मुस्लिम वोट के लिए संभल-संभल चिल्ला रही कांग्रेस-सपा; बांग्लादेश पर मायावती ने घेरा; BJP को भी नसीहत
- मायावती ने बांग्लादेश में हिदुओं के उत्पीड़न पर चुप्पी साधने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस और समाजवादी पार्टी को घेरा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी चुप है और अब केवल मुस्लिम वोट के लिए संभल संभल चिल्ला रही है। इस मामले में कांग्रेस, सपा और उसके समर्थक एक ही थाली के चट्टे-बट्टे हैं।
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की सुप्रीमो और यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने बांग्लादेश में हिदुओं के उत्पीड़न पर चुप्पी साधने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस और समाजवादी पार्टी को घेरा है। उन्होंने कहा, 'पड़ोसी देश बांग्लादेश में हिन्दू बड़ी संख्या में अपराधों का शिकार हो रहे हैं। उनमें से ज्यादातर दलित हैं कमजोर तबके के लोग हैं। कांग्रेस पार्टी चुप है और अब केवल मुस्लिम वोट के लिए संभल संभल चिल्ला रही है। इस मामले में कांग्रेस, सपा और उसके समर्थक एक ही थाली के चट्टे-बट्टे हैं। ऐसे में केंद्र सरकार जो भाजपा के नेतृत्व में चल रही है उसे अपनी जिम्मेदारी को आगे बढ़ चढ़ कर निभाए। ताकि दलित वर्ग के लोग जो शोषण का शिकार हो रहे हैं उन्हें और ज्यादा शिकार ना होना पड़े। या फिर कांग्रेस की जिस गलती का उन्हें नुकसान उठाना पड़ रहा है उन्हें वहां की सरकार से बात-चीत कर भारत वापस लाया जाए।'
मायावती ने कहा कि बांग्लादेश में प्रताड़ित हिंदुओं में अधिकांश संख्या उन दलितों और कमजोर तबके के लोगों की है जिनकी भारत देश में बहुलता होते हुए भी बाबा साहेब भीम राव अंबेडकर को संविधान सभा में चुनने की सजा के तौर पर बंटवारे में पाकिस्तान को दे दिया गया था। इस प्रकार बाबा साहेब डॉ. भीम राव अंबेडकर संविधान सभा में बंगाल के जिस जैसोर खुन्ना क्षेत्र से चुनकर आए उसे हिदू बहुल क्षेत्र होने के बावजूद षड़यंत्रपूर्वक पाकिस्तान के हवाले कर दिया गया जो अब बांग्लादेश में है। इसी के चलते बाबा साहेब डॉ.भीम राव अंबेडकर वहां से इस्तीफा देकर भारत वापस आ गए। ये सब जातिवादी खेल कांग्रेस पार्टी का था और अब जब वहां इनका शोषण हो रहा है तो भारत की मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस चुप है। अब वह केवल मुस्लिम वोट के लिए संभल-संभल चिल्ला रही है।
बसपा सु्प्रीमो ने कहा कि बड़े दुख की बात ये है जिनकी बदौलत से दलित वर्ग के सांसद संसद पहुंचे हैं वे भी अपनी-अपनी पार्टियों के आकाओं को खुश करने के लिए दलित उत्पीड़न के मामलों पर चुप ही बैठे हैं चाहे ये उत्पीड़न अपने देश में हो या फिर पड़ोसी देश बांग्लादेश में।