जिसे जेल ले जाना था दीवान जी ने उसी को थमा दी बाइक, खुद पीछे बैठे; जानें फिर
ललितपुर पुलिस ने उसे गिरफ्तार करके न्यायालय में पेश किया था। न्यायालय के आदेश पर आरोपित को पुलिस कर्मी जिला जेल ले जा रहे थे। इसी दौरान पुलिस कर्मियों ने हथकड़ी पहने आरोपित को बाइक थमा दी और खुद पीछे बैठ गए। यह नजारा देख एक शख्स ने सवाल उठाया कि कहीं आरोपित कुछ खुराफात कर बैठे तो?

यूपी के ललितपुर में पुलिस से जुड़ा एक गजब मामला सामने आया है। हुआ ये है कि जिस आरोपित को न्यायालय में पेशी के बाद जेल ले जाया जा रहा था पुलिस कर्मी ने उसी को बाइक थमा दी। आरोपित के हाथ में हथकड़ी लगाए पुलिसकर्मी बाइक पर पीछे बैठे और आरोपित बाइक चलाने लगा। इस तरह एक बाइक पर सवार ये तीनों जेल पहुंचे। तीनों को सब कुछ सामान्य ही लग रहा था लेकिन रास्ते में किसी ने उनका वीडियो बना लिया था। वीडियो वायरल होते ही आरोपित पर ऐसा गजब का विश्वास दिखाने और नियमों को तार-तार कर देने वाले हेड कांस्टेबल को एसपी ने लाइन हाजिर कर दिया है। साथ ही विभागीय कार्रवाई भी शुरू करा दी।
ललिलपुर के सदर कोतवाली क्षेत्र के झांसीपुरा मोहल्ले में हुए एक विवाद में अभियुक्त खित्ता उर्फ खेतिक करौसिया पुत्र चन्द्रभान वांक्षित है। वह मोहल्ला झांसीपुरा जेल चौराहा का निवासी है। ललितपुर की कोतवाली सदर पुलिस ने उसे गिरफ्तार करके न्यायालय में पेश किया था। न्यायालय के आदेश पर आरोपित को पुलिस कर्मी जिला कारागार ले जा रहे थे। इसी दौरान पुलिस कर्मियों ने हथकड़ी पहने आरोपित को बाइक थमा दी और खुद पीछे बैठ गए।
आरोपित बाइक चलाता हुआ जेल की ओर चल दिया। सड़क पर लोगों ने हथकड़ी पहने शख्स को बाइक चलाते और उनके पीछे बैठे दो पुलिसवालों को देखा तो हैरान रह गए। कुछ लोगों ने सवाल उठाया कि यदि बाइक चला रहा आरोपित कोई खुराफात कर दे तो क्या होगा? इसी बीच कुछ लोगों ने वीडियो बना लिया और सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। जिसके बाद पुलिस अधीक्षक मोहम्मद मुश्ताक ने हेड कांस्टेबल को लाइन हाजिर कर दिया और विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी।
हेलमेट भी नहीं लगाए थे
पुलिस कर्मियों ने आरोपित से बाइक चलवाने का रिस्क तो लिया ही, दो पहिया वाहन चलाते या पीछे बैठते समय हेलमेट लगाने का नियम भी तोड़ा। तीनों में से किसी ने हेलमेट नहीं लगाया था। तीनों का वीडियो वायरल होने के बाद लोग इसे लेकर तरह-तरह की बातें कर रहे हैं। कुछ लोगों का कहना है कि सामान्य व्यक्ति ट्रैफिक नियमों का जरा भी उल्लंघन कर दे तो उसका चालान कर दिया जाता है लेकिन जब पुलिसवाले खुद ही ऐसा करते दिखते हैं तो नियम तोड़ने वालों का भय मिट जाता है। नियम तोड़ने को लेकर उनका मनोबल बढ़ जाता है।