झाड़ फूंक करने वाला निकला लखपति, बोरे में भरे थे 500, 200 के नोट, घर से मिली 18.52 लाख की करेंसी
- यूपी के बरेली में झाड़ फूंक करने वाला एक व्यक्ति लखपति निकला। जड़ी-बूटियों और ताबीज देकर इलाज करने वाले ने घर में बोरों के अंदर 18 लाख से ज्यादा का कैश भर रखा था।
यूपी के बरेली में झाड़ फूंक करने वाला एक व्यक्ति लखपति निकला। जड़ी-बूटियों और ताबीज देकर इलाज करने वाले ने घर में बोरों के अंदर 18 लाख से ज्यादा का कैश भर रखा था। इसकी खबर तब लगी जब झाड़ फूंक करने वाले मियां की तबीयत खराब हो गई और उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया। घर में बोरों के अंदर भरे रुपयों की जानकारी उनकी दो बहनों को थी। मकान मालिक और मियां की दोनों बहनों के बीच रुपयों को लेकर विवाद होने लगी। तब पुलिस को इसकी खबर लगी। मौके पर पहुंची पुलिस ने रुपयों को अपने कब्जे में लिया। गिनती में करीब 18 लाख 52 हज़ार रुपए का कैश निकला। पुलिस ने इसकी सूचना इंकम टैक्स विभाग को भेजी है। इनकम टैक्स विभाग इलाज क़रने वाले मियां से रकम का ब्यौरा तलब करेगा।
पूरा मामला बहेड़ी क्षेत्र के गुरसौली गांव का है। यहां संभल के रहने सैयद अतर अली रईस अहमद किराए के मकान पर रहता है। सैयद इसी मकान में रहकर झाड़ फूंक का काम करता है। सैयद लोगों को जड़ी बूटियों और ताबीज देकर इलाज करता है। अतर सैयद फिलहाल सीबी गंज थाना क्षेत्र के गांव बिधूलिया में भी रहते थे। शनिवार को सैयद अतहर की तबियत खराब होने पर अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। इसके बाद गुरसौली में उनके साथ रह रही रामपुर के थाना मिलक के गांव मुन्नू नगर की रहने वाली सगी बहनें गुलसफा उर्फ महजबी और कामिल जहां और मकान मालिक रईस के बीच बोरों में भरे नोटों पर हक जताने को लेकर झगड़ा होने लगा।
दोनों के झगड़े की वजह गांव में फैलने लगी तो बात पुलिस तक जा पहुंची। मौके पर पहुंची पुलिस ने नोटों से भरे बोरे, सैयद की दोनों बहन और मकान मालिक को थाने ले आई। पुलिस ने इन तीनों को पूछताछ के बाद छोड़ दिया और नोटों से भरे बोरे से नोट निकाल कर गिनती की। नोटों की गिनती 500, 200, 100, 50, 20 और 10 के नोट निकले। गिनती के बाद कुल रकम 18 लाख 52 हज़ार रुपए बैठी। पुलिस ने इस रकम की सूचना आयकर विभाग को भेज दी है। नोटों से भरा बोरा पुलिस के थाने ले जाने की खबर मिलते ही अतहर मियां रात में ही अस्पताल से थाने पहुंच गए और उन्होंने पुलिस से नोटों से भरा बोरा वापस करने की मांग की, लेकिन पुलिस ने फिलहाल उन्हें नोट सुपुर्दगी में देने से मना कर दिया। अतर मियां का कहना है कि यह रकम उनको नज़राना (इनाम) बतौर मिली है।