध रहा। इस बीच दोनों से बेटी पैदा हुई और उसे अच्छी परवरिश देकर कुछ बनाने की नौशाद ने ठान ली। घर की आर्थिक स्थिति मजबूत करने को वह घर से परदेस यानी दुबई पहुंच गए। आर्थिक स्थिति मजबूत हुई तो गांव के बाहर उन्हें मकान बनवा ली।

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पति के दूर जाने के बाद रजिया सुल्ताना बेवफाई करने लगी और ननद के बेटे रोमान से प्रेम करने लगी। पेशे से चालक रोमान का सारा खर्च रजिया ही उठाती थी। एक वर्ष पहले जब नौशाद गांव आए तो दोनों की प्रेम कहानी की जानकारी हुई और मामला पंचायत तक पहुंच गया। बाद में इस मामले में सुलह हो गया। पत्नी की बेवफाई करने के बावजूद नौशाद उस पर आंख मूंद कर विश्वास करते रहे, लेकिन भांजे के प्रेम में अंधा रजिया ने आंख मूंद कर विश्वास करने वाले नौशाद को ही रास्ते से हमेशा के लिए हटा दिया। पत्नी की बेवफाई ने नौशाद को इस दुनिया से दूर कर दिया तो बेवफा पत्नी रजिया सुल्ताना सलाखों के पीछे पहुंच गई।

बेटे का घर में हो रहा था कत्ल, नहीं लगी भनक

नौशाद की मां का निधन पहले हो गया था। उसके पिता अली अहमद उर्फ मन्नू बुजुर्ग हो गए हैं। वे कभी गांव में छोटे बेटे के पास तो कभी नौशाद की मकान पर जाकर सोते हैं। घटना के दिन अली अहमद नौशाद की मकान में ही दूसरे कमरे में सोए थे। उनके साथ ही उनकी पोती भी सोई थी। रजिया, रोमान और हिमांशु ने घर में ही बेरहमी से कुल्हाड़ी, मूसल और स्टील के चापड़ का इस्तेमाल कर कत्ल कर दिया। बेटे की हत्या होती रही और अली अहमद को इसकी भनक तक नहीं लगी। नौशाद को कई बार वार कर बड़ी बेरहमी से मौत के घाट उतारा गया। जब दरवाजे पर शाम को पुलिस पहुंची तो इसकी भनक अली अहमद को लगी। वह बेटे की मौत पर फफक पड़े। उनका कहना था कि मेरे बेटे ने इनका क्या बिगाड़ा था? अगर उसके ही साथ रहना था तो तलाक ले ली होती, मेरे बेटे को इस दुनिया से उसने छीन कर गलत किया। अल्लाह उसे कभी सुकून नहीं देंगे।

बैग छोटा पड़ा तो दूसरा बैग लेकर आ गई रजिया सुल्ताना

हत्या करने के बाद नौशाद की लाश को एक बैग में पैक करने का प्रयास किया गया, लेकिन बैग छोटा होने की वजह से ऐसा नहीं हो पाया। इसके बाद जल्दी-जल्दी नौशाद का विदेश से लाया हुआ बड़ा ट्राली बैग लेकर आई। फिर भी बैग में नौशाद की पूरी लाश नहीं समा पाई। पैर बाहर रह गए तो कातिलों ने उसे बोरे से बांध दिया और उस पर बेड शीट लगा दी। रोमान और उसके दोस्त हिमांशु ने लाश को ठिकाने लगाने के लिए एक बोलेरो का इंतजाम किया था। इसी बोलेरो से लाश को लेकर वे 50 किलोमीटर दूर देवरिया के तरकुलवा थाना क्षेत्र के पकड़ी छापर पटकौली गांव में पहुंचे। रविवार की भोर में चार बजे के करीब उन्होंने वहां एक खेत में लाश को फेंक दिया।

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लाश ठिकाने लगाने के बाद रजिया को रोमान ने किया फोन

रजिया ने दोनों से शव को भागलपुर पुल से नदी में फेंकने की बात कही थी। लेकिन रोमान व हिमांशु ने उसकी बात नहीं मानी। इसके बाद दोनों तरकुलवा थाना क्षेत्र में ले जाकर शव फेंक दिया। लाश ठिकाने लगाने के बाद रजिया को रोमान ने फोन किया और बताया कि शव को उसने ठिकाने लगा दिया है। इसके बाद दोनों ने मोबाइल बंद कर दिया। उधर, घर पर बिखरे खून की रजिया ने सफाई कर दी। रजिया ने अकेले ही घर को पूरी तरह से साफ किया।

आंखों में आंसू, चेहरा छिपाते हुए नजर आई सुल्ताना

शौहर की हत्या करने वाली रजिया सुल्ताना जब पुलिस लाइन पहुंची तो उसके आंखों में आंसू नजर आ रहे थे। जबकि वह अपना चेहरा छिपाने का प्रयास कर रही थी। एसपी की प्रेसवार्ता के दौरान अचानक वह गिरने लगी। हालांकि एक तरफ खड़ी मईल थानाध्यक्ष कंचन राय ने पकड़ लिया, इसके बाद सीधा खड़ी कर दी।

बस एक चूक ने रजिया को पहुंचाया सलाखों के पीछे

नौशाद के कत्ल की आरोपी उसकी पत्नी रजिया सुल्ताना ने खुद को बचाने की काफी कोशिश की। लेकिन बस एक चूक ने चंद घंटों के अंदर उसे घर की महफूज चहारदीवारी से सीधे सलाखों के पीछे पहुंचा दिया। रजिया और कत्ल में साथ देने वाले उसके प्रेमी रोमान और उसके दोस्त हिमांशु ने जिस सूटकेस में नौशाद की लाश पैक किया, उससे एयरपोर्ट का टैग और पासपोर्ट की फोटो कापी निकालना भूल गए। बस इन्ही दोनों सबूतों के जरिए पुलिस रजिया तक पहुंच गई।

मां के कृत्य से शर्मिंदा है कातिल की बेटी

रजिया के इस कृत्य से गांव के लोग हैरान है। घटना को लेकर लोगों में आक्रोश है। हर कोई इस घटना के गुनाहगारों को फांसी की सजा की मांग कर रहा है। गांव के लोगों के चेहरे पर सोमवार को आक्रोश दिखा। गांव की एक महिला ने कहा नौशाद बहुत ही अच्छे थे। पत्नी की लाख गलतियों के बाद भी उसे स्वीकार किए थे और रुपया देते थे, लेकिन रजिया ने विश्वास में छूरा घोंप दिया। उधर बेटी मां के इस कृत्य से शर्मिंदा है। उसके चेहरे पर पिता के इस दुनिया से जाने का दुख दिख रहा था।

भाई के हत्यारों को मिले फांसी की सजा

हत्या होने की सूचना पर नौशाद की बहन निशा गांव पहुंची। भाई की हत्या पर दहाड़े मारकर रोने लगी। उसने सीओ के सामने हाथ जोड़ लिया और बोली, मेरे भाई की हत्या मेरी सगी बहन का बेटा यानी मेरा भांजा व भाभी ने की है। मेरे भाई की हत्या करने वाले सभी आरोपियों को फांसी की सजा होनी चाहिए। तभी दिल को सकून मिलेगा। भाई को न्याय दिलाने के लिए हमारी संपत्ति भी बिक जाए तो गम नहीं है।