पांच माह की उम्र में पिता की हत्या, 27 साल बाद बदला, प्रिंसिपल मर्डर का सनसनीखेज खुलासा
भदोही में नेशनल इंटर कॉलेज के प्रिंसिपल योगेंद्र बहादुर सिंह हत्याकांड का मंगलवार को खुलासा कर दिया। 27 साल पहले हुए प्रवक्ता मर्डर का बदला लेने के लिए उसके बेटे ने साजिश रची थी।
भदोही में नेशनल इंटर कॉलेज के प्रिंसिपल योगेंद्र बहादुर सिंह हत्याकांड का मंगलवार को खुलासा कर दिया। 27 साल पहले हुए प्रवक्ता मर्डर का बदला लेने के लिए उसके बेटे ने साजिश रची थी। इसके लिए उसने सुपारी देकर बदमाशों को हायर किया था। दो आरोपियों को टीम ने जीटी रोड चकपड़वना से गिरफ्तार कर लिया है। अन्य की तलाश की जा रही है। पिता की हत्या के समय उसका बेटा पांच माह का था। मां से पिता की हत्या के बारे में सुनने के बाद उसने पूरी साजिश रची थी।
पुलिस लाइन में एसपी डॉ. मीनाक्षी कात्यायन ने बताया कि घटना के खुलासे के लिए पांच टीमें लगाई गई थीं। सीसी फुटेज, सर्विलांस टीमों के प्रयास से प्रयागराज के शिवकुटी निवासी सौरभ सिंह और फाफामऊ के रुदापुर निवासी मो. कलीम को गिरफ्तार किया गया। सौरभ सिंह ही मास्टरमाइंड है। उसी ने कलीम समेत अन्य शूटरों को सुपारी देकर हत्या कराई।
पुलिस के मुताबिक सौरभ ने अपने पिता की हत्या का बदला लेने के लिए प्रिंसिपल योगेंद्र को मरवाया। 27 साल पहले 1997 में नेशनल कॉलेज में सौरभ के पिता अजय बहादुर सिंह बतौर प्रवक्ता नियुक्त थे। उसी दौरान उनकी हत्या हो गई। प्रिसिंपल योगेंद्र बहादुर सिंह और उनके भाई अनिल सिंह आरोपी थे। हालांकि बाद में कोर्ट से दोनों आरोपमुक्त हो गए।
मास्टरमाइंड सौरभ के मुताबिक अपने पिता की हत्या के वक्त वह महज पांच माह का था। बड़ा हुआ तो मां ने पूरी कहानी बताई। इसके बाद से ही वह योगेंद्र की हत्या के फिराक में था। कलीम को सौरभ पहले से जानता था। कलीम के जरिये ही उसने अन्य शूटरों को हायर किया। इसके लिए उसने कलीम को पांच लाख रुपये भी दे रखे थे। 21 अक्तूबर की सुबह भदोही कोतवाली क्षेत्र के अमिलोरी गांव निवासी योगेंद्र बहादुर सिंह जब कार से घर से निकले, तभी दो बाइक सवारों ने गोली मारकर हत्या कर दी।
चार वांछित अभी भी पकड़ से दूर
एसपी ने दावा किया कि प्रिसिंपल हत्याकांड में छह आरोपित शामिल थे। अभी दो को गिरफ्तार किया गया है। जल्द ही चार अन्य को भी दबोचा जाएगा। हत्या के पूर्व आरोपितों ने प्रिसिंपल के घर से लेकर स्कूल तक रेकी थी। 19 अक्तूबर को ही हत्या का प्लान था, लेकिन फेल हो गया। उसके बाद 21 अक्तूबर को बसावनपुर तालाब के पास गोली मारकर हत्या को अंजाम दिया गया।