…अब मालिकाना हक, CM योगी की प्राथमिकता वाले वनटांगियों को जल्द मिलेगी बड़ी खुशखबरी
पट्टे की जमीनों पर वनटांगिया परिवारों को मालिकाना हक मिलने की संभावना बढ़ गई है। खतौनी में उनके नाम जमीन दर्ज हो जाएगी, जबकि गांवों में विकास कार्यों के लिए जमीन मिलने का रास्ता भी साफ हो जाएगा। तीन वन ग्रामों की चकबंदी प्रक्रिया की पत्रावली वर्षों से शासन में लंबित है।

यूपी के वनटांगिया परिवारों को अब पट्टे की जमीनों पर मालिकाना हक मिलने की संभावना बढ़ गई है। खतौनी में उनके नाम जमीन दर्ज हो जाएगी, जबकि गांवों में विकास कार्यों के लिए जमीन मिलने का रास्ता भी साफ हो जाएगा। तीन वन ग्रामों की चकबंदी प्रक्रिया की पत्रावली वर्षों से शासन में लंबित है। अब गोरखपुर के जिलाधिकारी कृष्णा करूणेश के निर्देश पर अधिकारियों की सात सदस्यीय समिति ने सर्वेक्षण शुरू किया है और विसंगतियों को दूर करने की रिपोर्ट जल्द प्राप्त हो जाएगी।
हिंदुस्तान ने 30 अप्रैल के अंक में ‘महराज जी ने बहुत कुछ दिया, बस थोड़े की जरूरत’ शीर्षक से खबर प्रकाशित की तो अधिकारियों ने वनग्रामों की चकबंदी प्रक्रिया पूरी करने की कवायद तेज कर दी। वन ग्राम तिनकोनिया नंबर तीन का सर्वे शुरू किया गया है, इसी के अंतर्गत रजही भी है।
इसके साथ जंगल रामगढ़ और आजादनगर में भी सर्वे होगा। करीब 206 परिवारों के खेतों में लगे बाड़ के बीच माप जोख की जा रही है ताकि यह रिपोर्ट तैयार हो जाए कि जिसने जितनी खेती की है, उतनी जमीन का पट्टा हुआ है या रकबा ज्यादा है। इसके साथ ही गाटा संख्या की विसंगतियां दूर करने की रिपोर्ट भी तैयार की जा रही है।
एडीएम वित्त व राजस्व विनीत कुमार सिंह ने पांच मई को जारी पत्र में समिति से दो दिन अंदर रिपोर्ट मांगी है, लेकिन सर्वे में अधिक समय लग गया। तिनकोनियां नंबर-3 की रिपोर्ट मंगलवार तक तैयार होने की संभावना है, जबकि दस दिन में तीनों वन ग्रामों की रिपोर्ट तैयार हो जाएगी। वनग्राम में स्कूल के अतिरिक्त कक्ष के लिए जमीन नहीं मिली है और एक ही कमरे में दो कक्षाओं के बच्चे पढ़ाई को मजबूर हैं, इसके साथ अस्पताल बनाने की भी आवश्यकता है।
समिति में उप संचालक चकबंदी, जिला समाज कल्याण अधिकारी, प्रभागीय वनाधिकारी, चकबंदी अधिकारी रुस्तमपुर, सहायक अभिलेख अधिकारी, तहसीलदार सदर व नायब तहसीलदार के साथ चकबंदी, राजस्व एवं सर्वे के लेखपाल रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं।
क्या बोले अधिकारी
गोरखपुर के तहसीलदार सदर ज्ञान प्रताप सिंह ने बताया कि सात सदस्यीय समिति वन ग्रामों में सर्वे कर रही है। दस दिन के अंदर तीनों गांवों की रिपोर्ट तैयार हो जाएगी। रिपोर्ट तैयार होने पर विसंगतियों को दूर करके चकबंदी प्रक्रिया पूरी करने का रास्ता आसान हो जाएगा।