भाजपा में पदाधिकारी बनने की बदलीं शर्तें, मंडल अध्यक्ष भी अब प्रदेश से होंगे तय; उम्र सीमा भी लगी
- पहला मौका है जब भाजपा में मंडल अध्यक्ष से लेकर जिलाध्यक्ष पद तक के लिए उम्र का मानक तय किया गया है। मंडल अध्यक्ष के लिए आयु सीमा 35 से 45 साल तय की गई है जबकि जिलाध्यक्ष 45 से 60 साल तक की उम्र वाले ही बनाए जाएंगे। मंडल अध्यक्षों की चुनाव प्रक्रिया 15 दिसंबर तक पूरी करनी होगी।
UP BJP: भारतीय जनता पार्टी संगठन में युवाओं और महिलाओं को तरजीह देगी। पहला मौका है जब मंडल अध्यक्ष से लेकर जिलाध्यक्ष पद तक के लिए उम्र का मानक तय किया गया है। मंडल अध्यक्ष के लिए आयु सीमा 35 से 45 साल तय की गई है जबकि जिलाध्यक्ष 45 से 60 साल तक की उम्र वाले ही बनाए जाएंगे। मंडल अध्यक्षों की चुनाव प्रक्रिया 15 दिसंबर तक पूरी करनी होगी। खास बात यह है कि मंडल अध्यक्ष भी अब क्षेत्र नहीं प्रदेश तय करेगा। कुछ क्षेत्रों से इसे लेकर शिकायतें प्रदेश संगठन तक पहुंच रही थीं। संगठन चुनाव से जुड़ी ऐसी तमाम बातें मंगलवार को सभी छह संगठनात्मक क्षेत्रों में हुई बैठकों में तय हुईं।
पार्टी के संगठनात्मक चुनावों के क्रम में मंगलवार को अवध क्षेत्र की कार्यशाला लखनऊ के विश्वेश्वरैया सभागार में हुई। उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश में प्राथमिक सदस्य और सक्रिय सदस्य बनाने का अभियान पूरा हो चुका है। बूथ समितियों के गठन और मण्डल अध्यक्षों के निर्वाचन की प्रक्रिया चल रही है। उन्होंने कहा कि सभी बूथों का भौतिक सत्यापन भी किया जाएगा। इसके लिए शक्ति केंद्र स्तर पर विस्तारक तय किए जाएंगे। वो तीन दिन तक स्थानीय स्तर पर प्रवास कर बूथ समितियों का सत्यापन करेंगे। बता दें कि राष्ट्रीय महामंत्री व केंद्रीय प्रेक्षक विनोद तावड़े ने पश्चिम क्षेत्र, प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने कानपुर क्षेत्र, मुख्य चुनाव अधिकारी डा. महेंद्रनाथ पांडेय ने गोरखपुर क्षेत्र, सह प्रभारी संजीव चौरसिया ने ब्रज क्षेत्र और संजय भाटिया ने काशी क्षेत्र में बैठक ली।
मजबूत संगठन रखेगा 2027 की नींव
संगठन महामंत्री ने कहा कि जितना मजबूत बूथ और मण्डल की इकाई होगी, भाजपा भी उतनी ही मजबूत होगी। उन्होंने कहा कि मजबूत बूथ और मण्डल इकाइयां ही 2027 के चुनावों में भाजपा की तीसरी बार लगातार सरकार बनाने में सहयोगी होंगी। उन्होंने कहा कि मण्डल अध्यक्षों के निर्वाचन की भी प्रक्रिया चल रही है। निर्वाचन प्रक्रिया में शामिल लोगों को यह सुनिश्चित करना है कि 45 वर्ष की आयु तक के कार्यकर्ता ही मण्डल अध्यक्ष बनें।
सुनें सबकी मगर किसी के प्रभाव में न आएं
विधानसभा और जिले में जो मण्डल अध्यक्ष निर्वाचित हो रहे हैं, उनके चयन में प्रत्येक सामाजिक वर्ग को प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करना है। महिलाओं की प्रतिभागिता भी सुनिश्चित हो। महामंत्री संगठन ने कहा कि संगठन सशक्त बने इसके लिए निर्वाचन प्रक्रिया में सभी प्रमुख और वरिष्ठ लोगों से भी विचार विमर्श करना चाहिए ताकि उनके अनुभवों का लाभ मिल सके। उन्होंने चेताया कि सुनें सबकी मगर किसी के प्रभाव में न आएं। निर्वाचन प्रक्रिया में शामिल लोग इस बात का ध्यान अवश्य रखें कि उन्हें निर्णय अपनी पसंद नापसंद से नहीं बल्कि संगठन हित को ध्यान में रखते हुए लेना है। मण्डल अध्यक्षों का निर्वाचन 15 दिसंबर तक पूरा किया जाना है। इसके बाद 30 दिसंबर तक जिलाध्यक्षों के निर्वाचन की प्रक्रिया चलेगी। अवध क्षेत्र की कार्यशाला में संगठनात्मक चुनाव के जिला चुनाव अधिकारी-सहचुनाव अधिकारी, मंडलों के चुनाव अधिकारी सहित जिलाध्यक्ष, जिलाप्रभारी शामिल हुए।
तीसरी बार नहीं बनेंगे मंडल अध्यक्ष
चुनाव प्रक्रिया से जुड़े सभी लोगों को स्पष्ट कर दिया गया है कि मंडल अध्यक्ष के लिए दो बार का सक्रिय सदस्य होना जरूरी है। पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल न रहा हो। खास बात यह है कि दो बार मंडल अध्यक्ष रह चुके कार्यकर्ता तीसरी बार अध्यक्ष नहीं बन पाएंगे। एक बार वालों में से कुछ लोगों को उनके काम और क्षमता के आधार पर जरूर रिपीट किया जा सकता है। कार्यशाला में उपस्थित प्रतिनिधियों को पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डा. रमापति राम त्रिपाठी, प्रदेश महामंत्री व अवध क्षेत्र के प्रभारी संजय राय, प्रदेश की सह चुनाव अधिकारी रंजना उपाध्याय, अवध क्षेत्र के अध्यक्ष कमलेश मिश्रा ने भी संबोधित किया।