यूपी के परिषदीय स्कूलों में शिक्षकों के समायोजन से पहले ही हो रहा बड़ा खेल, सभी बीएसए को मिले आदेश
यूपी के परिषदीय स्कूलों में शिक्षकों के समायोजन से पहले ही बड़ा खेल हो रहा है। शिक्षकों को समायोजन से बचाने के लिए प्रधानाध्यापकों ने छात्र संख्या बढ़ाकर दर्ज कर दी।
परिषदीय स्कूलों में शिक्षकों के समायोजन से पहले ही खेल शुरू हो गया है। शिक्षकों को समायोजन से बचाने के लिए प्रधानाध्यापकों ने छात्र संख्या बढ़ाकर दर्ज कर दी। नामांकन के आंकड़ों का विश्लेषण करने पर शिक्षकों को अनुचित लाभ देने की आशंका होने पर बेसिक शिक्षा विभाग के अफसरों ने प्रदेशभर के 3207 प्राथमिक स्कूलों की सूची बेसिक शिक्षा अधिकारियों को भेजकर नए सिर से छात्र संख्या की जांच के आदेश दिए हैं।
हाईकोर्ट के आदेश पर 31 मार्च की बजाय 30 जून की छात्र संख्या के आधार पर समायोजन की कार्यवाही की जा रही है। सभी 75 जिलों से भेजी गई सूची में दुर्भावनापूर्ण इरादे से 3207 विद्यालयों की छात्र संख्या सही अंकित करने की बजाय बढ़ाकर 61, 91, 121 और 151 आदि दर्ज करने की आशंका है। दरअसल, आरटीई में 61 से 90 तक दो शिक्षक, 91 से 120 तक तीन, 121 से 150 तक चार और 150, 151 से 200 तक पांच शिक्षक और 200 से अधिक छात्र संख्या पर पांच शिक्षक व एक प्रधानाध्यापक का प्रावधान है।
जिन प्राथमिक स्कूलों में छात्र संख्या कम होने के कारण शिक्षकों पर समायोजन की तलवार लटक रही थी वहां छात्र संख्या 61, 91, 121 दर्ज कर दिया गया ताकि समायोजन से बचाया जा सके। इस पर अफसरों ने गंभीर आपत्ति की है।
बीएसए को चेतावनी दी है कि दुर्भावनापूर्ण इरादे से छात्र संख्या बढ़ाने की पुष्टि होने पर कठोरतम कार्रवाई की जाएगी। क्योंकि इससे समायोजन प्रक्रिया की शुचिता पर प्रश्न चिह्न लगने जैसा है। बीएसए को छात्र संख्या की व्यक्तिगत रूप से जांच करते हुए, आवश्यक होने पर डाटा संशोधन के लिए पत्र ई-मेल करने को कहा गया है।
सीतापुर और जौनपुर में 100 से अधिक स्कूल
समायोजन के लिए भेजी गई सूची में छात्र संख्या बढ़ाने की आशंका के मामले में सर्वाधिक स्कूल सीतापुर के 122 और जौनपुर के 128 हैं। इसके अलावा हरदोई के 89, गोंडा 80, सुल्तानपुर के 78 स्कूल हैं। प्रयागराज के 76, प्रतापगढ़ 52 और कौशाम्बी के 30 स्कूल हैं।
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