ऑनलाइन नामांतरण में रोड़े अटका रहे विकास प्राधिकरण? शासन की मंशा को लगा रहे पलीता
विकास प्राधिकरण और आवास विकास परिषद के अधिकारी ऑनलाइन नामांतरण में पूरी तरह से रुचि नहीं दिखा रहे। नामांतरण के लिए वे आज भी ऑफलाइन व्यवस्था चाहते हैं।
Online name transfer: यूपी सरकार द्वारा ऑनलाइन म्यूटेशन यानी नामांतरण की सुविधा दिए जाने के बाद भी उसका लाभ लोगों को ठीक से नहीं मिल पा रहा है। शासन की जानकारी में आया है कि विकास प्राधिकरण और आवास विकास परिषद के अधिकारी ऑनलाइन नामांतरण में पूरी तरह से रुचि नहीं दिखा रहे हैं। छानबीन में यह पता चला है कि नामांतरण के लिए वे आज भी ऑफलाइन व्यवस्था चाहते हैं, इसीलिए जानबूझ कर ऑनलाइन आवेदनों को तकनीकी खामियां बताकर रोके रहते हैं।
13 हजार प्रकरण कर दिए निरस्त आवास विभाग ने पिछले दिनों प्रदेश के सभी विकास प्राधिकरणों और आवास विकास परिषद से ऑनलाइन म्यूटेशन के संबंध में पूरी रिपोर्ट तलब की थी। शासन को मिली रिपोर्ट के मुताबिक, प्रदेशभर में कुल 63355 ऑनलाइन आवेदन आए। इनमें से 45542 मामले स्वीकृत किए गए और 13893 निरस्त कर दिए गए। इनमें तरह-तरह की आपत्तियां लगाई गई हैं। पांच विकास प्राधिकरणों में सबसे अधिक मामले लटके हुए हैं। आवास विकास परिषद में 1101, गाजियाबाद विकास प्राधिकरण 1023, लखनऊ विकास प्राधिकरण 732, प्रयागराज 157 और गोरखपुर विकास प्राधिकरण में सबसे कम 153 म्यूटेशन के मामले लटके हैं।
स्थिति स्पष्ट करने को कहा गया अपर मुख्य सचिव आवास नितिन रमेश गोकर्ण ने ऑनलाइन म्यूटेशन की धीमी प्रगति पर नाराजगी जताई है। जिन विकास प्राधिकरणों में सबसे अधिक मामले लटके हैं उनसे स्थिति स्पष्ट करने को कहा गया है। इसके साथ ही अपर मुख्य सचिव आवास ने आवास विकास परिषद और विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्षों को निर्देश दिया है कि वे ऑनलाइन म्यूटेशन के मामले में तेजी लाएं।
क्या है इसका मकसद
आवंटियों या खरीददारों को ऑफलाइन व्यवस्था से परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था। इसीलिए शासन ने इसके लिए ऑनलाइन व्यवस्था लागू कर दी। इसके बाद भी शासन की मंशा पूरी तरह से अभी सफल नहीं हो पा रही है।