यूपी ने आंध्र प्रदेश और बिहार को पीछे छोड़ा, इस मामले में बना नंबर वन, डिप्टी सीएम ने समझाया पूरा आंकड़ा
- डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने बताया कि आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम) के डैशबोर्ड के 5 सितंबर तक प्रदर्शित आंकड़ों के अनुसार, ऑनलाइन ओपीडी पंजीकरण में उत्तर प्रदेश के बाद आंध्र प्रदेश का नंबर है, जहां 81 लाख मरीजों ने ओपीडी में इलाज के लिए ऑनलाइन टोकन लिया।
सरकारी अस्पतालों में ओपी रजिस्ट्रेशन के मामले में यूपी ने देशभर के प्रदेशों को पीछे छोड़ दिया है। अस्पतालों में ओपीडी के लिए रजिस्ट्रेशन कराने वाला उत्तर प्रदेश पहले नंबर पर पहुंच गया है। जबकि आंध्र प्रदेश दूसरे और बिहार तीसरे नंबर पर है। डिप्टी सीएम ब्रजेश पाइक ने भी रजिस्ट्रेशन के आंकड़ों को लेकर विस्तार से बताया। उन्होंने बताया, ऐसा प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में लोगों को उच्च स्तरीय स्वास्थ्य सेवाएं मिलने के कारण हुआ है। उन्हें निःशुल्क दवाएं एवं गुणवत्तापरक उपचार मिल रहा है। उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम) के डैशबोर्ड के आंकड़े बताते हैं कि सरकारी अस्पतालों में ऑनलाइन ओपीडी पंजीकरण में उत्तर प्रदेश सबसे आगे और तमिलनाडु सबसे पीछे है।
पिछले दो वर्ष में नेशनल हेल्थ अथॉरिटी (एनएचए) के तहत स्कैन और शेयर सेवा के जरिए बाह्य रोगी विभाग (ओपीडी) के लिए करीब 4.7 करोड़ ऑनलाइन पंजीकरण किए गए। इनमें 1.24 करोड़ ओपीडी टोकन अकेले उत्तर प्रदेश से जारी किए गए। वहीं, तमिलनाडु और केरल जैसे राज्यों में इस सेवा के माध्यम से 10,000 से भी कम ओपीडी पंजीकरण टोकन दिए गए।
डिप्टी सीएम ने बताया कि आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम) के डैशबोर्ड के 5 सितंबर तक प्रदर्शित आंकड़ों के अनुसार, ऑनलाइन ओपीडी पंजीकरण में उत्तर प्रदेश के बाद आंध्र प्रदेश का नंबर है, जहां 81 लाख मरीजों ने ओपीडी में इलाज के लिए ऑनलाइन टोकन लिया। कुल 57 लाख टोकन के साथ बिहार तीसरे स्थान पर है। आंकड़ों के अनुसार इस सूची में महज 949 टोकन के साथ तमिलनाडु सबसे नीचे है। हिमाचल प्रदेश नीचे से दूसरे स्थान पर है, जहां केवल 1,365 ओपीडी पंजीकरण ऑनलाइन किए गए। इसके बाद गोवा में महज 2,381 और केरल में 7,983 मरीजों ने ओपीडी में इलाज के लिए ऑनलाइन पंजीकरण टोकन लिया।
25 में से 15 अस्पताल उत्तर प्रदेश के
देशभर में सबसे ज्यादा ओपीडी पंजीकरण वाले 25 अस्पतालों में से 15 उत्तर प्रदेश और उसके बाद पांच आंध्र प्रदेश के हैं। डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि हम रोगियों और उनके तीमारदारों को गुणवत्तापरक सेवाएं उपलब्ध करा रहे हैं। इन 15 अस्पतालों में स्वरूप रानी नेहरू अस्पताल प्रयागराज, जिला संयुक्त चिकित्सालय गौतमबुद्ध नगर, गणेश शंकर विद्यार्थी मेडिकल कॉलेज कानपुर नगर, लोकबंधु राजनारायण संयुक्त चिकित्सालय, महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज झांसी, तेज बहादुर सप्रु अस्पताल प्रयागराज, बलरामपुर अस्पताल लखनऊ, यूएचएम जिला पुरुष चिकित्सालय कानपुर नगर, जिला पुरुष चिकित्सालय झांसी, पंडित दीन दयाल उपाध्याय चिकित्सालय वाराणसी, नेताजी सुभाष चंद्र बोस जिला अस्पताल गोरखपुर, डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल अस्पताल लखनऊ, एसएसपीजी जिला अस्पताल वाराणसी, गर्वन्मेंट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइसंस (जिम्स) गौतमबुद्ध नगर, मान्यवर कांशीराम संयुक्त जिला चिकित्सालय एवं ट्रॉमा सेंटर कानपुर नगर शामिल हैं।