अफसरों के गले की फांस बनेगा कांच इकाइयों का क्षमता विस्तार
फिरोजाबाद की कांच नगरी में उद्योगों के लिए नेचुरल गैस का कोटा बढ़ाना समस्या बन गया है। सुप्रीम कोर्ट ने नए उद्योगों की स्थापना पर रोक लगाते हुए 60 गैस चलित इकाइयों के क्षमता विस्तार पर प्रश्न उठाया...
फिरोजाबाद। कांच नगरी में उत्पादन क्षमता बढ़ाने वाली औद्योगिक इकाइयों के अलावा उद्योग से जुड़े जिम्मेदार अफसरों के लिए नेचुरल गैस का कोटा बढ़ाना गले की फांस बनता जा रहा है। शहर की पांच दर्जन कांच इकाइयों में हुए क्षमता विस्तार को लेकर सुप्रीम कोर्ट के तेवर सख्त हो गए हैं। सुप्रीम कोर्ट द्वारा टीटीजोन में नए उद्योगों की स्थापना पर रोक लगाने के साथ औद्योगिक इकाइयों पर क्षमता विस्तार को प्रतिबंधित कर दिया है। यही नहीं सुप्रीम कोर्ट ने कांच नगरी में क्षमता विस्तार करने वाली गैस चलित 60 इकाइयों का भी जवाब तलब कर लिया है। गैस प्रभावित उद्यमियों के अलावा संबंधित अधिकारियों की भी धड़कनें बढ़ गई है।
बताते चलें कि शहर के उद्योगों द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर जिम्मेदार अधिकारियों ने कांच कारखाने में नेचुरल गैस का अतिरिक्त आवंटन कर दिया था। इकाई अगर गैस की मात्रा बढ़वाना चाहती है तो इस कार्यालय को कोई आपत्ति नहीं है। ऐसा कहते हुए उद्योग विभाग के जिम्मेदार अफसरों ने कांच इकाइयों का गैस कोटा में बढ़ोतरी किए जाने की संस्तुति सिर्फ इकाई के शपथ पत्र के आधार पर कर दी थी। जिसके लिए उद्यमियों के मन माफिक संबंधित इकाई की गैस की क्षमता का आंकलन कर दिया था।
वहीं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने उद्योग विभाग के पत्र का आधार फाइल को आगे बढ़ा दिया। वहीं इन दोनों विभाग की रिपोर्ट के आधार पर गैस कंपनी ने कांच इकाइयों का गैस कोटा बढ़ा दिया।
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