सपा की पीडीए पिच पर ही खेल कर कांग्रेस कर रही विस्तार, यूपी उपचुनाव में इस दांव पर फोकस
सपा की पीडीए पिच पर ही खेल कर कांग्रेस विस्तार कर रही है। यूपी में विधानसभा की 10 सीटों पर होने वाले उपचुनाव से पहले कांग्रेस भी पिछड़ों, दलितों व अल्पसंख्यकों (पीडीए) पर अपना ध्यान केंद्रित कर रही है।
लोकसभा चुनाव में ‘इंडिया’ गठबंधन को यूपी में मिली अप्रत्याशित सफलता से उत्साहित कांग्रेस अब खुलकर अपने सहयोगी दल सपा की ही ‘पिच’ पर खेलने लगी है। विधानसभा की 10 सीटों पर होने वाले उपचुनाव से पहले कांग्रेस भी पिछड़ों, दलितों व अल्पसंख्यकों (पीडीए) पर अपना ध्यान केंद्रित कर रही है। उसके सभी कार्यक्रम इसी दांव को ध्यान में रखकर बनाए जा रहे हैं।
कांग्रेस जातीय जनगणना और संविधान बचाने के नाम पर आरक्षण को लगातार मुद्दा बनाए रखने की रणनीति पर काम कर रही है। शनिवार को प्रयागराज में आयोजित संविधान सम्मान सम्मेलन में लोकसभा में प्रतिपक्ष के नेता राहुल गांधी की मौजूदगी को भी इस रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है। इससे पहले कांग्रेस ने केंद्रीय मंत्रालयों में ‘लैटरल इंट्री’ को आरक्षण पर डाका के तौर पर प्रचारित कर बाजी मारने की कोशिश की। कांग्रेस के अनुसूचित जाति विभाग, पिछड़ा वर्ग विभाग और अल्पसंख्यक विभाग मिलकर संविधान और आरक्षण पर जागरूकता का अभियान चला रहे हैं। तीनों विभागों ने अलग-अलग बस्तियों में इस मुद्दे पर हस्ताक्षर अभियान भी चलाया। अब वे वक्फ बोर्ड से जुड़े विधेयक को भी मुद्दा बनाने में जुटे हैं।
कांग्रेस के रणनीतिकारों की इस योजना के पीछे खास बात यह है कि यूपी में पार्टी का नेतृत्व सवर्णों के हाथ में है। सबसे अहम माने जाने वाले दोनों पदों प्रदेश प्रभारी व प्रदेश अध्यक्ष पर सवर्ण जाति में आने वाले नेता काबिज हैं। इसी तरह विधायक दल का नेतृत्व भी सवर्ण के ही हाथ में है। उपचुनाव में भी सपा के साथ गठबंधन की संभावनाओं के बीच पार्टी तेजी से अपना विस्तार करने में भी जुटी है। दोनों दलों में विधानसभा की 10 सीटों का बंटवारा होना है।
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