अंडरपास में भरा पानी, लगाना पड़ रहा 10 किमी का चक्कर

कस्बा क्षेत्र के गांव बीबामऊ के पास दिल्ली हावड़ा रेलमार्ग पर बनाया गया अंडरपास इस समय किसी छोटी नहर से कम नहीं दिखाई दे रहा। अंडरपास में बरसात के बाद तीन मीटर तक पानी भर गया है जिससे यहां से वाहनों...

Newswrap हिन्दुस्तान, इटावा औरैयाTue, 28 July 2020 04:34 PM
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कस्बा क्षेत्र के गांव बीबामऊ के पास दिल्ली हावड़ा रेलमार्ग पर बनाया गया अंडरपास इस समय किसी छोटी नहर से कम नहीं दिखाई दे रहा। अंडरपास में बरसात के बाद तीन मीटर तक पानी भर गया है जिससे यहां से वाहनों का आवागमन पूरी तरह से बंद है और वाहनों को 8 से 10 किलोमीटर का चक्कर लगाकर आना जाना पड़ रहा है।

दिल्ली-हावड़ा रेल मार्ग पर बीबामऊ गांव के पास रेलवे ने तीन जिलों को जोड़ने वाले सैकड़ों गांव के संपर्क मार्ग अंडर पास का निर्माण कराया है। बलरई से तिजोरा गांव चौराहे होते हुए अंडरपास से होकर वाहन एनएच 2 पर स्थित मीठेपुर होते हुए फिरोजाबाद,करहल,मैनपुरी के लिए आते जाते हैं। इस समय यह अंडरपास आने जाने के लिए पूरी तरह से बंद पड़ा है। इसका कारण यह है कि अंडरपास में बरसात का पानी भर गया है। स्थित यह है कि इस समय अंडरपास में 2 से 3 मीटर तक पानी भरा हुआ है जिससे न तो यहां से पैदल निकलना ही सम्भव है और न ही किसी वाहन का आना जाना ही हो सकता है। अंडरपास में पिछले कई दिनों से पानी भरा हुआ है लेकिन न तो रेलवे ने इसकी सुध ली है और न ही जिला प्रशासन ने। इस अव्यवस्था के कारण जहां अंडरपास के एक ओर के वाहन 6 किलोमीटर का चक्कर लगाकर बलरई क्रासिंग से होकर आ जा रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर के वाहन 10 किलोमीटर का चक्कर लगाकर भदान रेलवे स्टेशन के पास स्थित क्रासिंग से होकर एनएच 2 पर पहुंच पा रहे हैं। ऐसे में प्रतिदिन बड़ी संख्या में लोग इस अव्यवस्था का शिकार हो रहे हैं। जबकि कुछ पैदल और साइकिल से आने जाने वाले लोग जान हथेली पर लेकर अंडरपास के पास से ही ट्रेक को ऊपर से पार कर आ जा रहे हैं। क्षेत्र के लोगों ने जिलाधिकारी से जल्द से जल्द अंडरपास में भरे पानी को निकलवाए जाने की मांग की है।

आधे अंडरपास पर ही बना है शेड

कस्बे में स्थित अंडर पास में पानी भरने का प्रमुख कारण यहां शेड का न बनाया जाना है। गांव के लोगों का कहना है कि अंडरपास में एक ओर तो शेड बनाई गई है लेकिन गांव बीबामऊ की ओर अंडरपास पर रेलवे ने शेड का निर्माण नहीं किया है। ऐसे में बारिश का पूरा पानी ट्रेक के नीचे बहकर भर जाता है। इस स्थान पर पानी निकालने की भी कोई व्यवस्था नहीं है ऐसे में कई दिनों तक यह पानी अंडर पास में ही भरा रहता है।

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