होर्डिंग वॉर से यूपी साधने की कोशिश, 'बंटेंगे तो कटेंगे' के जवाब में अब लगे 'मठाधीश बांटेंगे...' के पोस्टर
- यह पोस्टर महराजगंज जिले के फरेन्दा से सपा नेता अमित चौबे ने लगवाया है। वहीं इसके पहले सपा मुखिया अखिलेश यादव ने भाजपा के 'बटेंगे तो कटेंगे' के नारे को ‘नकारात्मक-नारा बताते हुए कहा था कि यह भाजपा की निराशा-नाकामी का प्रतीक है।
Poster War in Uttar-Pradesh: यूपी में नौ सीटों के लिए हो रहे उपचुनावों के बीच लखनऊ में पोस्टर वॉर छिड़ गया है। राजधानी में रोज नए-नए पोस्टर लग रहे हैं। उपचुनाव अब 'बटेंगे तो कटेंगे' बनाम 'एकजुट रहेंगे तो जीतेगे' पर केंद्रित होता दिख रहा है। इस बीच शनिवार की रात फिर से एक पोस्टर लगा है जिसकी काफी चर्चा हो रही है। इसमें एक बार फिर सीएम योगी के नारे पर पलटवार किया गया है। पोस्टर में 'बंटेंगे तो कटेंगे' का जवाब देते हुए लिखा है-'मठाधीश बांटेंगे और कांटेंगे... पीडीए जोड़ेगी और जीतेगी।
यह पोस्टर महराजगंज जिले के फरेन्दा से सपा नेता अमित चौबे ने लगवाया है। अमित चौबे ने महाराजगंज में 'हिंदुस्तान' से फोन पर हुई बातचीत में कहा कि पीडीए एक मिशन है। इस मिशन के तहत दलितों, शोषितों, वंचितों की लड़ाई कोई लड़ता है तो सपा प्रमुख अखिलेश यादव लड़ते हैं। पोस्टर का यही संदेश है कि समाजवादी पार्टी न बंटने देगी न कटने देगी। वहीं इसके पहले सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भाजपा के 'बटेंगे तो कटेंगे' के नारे को ‘नकारात्मक-नारा बताते हुए कहा था कि यह भाजपा की निराशा-नाकामी का प्रतीक है। वहीं भाजपा ने सपा के पीडीए को परिवारवाद और दंगाईयों का गठबंधन बताया है। इस मुद्दे पर भाजपा और सपा पहले से ही आमने सामने हैं। उधर, अब बसपा प्रमुख मायावती ने उपचुनाव की इस जंग को त्रिकोणीय बनाते हुए जनता को नया नारा दिया है सपा भाजपा से दूर रहेंगे तो बचे रहेंगे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का चर्चित बयान 'बंटोगे तो कटोगे, एक रहोगे तो नेक रहोगे' खासा चर्चा में है। महाराष्ट्र चुनाव में भी भाजपा इसे मुद्दा बना रही है। इसके जरिए भाजपा हिंदुत्व के रंग को और गाढ़ा करना चाहती है। यहां के उपचुनाव में सपा ने इसके जवाब में नारा दिया, जुड़ेंगे तो जीतेंगे...। सपा के नेता विजय प्रताप यादव की ओर से लखनऊ में इस तरह के पोस्टर लगाए गए हैं। अखिलेश यादव ने इसको सकारात्मक राजनीति बताया है। इससे पहले सपा की ओर से एक और पोस्टर लगा था जिस पर लिखा था कि 'न बटेंगे न कटेंगे, पीडीए के संग रहेंगे...।' अब यह मुद्दा और गर्मा गया है। भाजपा इस मुद्दे के जरिए सपा के पीडीए में सेंधमारी कर हिंदुत्व के सवाल पर जनता को मथना चाहती है।
अखिलेश-केशव में वार-पलटवार
'बंटेंगे तो कटेंगे' नारे पर हमला बोलते हुए सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि देश के इतिहास में ये नारा ‘निकृष्टतम-नारे’ के रूप में दर्ज होगा। उनके पतन के अंतिम अध्याय में आखिरी ‘शाब्दिक कील’ साबित होगा। सपा प्रमुख ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का नाम लिए बिना कहा कि देश और समाज के हित में उन्हें अपनी नकारात्मक नज़र और नज़रिये के साथ अपने सलाहकार भी बदल लेने चाहिए। ये उनके लिए भी हितकर साबित होगा। एक अच्छी सलाह ये है कि ‘पालें तो अच्छे विचार पालें’ और आस्तीनों को खुला रखें, साथ ही बांहों को भी, इसी में उनकी भलाई है।
वहीं डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने सपा मुखिया अखिलेश यादव पर पलटवार करते हुए कहा कि ये नाम तो गरीबों, पिछड़ों और दलितों का लेते हैं पर असल मकसद अपने परिवार का विस्तार है। टिकटों की लिस्ट में चाचा-भतीजे और करीबी ही रहते हैं। उपमुख्यमंत्री ने एक पोस्ट में लिखा कि सपा प्रमुख का पीडीए असल में छलावा है। यह पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक का नहीं बल्कि परिवारवाद, दबंगई और अपराधी का गठबंधन है। दूसरी ओर भाजपा का पीडीए है प्रगति, विकास व सुशासन। भाजपा ने सुशासन व भ्रष्टाचार मुक्त भारत के अपने संकल्प को दृढ़ता से निभाते हुए विकास के पथ पर देश को आगे बढ़ाया है।
मायावती बोलीं, बसपा से जुड़ेंगे तो आगे बढ़ेंगे-सुरक्षित रहेंगे
बसपा प्रमुख मायावती ने कहा है कि भाजपा ‘बंटोगे तो कटोगे’ और सपा ‘जुड़ेंगे तो जीतेंगे’ का नारा देकर सिर्फ जनता को गुमराह कर फायदा लेना चाहती है। उन्होंने इसके जवाब में नया नारा देते हुए कहा कि ‘बीएसपी से जुड़ेंगे तो आगे बढ़ेंगे और आगे सुरक्षित भी रहेंगे’। जनता को समझना चाहिए कि बीजेपी और सपा के गठबंधन से दूर रहोगे तो आगे बढ़ोगे। बसपा प्रमुख मायावती ने शनिवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि जब से बसपा ने उपचुनाव लड़ने का निर्णय लिया ,तबसे भाजपा और सपा की नींद उड़ी हुई है। अभी तक यह दोनों दल अंदर ही अंदर मिल कर चुनाव लड़े रहे थे। अब बसपा इन नौ सीटों पर अकेले उपचुनाव लड़ रही है। तो इनकी परेशानी बढ़ गई है।