काशी में देव दीपावली की तैयारियां पूरी, सीएम योगी और उपराष्ट्रपति धनखड़ खास मेहमान
देवदीपावली पर शुक्रवार को गंगा के अर्द्धचंद्राकार घाट ही नहीं बल्कि पूरी काशी दीपों की ज्योति से दीप्तिमान होगी। इसके साक्षी उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी बनेंगे।
देवदीपावली पर शुक्रवार को गंगा के अर्द्धचंद्राकार घाट ही नहीं बल्कि पूरी काशी दीपों की ज्योति से दीप्तिमान होगी। इसके साक्षी उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी बनेंगे। इसके अलावा केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी और उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य सहित काफी संख्या में आ रहे अतिथि असंख्य दीप प्रज्ज्वलित कर देवदीपावली मनाएंगे।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ शाम करीब साढ़े चार बजे नमो घाट का उद्घाटन करेंगे। तत्पश्चात नमो घाट से ही देवदीपावली की शुरुआत करेंगे। इस दरम्यान अमेरिकी कलाकारों के समूह नृत्य सहित सांस्कृतिक कार्यक्रम और फायर क्रैकर शो देखेंगे। यहां कार्यक्रम के बाद उपराष्ट्रपति, राज्यपाल, मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री, डिप्टी सीएम सहित सभी अतिथि क्रूज से गंगा के दीपोत्सव का नजारा देखने चेतसिंह घाट के लिए रवाना होंगे। उनके स्वागत में हर घाट पर अलग-अलग थीम पर सजावट की गई है।
चेतसिंह घाट पर सभी अतिथि गंगा और शिव की महिमा थीम पर 3डी प्रोजेक्शन मैपिंग लेजर शो देखेंगे। उपराष्ट्रपति सभी अतिथियों के साथ लौटते समय क्रूज से ही दशाश्वमेध घाट की दैनिक गंगा आरती भी देखेंगे। तत्पश्चात काशी विश्वनाथ धाम के सामने गंगा पार में ग्रीन फायर शो और लेजर शो का भी लुत्फ उठाएंगे। लौटकर नमो घाट पर आएंगे और उपराष्ट्रपति सड़क मार्ग से सीधे बाबतपुर एयरपोर्ट रवाना होंगे।
दशाश्वमेध घाट पर 42 कन्याएं रिद्धि-सिद्धि के रूप में आरती करेंगी
दशाश्वमेध घाट पर प्रो. चन्द्रमौली उपाध्याय, पं. श्रीधर पांडेय औऱ गंगा सेवा निधि के प्रमुख अर्चक आचार्य रणधीर के नेतृत्व में 21 ब्राह्मणों द्वारा गंगा का वैदिक रीति से पूजन होगा। रामजन्म योगी द्वारा शंखनाद से निधि के 21 ब्राह्मणों, दुर्गा चरण इंटर कॉलेज की 42 कन्याएं रिद्धि-सिद्धि के रूप में आरती करेंगी। काशी विश्वनाथ डमरू दल के 10 स्वयंसेवकों के डमरुओं के नाद से महाआरती शुरू होगी।
जनसहभागिता से प्रज्ज्वलित होंगे 17 लाख दीप
जाह्नवी तट पर देव दीपावली को भव्य बनाने के लिए 12 लाख दीप घाटों पर रोशन होंगे। जन सहभागिता से इन दीपों की संख्या 17 लाख के पार हो जाएगी। 3 लाख से अधिक दीप गाय के गोबर से बने हैं। इस अलौकिक, अप्रतिम और दिव्य दृश्य को देखने के लिए 10 लाख से अधिक देशी और विदेशी पर्यटकों के आने की संभावना है।
श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में पूजा और सजावट
बाबा विश्वनाथ की विशेष पूजा की जाएगी। बाबा के दरबार को फूलों से सजाया जा रहा है। यहां लाइटिंग भी की जा रही है। इसके अलावा पूरे धाम में दीप जलाए जाएंगे। ललिता घाट गंगा द्वार को भी दीपों के माध्यम से आकर्षण तरीके से सजाया जा रहा है।