युवा कांग्रेसी प्रभात के चाचा को हत्या की आशंका, लखनऊ में दर्ज कराई एफआईआर
लखनऊ में कांग्रेस के प्रदर्शन के दौरान दम तोड़ने वाले गोरखपुर के देईपार निवासी प्रभात पांडेय के चाचा को हत्या की आशंका है। चाचा ने लखनऊ के हुसैनगंज थाने में एफआईआर दर्ज करा दी है।
विधान भवन के पास बुधवार को कांग्रेस के प्रदर्शन में आए गोरखपुर के प्रभात पाण्डेय (31) की मौत के मामले में नया मोड़ आ गया है। प्रभात के चाचा ने हुसैनगंज कोतवाली में हत्या की एफआईआर दर्ज कराई है। चाचा के अनुसार प्रभात शाम को माल एवेन्यू स्थित प्रदेश कांग्रेस के कार्यालय में बेसुध हालत में मिला था। उसके हाथ-पैर ठंडे थे। कांग्रेस दफ्तर से ही प्रभात के चाचा मनीष पाण्डेय को सूचना मिली। मनीष ने परिचित संदीप को वहां भेजा। संदीप के दबाव डालने पर वहां मौजूद लोग उसे सिविल अस्पताल ले गए जहां डॉक्टरों ने प्रभात को मृत घोषित कर दिया।
कांग्रेस के कई कार्यकर्ता अस्पताल पहुंच गए थे। इस बीच ही डिप्टी सीएम बृजेश पाठक और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय भी सिविल अस्पताल पहुंचे। चाचा मनीष ने हत्या करने का आरोप लगाते हुए हुसैनगंज कोतवाली में एफआईआर कराई है। डिप्टी सीएम ने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट से मौत की वजह साफ होगी। प्रभात गोमतीनगर में एमिटी कालेज के सामने पीजी में रहकर प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के साथ कम्प्यूटर कोर्स भी कर रहा था।
हालांकि कांग्रेस का आरोप है कि पुलिस की धक्कामुक्की और बल प्रयोग के कारण प्रभात की मौत हुई है। अजय राय ने तो प्रभात को पीटने का पुलिस पर आरोप लगाया है। प्रभात के निधन की खबर मिलते ही गोरखपुर स्थित घर पर कोहराम मच गया। स्थानीय कांग्रेस नेता उनके घर पहुंचे और परिजनों को ढांढ़स बधाया। पड़ोसियों और परिजनों का कहना है कि प्रभात को पहले से कोई बीमारी नहीं थी।
दो बहनों में इकलौते भाई थे प्रभात
गोरखपुर के देईपार निवासी प्रभात पांडेय दो बहनों में दीपक पाण्डेय के इकलौते बेटे थे। प्रभात की एक बहन की शादी हो चुकी है। एक बहन श्रेया की शादी नहीं हुई है। प्रभात युवक कांग्रेस से करीब ढाई साल पहले जुड़े थे। युवा कार्यकर्ता प्रभात पार्टी के कार्यो में सक्रिय भागीदारी करते थे। पढ़ाई के बाद प्रभात चार माह से लखनऊ में अपने चाचा मनीष पाण्डेय के पास रहकर कम्प्यूटर कोर्स कर रहे थे।
पार्टी के कार्यक्रम में भी अपना योगदान दे रहे है। बुधवार को पार्टी कार्यकर्ताओं के विधानसभा घेराव को लेकर कार्यालय पहुंचे थे। वहां से बेसुध हालत में सिविल अस्पताल लाया गया। अस्पताल में उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। मौत की सूचना पर पिता बेसुध हो गए हैं। मां बहन समेत अन्य परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है।
मौत सूचना पाकर कांग्रेसी नेता प्रधान चन्द्रभूषण पाण्डेय समेत अन्य पार्टी के कार्यकर्ता प्रभात के घर पहुंचकर परिजनों को ढांढ़स बंधा रहे हैं। प्रभात के पिता एलआईसी में काम करते है। प्रभात की अभी शादी नहीं हुई थी।
लखनऊ की पुलिस उपायुक्त रवीना त्यागी के अनुसार शाम पांच बजे प्रभात पांडेय को कांग्रेस मुख्यालय से सिविल अस्पताल में बेहोशी की हालत में लाया गया। उन्हें डॉक्टरों ने पहले से मृत घोषित किया है। उनके शरीर पर किसी प्रकार के चोट के निशान नहीं मिले हैं। त्यागी के अनुसार डॉक्टरों के पैनल से पोस्टमार्टम कराया जाएगा। उसके बाद आगे की विधिक कार्यवाही होगी। डीसीपी ने कहा कि सोशल मीडिया पर प्रभात की मौत को लेकर अफवाहें फैलाने वालों पर सख्त कार्रवाई होगी। प्रदर्शनकारियों पर बल प्रयोग नहीं किया गया।