मॉकड्रिल की तैयारियों में जुटा सरकारी अमला
Firozabad News - फिरोजाबाद में युद्ध जैसी स्थिति से निपटने के लिए मॉक ड्रिल की तैयारियां शुरू हो गई हैं। एनसीसी, स्वास्थ्य विभाग, और फायर विभाग की मदद से लोगों को युद्ध के दौरान खुद को बचाने और मदद करने के तरीकों के...

फिरोजाबाद। सुहागनगरी में शासन के आदेश मिलने के बाद मॉकड्रिल को लेकर तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। युद्ध के दौरान क्या क्या स्थिति बन सकती है इसको लेकर लोगों को समझाया जाएगा और एक क्षेत्र का चुनाव करके शाम के समय वहां पर ब्लैक आउट करके मॉक ड्रिल की जाएगी। इस दौरान लोगों को बताया जाएगा कि कैसे युद्ध के दौरान खुद को बचाएं और कैसे फंसे लोगों की मदद की जाएगी, इसको भी एनसीसी की मदद के साथ लोगों को बताया जाएगा। तैयारियों के बीच आगरा की सिविल डिफेंस की मदद ली जाएगी ताकि मॉकड्रिल को बेहतर तरीके से अंजाम दिया जा सके।
सन 1971 के युद्ध के बाद अब भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़े तनाव को लेकर इन दिनों युद्ध जैसे हालातों को निपटने की तैयारियां शुरू हो गई हैं। इसके लिए एनसीसी, फायर विभाग, स्वास्थ्य विभाग, विद्युत विभाग और पुलिस विभाग के साथ प्रशासनिक अधिकारियों की टीमें मॉकड्रिल कराएंगीं। मॉक ड्रिल कहां पर किया जाएगा इसको लेकर एरिया को चुना जा रहा है ताकि वहां शाम के समय पूरी व्यवस्थाओं के साथ अपनी तैयारियों को परखा जा सके। फायर टेंडरों को किया जा रहा तैयार फायर विभाग द्वारा पूरे जिले के फायर टेंडरों को तैयार किया जा रहा है। अगर युद्ध की स्थिति बने और कहीं पर आगजनी हो जाए तो उस समय पानी को तत्काल भरकर प्रभावित इलाकों में फायर विभाग की गाड़ियों को लगातार भेजा जा सके। इसके लिए सरकारी के साथ साथ प्राइवेट स्थानों पर कहां कहां फायर टेंडर बने हैं उनको चेक कराया जाएगा। उनको चालू हालत में लाया जाएगा। फायर की गाड़ियां करेंगीं मॉक ड्रिल फायर विभाग की गाड़ियों द्वारा किस तरह से आग लगने के दौरान अपनी भूमिका निभाई जाएगी, एक सूचना पर कैसे दौड़ा जाएगा। जिले के किन किन हिस्सों को कौन कौन से इलाके कवर करेंगे इसको लेकर बात होगी। मॉक ड्रिल वाले स्थान पर भी इन फायर गाड़ियों से आग बुझाने का प्रदर्शन किया जाएगा। एंबुलेंस की तैयारी परखी जाएगी आपातकालीन स्थिति को लेकर जैसे ही कहीं पर हमला होता है तो कैसे घायलों को रेस्क्यू किया जाएगा इसको लेकर स्वास्थ्य कर्मियों को तैयार किया जाएगा। एंबुलेंस के माध्यम से कैसे नजदीकी अस्पतालों तक पहुंचाया जाएगा, इसके बारे में भी विस्तार से बताया जाएगा। स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ में मॉक ड्रिल के दौरान आपात की स्थिति में अपनी अपनी भूमिका को बताया जाएगा। एनसीसी कैडेट्स की लेंगे मदद आपात की स्थिति में निपटने का प्रशिक्षण स्कूलों में लेने वाले एनसीसी कैडेट्स द्वारा आम लोगों को बताया जाएगा कि कैसे परेशानी से निपटा जाए, कैसे लोगों को रेस्क्यू किया जाए, कैसे लोगों द्वारा आपस में मदद की जाए। जिस एरिया में मॉक ड्रिल किया जाएगा वहां पर एनसीसी कैडेट्स लोगों को इसकी जानकारी देते नजर आएंगे। सायरन बजाकर लोगों को करेंगे अलर्ट जिस क्षेत्र में माक ड्रिल की तैयारी है वहां पर सायरनों की व्यवस्था की जाएगी। प्राइवेट तौर पर बिल्डिगों में लगे सायरनों का प्रयोग किया जाएगा। सायरन बजते ही मॉक ड्रिल होने का संकेत होगा और फिर उस क्षेत्र में ब्लैक आउट कर दिया जाएगा। सायरन पर कैसे लोगों को एक्टिव रहना है और क्या क्या करना है इसे बताया जाएगा। ब्लैक आउट कैसे होगा बताएंगे युद्ध की स्थिति में कैसे ब्लैक आउट होता है इसे लोगों को बताया जाएगा। लोगों को समझाया जाएगा कि अगर सायरन की आवाज आए तो आपको घर की हर बत्ती को बंद करना होगा। अंधेरा रहेगा तो दुश्मन यह नहीं भांप पाएगा कि कहां पर लोगों का निवास है और कहां पर खाली इलाका है। प्राइवेट बिल्डिंग के सायरन होंगे चिह्नित सुहागनगरी में कहां कहां सायरन लगे हुए हैं इसको चिह्नित करने का काम किया जा रहा है। आपातकालीन स्थिति में यहीं से पुलिस की मदद से सायरन बजाकर लोगों को आगाह किया जाएगा। वर्तमान में सरकारी स्थानों पर सायरन नहीं हैं। पुलिस लाइन में एक सायरन लगा है। ऐसे में प्राइवेट बिल्डिंगों पर लगे हुए सायरन, कारखानों में लगे सायरन और हाथों में सायरन लेकर संबंधित क्षेत्र में लोगों को आगाह करने के बारे में मॉक ड्रिल होगी।
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