छिन गई कचहरी घाट की रौनक, रास्ता भी ऊबड़ खाबड़
कभी कचहरी घाट की रौनक देखते ही बनती थी। जिम्मेदारों के मुंह फेरने से कचहरी घाट की रौनक पूरी तौर पर गायब हो गई है। न तो जाने का रास्ता ही सही है और न ही घाट पहले जैसे हैं। प्रशासन की ओर से यदि यहां पर...
कभी कचहरी घाट की रौनक देखते ही बनती थी। जिम्मेदारों के मुंह फेरने से कचहरी घाट की रौनक पूरी तौर पर गायब हो गई है। न तो जाने का रास्ता ही सही है और न ही घाट पहले जैसे हैं। प्रशासन की ओर से यदि यहां पर ध्यान दिया जाता तो बेहतर पिकनिक प्वाइंट बन सकता है। कचहरी घाट कलेक्ट्रेट के ठीक पीछे स्थित है। एक जमाने में फतेहगढ़ के श्रद्धालु गंगा स्नान करने को यही रास्ता तय करते थे। अब रास्ता जगह जगह अतिक्रमण के चलते ब्लाक हो चुकी हैं और इस पर कोई ध्यान भी नहीं दे रहा है।
कलेक्ट्रेट से बमुश्किल 500 मीटर पीछे ही कचहरी घाट है। घाट तक जाने के लिए अब तो कोई रास्ता भी ऐसा नहीं बचा है कि बगैर किसी झटके के कचहरी घाट तक पहुंचा जा सके। कचहरी घाट से होकर ही एक समय में गंगा जी निकलती थीं। अब गंगा का प्रवाह जरूर दूर पहुंच गया है। इसके बाद भी यहां पर लोगों की आवाजाही रहती है। सुबह और शाम को टहलने के लिए यह एक अच्छा स्थान है। मगर रास्ते ऊबड़ खाबड़ होने से लोगों के सामने बेहद मुसीबत है। कचहरी तिराहे से ही जो रास्ता जाती थी वह पहले काफी चौड़ी थी। अब दोनों ही तरफ अतिक्रमण बेशुमार ढंग से हो गया है। कहीं पर सड़क पतली तो कहीं पर चौड़ी है।रास्ता भी ऐसी है कचहरी घाट के कुछ ही दूरी पर फूस बंगला भी पड़ता है। यहां पर कुछ लोगों ने अपने उल्टे सीधे मकान भी बना रखे हैं। मगर प्रशासनिक उपेक्षा के चलते यहंा पर न तो सड़क ही है और न ही अन्य व्यवस्थाएं हैं। जबकि कचहरी घाट से कलेक्ट्रेट की दूरी कोई ज्यादा नहंी है। कलेक्ट्रेट में ही जिलाधिकारी के अलावा बड़े अफसर बैठते हैं। मगर कभी भी कचहरी घाट की दुर्दशा को सुधारने के लिए अफसरों ने क ोई ध्यान नहीं दिया। स्थानीय लोगों ने बताया कि एक जमाने में कचहरी घाट पर लोग टहलने को जाते थे। अब ऊबड़ खाबड़ रास्ता के चलते लोगों ने जाना बंद कर दिया है। यदि इधर की रास्ता ठीक हो जाती है तो लोगों के ठहलने के लिए एक अच्छा स्थान बन सकता है। इसके साथ ही यदि यहां पर कोई पार्क बना दिया जाए कचहरी घाट की रौनक ही बढ़ जाएगी।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।