झुग्गियों से रैंप तक: ताज महोत्सव में रैंपवॉक करेंगे वनटांगिया और मुसहर, गोरखपुर से आगरा पहुंचा दल
वनटांगिया और मुसहर समुदाय के लोगों ने वंचितों की तरह झुग्गियों में जीवन बसर को ही अपनी नियति मान लिया था, लेकिन आज वे मुख्यधारा के साथ कदमताल कर रहे हैं। ताज महोत्सव में 27 फरवरी को रैंपवॉक करेंगे।

वनटांगिया और मुसहर समुदाय के लोगों ने वंचितों की तरह झुग्गियों में जीवन बसर को ही अपनी नियति मान लिया था, लेकिन आज वे मुख्यधारा के साथ कदमताल कर रहे हैं। गोरखपुर महोत्सव के बाद अब वे आगरा के ताज महोत्सव में 27 फरवरी को रैंपवॉक करेंगे। ताज महोत्सव के आमंत्रण पर वनटांगिया महिलाओं-पुरुषों का दल शनिवार की सुबह आगरा पहुंच गया है। वनटांगिया-मुसहर फैशन शो की थीम 'शगुन की रात' रखी गई है।
इन वनटांगियों ने कभी स्टेज तक नहीं देखा था। इनमें कोई बकरी चराता है, कोई खेती करता है तो कोई सब्जी बेचता है। ताज महोत्सव में वनटांगिया-मुसहर मॉडल भारतीय विवाह समारोह को दिखाते हुए लहंगा, शेरवानी आदि परिधानों में रैंपवॉक करेंगे। इसमें नृत्य का भी पुट होगा। वनटांगिया-मुसहर फैशन शो की संयोजक गोरखपुर में पैदा हुईं और राजस्थान में रहने वाली सुप्रीम कोर्ट की वकील सुगम सिंह शेखावत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयासों से वंचितों की जिंदगी में आए परिवर्तन की कायल हैं। वह कहती हैं कि वनटांगियों और मुसहरों को प्रशिक्षित कर वह रैंप तक लाई हैं। फैशन शो में प्रतिभाग कराकर वह इन्हें आगे बढ़ाने की सीएम योगी की सोच से खुद को जोड़ रही हैं।
ताज महोत्सव में ये करेंगे रैंपवॉक
ताज महोत्सव में प्रतिभाग करने वालों में नीतू देवी, सपना साहनी, गुंजा, रिंकी, ज्योति, संगीता देवी, छोटू पासवान, रामप्रवेश, संजय, विनोद और राज शामिल हैं। 18 से 40 वर्ष के इन युवाओं में एक को छोड़ सभी महिलाएं विवाहित हैं। तीन बच्चों की मां नीतू कहती हैं कि चंद दिनों में ही उनके जीवन में काफी कुछ बदल गया है।
गोरखपुर महोत्सव में दिखा था जलवा
सुगम सिंह शेखावत के संयोजन में वनटांगिया समुदाय के लोग गोरखपुर महोत्सव में फैशन शो में प्रतिभाग कर चुके हैं। बकौल सुगम, वनटागियों और मुसहरों को बड़े फलक पर सपने दिखाने के लिए उन्होंने पहले गोरखपुर महोत्सव और अब ताज महोत्सव का मंच चुना। गोरखपुर महोत्सव की तरह यहां भी उम्मीद है कि शो स्टॉपर की भूमिका में सांसद रवि किशन होंगे।
वनटांगियों-मुसहरों को 70 साल बाद मिली असल आजादी
दशकों तक उपेक्षा की जिंदगी गुजारने वाले वनटांगियों और मुसहरों के जीवन में 2017 के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयासों से विकास की दस्तक हुई। बुनियादी सुविधाओं से संतृप्त होकर वे समाज की मुख्यधारा से जुड़ चुके हैं। आवास, बिजली, पानी, चूल्हा, राशन, पेंशन, सड़क, खेत की चिंताओं से ऊपर उठकर अब बड़ा सपना देख रहे हैं।