आपकी गाड़ी के भी हो चुके हैं चालान तो खैर नहीं, लाइसेंस होगा निरस्त, सीएम योगी ने दिए सख्त निर्देश
- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अफसरों को निर्देश दिया है कि अगर किसी वाहन का बार-बार चालान होता है तो सम्बन्धित व्यक्ति का ड्राइविंग लाइसेंस और परमिट निरस्त कर दिया जाएगा।
यातायात नियमों को तोड़ने वाले बाइक, कार और ई-रिक्शा चालकों की अब खैर नहीं। सीएम योगी ने ऐसे लोगों पर सख्ती दिखाई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अफसरों को निर्देश दिया है कि अगर किसी वाहन का बार-बार चालान होता है तो सम्बन्धित व्यक्ति का ड्राइविंग लाइसेंस और परमिट निरस्त कर दिया जाएगा। इस कार्रवाई को फास्टैग से जोड़ा जाए। सड़क हादसे रोकने के लिए स्कूलों-कालेजों में छह से 10 जनवरी तक सड़क सुरक्षा जागरुकता कार्यक्रम चलाए जाएं। साथ ही ध्वनि प्रदूषण पर रोक लगाने के लिए मोटरसाइकिलों में से ऊंची आवाज करने वाले मोडिफाई साइलेंसर व हॉर्न हटाए जाएं। साथ ही नाबालिगों द्वारा ई-रिक्शा चलाए जाने पर सख्ती से रोक लगाने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने यह निर्देश बुधवार को उत्तर प्रदेश राज्य सड़क सुरक्षा परिषद की बैठक में दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में हर साल 23 से 25 हजार मौतें सड़क हादसे में होती है। इससे राष्ट्रीय क्षति होती है। उन्होंने सभी जिलों में पांच जनवरी तक जिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठक पूरी कर लेने के निर्देश दिए। साथ ही निर्देश दिए कि सड़क सुरक्षा माह केवल लखनऊ तक सीमित न रहे, बल्कि इसे सभी 75 जिलों में पूरा करा लिया जाए। अधिकतर दुर्घटनाएं जागरुकता के अभाव में होती है। उन्होंने हर महीने जिलों में डीएम की अध्यक्षता में सड़क सुरक्षा की बैठक करने के निर्देश दिए। इस बैठक में एसपी, नगर आयुक्त, आरटीओ, पीडबल्यूडी, शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ ही सीएमओ भी उपस्थित रहें।
हॉट स्पॉट चिन्हित किए जाएंगे
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि जिलों में उन स्थानों को चिन्हित कर लें, जहां सड़क हादसे ज्यादा होते हैं। हादसों की वजह पता करें और उसे दूर करने की कार्ययोजना बनाएं। इस बात पर ध्यान देने के निर्देश दिए कि नाबालिग ई-रिक्शा व अन्य वाहनों को चलाते न दिखें। ई-रिक्शा रजिस्ट्रेशन ठीक से कराया जाए।
ओवरलोडिंग बर्दाश्त नहीं
मुख्यमंत्री ने ओवरलोडिंग पर नाराजगी जताई। उन्होंने निर्देश दिए कि ओवरलोडिंग कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इसे सीमा पर ही रोक लिया जाए। शहर के अंदर स्टार्टिंग प्वाइन्ट पर ही इनके खिलाफ कार्रवाई की जाए। एक्सप्रेस वे पर अक्सर ज्यादा भार लादे वाहन खड़े रहते हैं। यह दुर्घटना का कारण बनते हैं। इन वाहनों को क्रेन से हटवाया जाए। हेलमेट, सीट बेल्ट और सड़क सुरक्षा के मानकों का पालन करने के लिए जागरुकता कार्यक्रम चलाए जाएं। जागरुकता से जुड़ी होर्डिंग सभी जिलों की 350 तहसीलों, 1500 थानों व सभी नगर निकायों के बाहर भी लगाई जाए।
रोड सेफ्टी पार्क बनेंगे
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि स्कूलों में रोड सेफ्टी क्लब की तरह हर जिले में रोड सेफ्टी पार्क बनाए जाएं। बसों की फिटनेस का भी ध्यान रखा जाए। हर निकायों में वेंडिंग जोन बनाकर रेहड़ी-पटरी वालों को स्थापित किया जाए। सड़कों पर कहीं भी अवैध स्टैंड न लगें। इनके लिए स्थान तय किया जाए।
अवैध बसें न चलने दी जाए
मुख्यमंत्री ने इस पर सख्ती से निर्देश दिए कि अवैध बसों का संचालन किसी सूरत में न होने दिया जाए। ये बसें ही दुर्घटना का बड़ा कारण बनती हैं। बिना अनुबंधित बसों का पंजीकरण कर उनका रूट तय कर दिया जाए। बैठक में डिप्टी सीएम बृजेश पाठक, नगर विकास मंत्री एके शर्मा, परिवहन मंत्री दया शंकर सिंह, बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह के अलावा परिवहन आयुक्त चन्द्रभूषण सिंह, एमडी मासूम अली सरवर समेत कई अधिकारी मौजूद रहे।
ये भी निर्देश दिए…
- सड़क हादसों में हर साल 23-25 हजार मौतें
- सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए जागरुकता बढ़ानी होगी
- विपरीत दिशा में चलने वालों पर सख्ती की जाए