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लखनऊ में बाघ की दहशत बरकरार, इन इलाकों में बंद रहेंगे सभी स्कूल-कॉलेज, ऑनलाइन होगी पढ़ाई

  • राजधानी लखनऊ में पिछले कई दिनों से बाघ की दहशत बरकरार है। वन विभाग की लाख कोशिशों के बाद भी बाघ उनकी पकड़ में नहीं आ रहा है। बाघ की दहशत के चलते डीएम ने प्रभावित इलाकों में मौजूद स्कूल-कॉलेजों को बंद रखने का आदेश दिया है।

Dinesh Rathour लाइव हिन्दुस्तान, लखनऊThu, 16 Jan 2025 04:14 PM
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यूपी की राजधानी लखनऊ में पिछले कई दिनों से बाघ की दहशत बरकरार है। वन विभाग की लाख कोशिशों के बाद भी बाघ उनकी पकड़ में नहीं आ रहा है। बाघ का खौफ इस कदर बैठ गया है कि लोगों ने घरों से निकलना बंद कर दिया है। बच्चों ने स्कूल जाना तक छोड़ दिया है। बाघ को पकड़ने के लिए वन विभाग लगातार जाल बिछा रहा है, लेकिन बाघ चकमा देकर अपना ठिकाना ही बदल दे रहा है। दरसअल बाघ रहमानखेड़ा के इलाके में ही घूम रहा है। बाघ की दहशत के चलते वन विभाग ने डीएम से स्कूल-कॉलेज को कुछ दिन बंद रखने का अनुरोध किया, जिसे डीएम ने स्वीकार कर लिया। डीएम ने रहमानखेड़ा और उसके आसपास गांवों में मौजूद स्कूल-कॉलेजों को बंद रखने का आदेश भी जारी दिया है। हालांकि इस दौरान ऑनलाइन पढ़ाई होगी।

लखनऊ डीएम के आदेश में कहा गया है कि रहमानखेड़ा संस्थान सीआईएसएच और आसपास के गांवों में बाघ घूम रहा है। बाघ को सुरक्षित पकड़ने के लिए उसका रेस्क्यू कराया जाएगा। बाघ को पकड़ने के लिए प्रभागीय वन अधिकारी मोहनलालगंज/नोडल अधिकारी के निर्देश पर एक पेट्रोलिंग टीम का गठन भी कर दिया गया है। इसके अलावा संभावित स्थलों पर ट्रैपिंग करके वहां सीसीटीवी, एक थर्मल ड्रोन को लगाया गया है।

तीन मचान के माध्यम से बाघ की निगरानी की जा रही है। डीएम ने जारी आदेश में कहा है कि जब तक बाघ को पकड़ा नहीं जाता है तब तक रहमानखेड़ा और आसपास के प्रभावित गांवों साहिलामऊ, उलरापुर, मीठेनगर, दुगौली, कटौल, खालिसपुर, अमेठिया सलेमपुर, बहेलिया, रहमतगंज, मोहम्मद नगर तालुकेदारी, किठाई पारा फतेहनगर, धनेवा, कनार आदि गांवों में मौजूद सभी स्कूल-कॉलेजों को बंद रखा जाएगा। इस दौरान सभी छात्रों की ऑनलाइन पढ़ाई होगी।

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भय से बच्चों ने स्कूल जाना छोड़ा

बाघ की दहशत से ग्रामीणों ने बच्चों को स्कूल भेजने से मना कर दिया है। सर्दी की छुट्टियों के बाद बुधवार को स्कूल खुले, लेकिन बाघ प्रभावित मीठे नगर और उलरापुर गांव स्थित प्राथमिक विद्यालयों में बच्चे स्कूल नहीं आए। इसके इतर स्कूलों के शिक्षक अपने-अपने विद्यालय पहुंचे। मीठे नगर स्कूल की प्रिंसिपल रमिता मौर्या ने बताया कि कुल 52 विद्यार्थी पंजीकृत हैं, लेकिन कोई विद्यार्थी स्कूल नहीं आया। उलरापुर प्राथमिक विद्यालय के शिक्षा मित्र कृष्ण लाल यादव ने बताया कि 12 पंजीकृत विद्यार्थियों में से कोई स्कूल नहीं पहुंचा है। मीठे नगर निवासी सुनील रावत ने बताया कि बाघ की दहशत से बच्चे स्कूल नहीं जा रहे हैं। हाईस्कूल और इंटर के छात्र, छात्राएं गांव से तीन से पांच किमी दूर स्कूल जाते थे, लेकिन इस समय नहीं जा रहे हैं। इससे विद्यार्थियों की बोर्ड परीक्षा की तैयारियां प्रभावित हो रहीं हैं।

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वन विभाग की नाक के नीचे से पड़वा उठा ले गया बाघ

रहमान खेड़ा के जंगल और आसपास के इलाकों में बाघ की हलचल जारी है। बाघ वन विभाग की तैयारियों को लगातार चकमा दे रहा है। मीठे नगर के जंगल में बाघ को पकड़ने के लिए बांधे गए पड़वे को उसने निवाला बना लिया। शिकार को खींचकर जंगल ले गया और कुछ हिस्सा खाकर निकल गया। पगचिह्नों से बाघ के भ्रमण वाला इलाका चिह्नित किया गया। बेहता नाला पार कर हलवापुर में भी बाघ के ताजे पगचिह्न पाये गये हैं। बाघ अब तक जंगल सहित आसपास के इलाके में 14 शिकार कर चुका है। अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक डॉ रेणु सिंह और डीएफओ डॉ सितांशु पांडेय ने स्थलीय निरीक्षण किया है। डीएफओ ने बताया कि तीन दिन पहले जंगल के जोन दो के मीठे नगर में यूकेलिप्टस के बाग के पास बाघ ने नीलगाय का शिकार किया था। वहीं पर नए मचान का निर्माण कर नीलगाय के अवशेषों के पास बाघ के शिकार के लिए पड़वे को बांधा गया था।

बुधवार की तड़के बाघ ने पड़वे को मार डाला। बाघ की दहाड़ जंगल के जोन दो में सुनाई दी थी। डीएफओ ने बताया कि बाघ की हलचल जंगल के जोन एक और दो में ही बनी हुई है। पड़वे का शिकार वाली जगह को तीन तरफ से जाल बांधकर बाघ को पकड़ने की रणनीति तैयार की गई है। इसी स्थान पर मचान के पास तीन लाइव सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जा रही है। मचान पर किसी भी विशेषज्ञ को तैनात नही किया गया है। संस्थान के जोन एक में बने मचान के पास पड़वे को बांधकर डॉ नीतीश कटियार के द्वारा निगरानी की जा रही है। रहमानखेड़ा में यूकेलिप्टस के जंगल के पास नए मचान का निर्माण किया गया था जहां से बाघ बुधवार को पड़वे का शिकार कर जंगल में चला गया।

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