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मुस्लिम लीग की मानसिकता से नहीं चलेगा ये देश, संभल खुदाई पर प्रयागराज में बोले सीएम योगी

  • संभल की जामा मस्जिद को लेकर सीएम योगी ने बोले, कुछ लोगों ने संभल जिले से अधिक की जमीन को वक्फ बोर्ड की जमीन बताई है जबकि संभल में इतनी जमीन ही नहीं है। हमारे पुराणों में पांच हजार वर्ष पहले से ही उल्लेख है कि संभल में हरि विष्णु का दसवां अवतार कलकी के रूप में होगा।

Dinesh Rathour लाइव हिन्दुस्तान, प्रयागराजFri, 10 Jan 2025 05:28 PM
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महाकुंभ मेला क्षेत्र में निरीक्षण करने पहुंचे सीएम योगी आदित्यनाथ संभल में हो रही खुदाई पर बड़ा बयान दिया। संभल की जामा मस्जिद को लेकर सीएम योगी ने बोले, कुछ लोगों ने संभल जिले से अधिक की जमीन को वक्फ बोर्ड की जमीन बताई है जबकि संभल में इतनी जमीन ही नहीं है। हमारे पुराणों में पांच हजार वर्ष पहले से ही उल्लेख है कि संभल में हरि विष्णु का दसवां अवतार कलकी के रूप में होगा। संभल में आज जो भी देखने को मिल रहा है, वह सभी सनातन धर्म से जुड़ा हुआ है। महाकुंभ मेले में एक निजी टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में सीएम योगी ने कहा कि 5 हजार वर्ष पहले धरती पर इस्लाम नहीं था। उस समय केवल सनातन धर्म ही था। उस समय जब इस्लाम था ही नहीं तो जामा मस्जिद का उल्लेख कैसे होगा।

आइन-ए-अकबरी कहती है कि 1526 में श्री हरि विष्णु मंदिर को तोड़कर ढांचा खड़ा किया गया है। इस गलती को स्वीकार किया जाना चाहिए। उन्हें खुद से दे देना चाहिए। ये देश मुस्लिम लीग की मानसिकता से नहीं चलेगा, भारत की आस्था के अनुरूप चलेगा। हमने कभी किसी के साथ भेदभाव नहीं किया है। आइन-ए-अकबरी कहता है कि वर्ष 1528 में अयोध्या में रामजन्म भूमि पर भगवान रामलला के मंदिर को तोड़कर एक ढांचा खड़ा किया गया था। ये सारे काम मीरबाकी ने किये हैं। ये जो भी चीजें हुई हैं, उस पर अगर हिंदू आस्था आग्रह करती है, तो सुना जाना चाहिए।

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हरि विष्णु मंदिर के शास्त्रीय प्रमाण और आस्था के साक्ष्य मौजूद

सीएम ने पूजा स्थल कानून के रिव्यू पर बोले, मुझे लगता है कि माननीय न्यायालय उसको देख रहा है और देखेगा भी। आस्था का जरूर सम्मान होगा। भारत एक आस्थावान देश है, ये महाकुम्भ का आयोजन उस आस्था का एक प्रतीक है, जहां पर देश और दुनिया का हर आस्थावान व्यक्ति बिना किसी भेदभाव के यहां पर आएगा। सीएम ने जामा मस्जिद मामले पर कहा कि दोनों तरह के साक्ष्य हैं- शास्त्रीय प्रमाण है और आस्था के साक्ष्य हैं। ये प्राप्त होते हैं, मुझे लगता है कि न्यायालय को हस्तक्षेप करने की नौबत न आए बल्कि इस्लाम के अनुयाइयों को बड़े सम्मानजनक ढंग से कहना चाहिए कि ये आपकी है। आप अपनी अमानत को संभालिए।

डिजिटल महाकुम्भ के रूप में जाना जाएगा इस बार का महाकुम्भ

सीएम ने कहा कि ये दुनिया का सबसे बड़ा एक अस्थायी शहर है और कम से कम 40 करोड़ लोग यहां आने वाले हैं। यहाां लोग देखें कि एक भारत कैसे एक जगह पर आ करके श्रेष्ठ भारत के तौर पर जाति-मत से ऊपर उठ करके संगम में एक साथ डुबकी लगाएंगे। सीएम ने कहा कि इस बाद का महाकुम्भ डिजिटल महाकुम्भ के रूप में जाना जाएगा। इस कुम्भ के जरिये आस्था को आधुनिकता से जोड़ा है। एप के जरिये महाकुम्भ से संबंधित सभी जानकारी को श्रद्धालु देख सकेंगे। डिजिटल महाकुम्भ के एप पर सभी जानकारियां दी गयी हैं। इससे श्रद्धालुओं को काफी सहूलियत होगी।

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जो परंपरागत रूप से संगम में स्नान को आएंगे, उनका स्वागत है, वहीं जो कहेंगे ये भूमि हमारी है, उनकी होगी डेंटिंग-पेंटिंग

सीएम ने महाकुम्भ में मुस्लिमों की एंट्री पर कहा कि जिनके मन में भारत और भारतीयता के प्रति, भारत की सनातन परंपरा के प्रति सम्मान और श्रद्धा का भाव है, वो यहां पर आएं, लेकिन अगर कोई कुत्सित मानसिकता के साथ यहां आता है तो मुझे लगता है कि उसकी भावनाओं को भी अच्छा नहीं लगेगा और उसके साथ अन्य तरीके से भी व्यवहार हो सकता है। इसलिए वैसे लोग न भी आएं तो अच्छा है, लेकिन श्रद्धा के साथ आने वाला हर व्यक्ति प्रयागराज आए। बहुत सारे ऐसे लोग हैं, जिन्होंने किसी कालकंड में किसी दबाव में आकर उनके पूर्वजों ने उपासना विधि के रूप में इस्लाम स्वीकार किया था, लेकिन वे भारत की परंपरा पर आज भी गौरव की अनुभूति करते हैं। अपने गौत्र को भारत के ऋषियों के नाम से जोड़कर देखते हैं। पर्व और त्योहारों में उनकी भागेदारी उसी रूप में होती है। वो लोग अगर परंपरागत रूप से संगम में स्नान करने के लिए आते हैं तो कोई बुराई नहीं है। उनका स्वागत है। वो लोग आएं। कहीं कोई समस्या नहीं, लेकिन अगर कोई ये कहने आएगा कि ये भूमि हमारी है और हम लोग इस पर कब्जा करेंगे। मुझे लगता है कि उनको डेंटिंग-पेंटिंग का सामना करना पड़ सकता है।

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