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हर घर में होंगे ये 2 कनेक्‍शन, योगी सरकार अब छोटे शहरों और नगर पंचायतों तक पहुंचाएगी सौगात

  • केंद्र सरकार ने अमृत-दो योजना की शुरुआत की है। अमृत एक में जहां पाइप पड़ चुकी है, वहां कनेक्शन होना है और नए क्षेत्रों में अमृत दो में इसे डलवाने का काम कराया जाएगा। केंद्र सरकार ने इस योजना के लिए 8161 करोड़ रुपये की धनराशि स्वीकृत कर दी है। इसमें राज्य सरकार का भी अंश है।

Ajay Singh हिन्दुस्तान, शैलेंद्र श्रीवास्तव, लखनऊSun, 26 Jan 2025 05:29 AM
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हर घर में होंगे ये 2 कनेक्‍शन, योगी सरकार अब छोटे शहरों और नगर पंचायतों तक पहुंचाएगी सौगात

Drinking water and sewer connection: योगी आदित्‍यनाथ सरकार छोटे शहरों यानी खासकर नगर पंचायतों में रहने वालों को भी सीवर और पेयजल की सुविधा उपलब्ध कराने जा रही है। अमृत-दो में इस योजना में बचे हुए क्षेत्रों में काम कराया जाएगा। इसके लिए निकायों से सर्वे कराते हुए प्रस्ताव उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है।

केंद्र सरकार ने अमृत-दो योजना की शुरुआत की है। अमृत एक में जहां पाइप पड़ चुकी है, वहां कनेक्शन होना है और नए क्षेत्रों में अमृत दो में इसे डलवाने का काम कराया जाएगा। केंद्र सरकार ने इस योजना के लिए 8161 करोड़ रुपये की धनराशि स्वीकृत कर दी है। राज्य सरकार को इसमें अपना अंश मिलाना है। इस योजना में कुल 24 हजार करोड़ रुपये खर्च होना है। इस योजना में तीन प्रमुख काम होने हैं। पहला जहां सीवर व पेयजल के लिए पाइप लाइन नहीं पड़ी है उसे डलवाना है और इसके अलावा पार्क व हरियाली विकसित करने का काम किया जाना है।

प्रस्तावों को प्रदेश सतर पर स्वीकृत करने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय उच्चाधिकार संचालन समिति का गठन किया गया है। निकायों द्वारा प्रस्ताव दिए जाने के बाद नगर विकास विभाग राज्य स्तरीय समिति की बैठक में इस प्रस्ताव को रखकर पास कराया जाता है। इस योजना में 126 निकायों में 194 परियोजनाओं को मंजूरी जल्द ही दी जा चुकी है। इसके साथ ही अन्य परियोजना तैयार की जा रही हैं।

प्रदेश में 17 नगर निगम, 200 पालिका परिषद और 545 नगर पंचायतें हैं। नगर निगमों, पालिका परिषदों और बड़े नगर पंचायतों में अमृत-एक में यह काम हो चुका है। छोटे और नई नगर पंचायतों में अभी तक यह काम नहीं हुआ है, जिससे लोग टैंक बनवाकर शौचालय बनवा रहे हैं। इसीलिए नगर विकास विभाग को निर्देश दिया गया है कि प्रदेश के सभी नगर पंचायतों और जहां भी सीवर व पेयजल का काम नहीं हो पाया है इसे अभियान चलाकर काम कराया जाए। नगर विकास विभाग का मानना है कि प्रदेश के सभी शहरों में यह काम होने से लोगों को टैंक बनवाने से मुक्ति मिलेगी और सीवर से फैलने वाली गंदगी रुकेगी।

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