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यूपी को ‘वन ट्रिलियन डॉलर’ इकॉनमी बनाने में विश्व बैंक की अहम भूमिकाः सीएम योगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, उत्तर प्रदेश देश की विकास गाथा का पर्याय है। आज सारे विश्व ने मान लिया है कि उत्तर प्रदेश बैरियर नहीं बल्कि भारत का ग्रोथ इंजन है।

Dinesh Rathour लाइव हिन्दुस्तान, लखनऊFri, 9 May 2025 05:06 PM
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यूपी को ‘वन ट्रिलियन डॉलर’ इकॉनमी बनाने में विश्व बैंक की अहम भूमिकाः सीएम योगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, उत्तर प्रदेश देश की विकास गाथा का पर्याय है। आज सारे विश्व ने मान लिया है कि उत्तर प्रदेश बैरियर नहीं बल्कि भारत का ग्रोथ इंजन है। दोनों ही कार्यक्रम प्रदेश के ‘वन ट्रिलियन डॉलर’ की इकॉनमी बनने का सपना साकार करेंगे। सीएम योगी ने यूपी-एग्रीस प्रोजेक्ट में विश्व बैंक की सहभागिता का आभार जताते हुए कहा कि यूपी-एग्रीस के जरिए प्रदेश के कृषि उत्पादकता को बढ़ाने में मदद मिलेगी जो किसानों की उन्नति का कारण बनेगा। ये बातें सीएम योगी ने विश्व बैंक के अध्यक्ष अजय बंगा से मुलाकात के बाद कहीं। मुख्यमंत्री आवास पर विश्व बैंक के अध्यक्ष अजय बंगा संग मुलाकात के बाद दोनों प्रोजेक्ट्स को लॉन्च करते हुए सीएम योगी ने विश्व बैंक की तारीफ की और सहयोग के लिए आभार जताया। उन्होंने कहा कि विश्व बैंक हमेशा उत्तर प्रदेश की उन्नति में बड़ा भागीदार बनकर उभरता है। सीएम योगी ने कहा कि चाहे पर्यावरण संरक्षण हो, प्रदेश में टूरिज्म को बढ़ावा देना हो या फिर अवस्थापना से जुड़ी परियोजनाओं का संचालन हो, विश्व बैंक हमेशा से महती भूमिका निभाता है। उन्होंने कहा कि आज का दिन कई मायनों में महत्वपूर्ण है। आज प्रदेश को कृषि और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस प्रयोग के नए युग में प्रवेश कर रहा है।

विश्व बैंक के सहयोग से यूपी-एग्रीस कार्यक्रम हुआ लागू

यूपी को उन्नत प्रदेश बनाने की दिशा में सीएम योगी आदित्यनाथ और विश्व बैंक के अध्यक्ष अजय बंगा ने ऐतिहासिक पहल करते हुए दो प्रमुख कार्यक्रमों का शुभारंभ किया। शुक्रवार को विश्व बैंक के सहयोग से उत्तर प्रदेश में यूपी-एग्रीस कार्यक्रम को लागू किया गया। इस कार्यक्रम के जरिए प्रदेश के पूर्वांचल व बुंदेलखंड क्षेत्रों में आधुनिक तकनीक आधारित खेती को बढ़ावा मिलेगा। इससे कृषि उत्पादकता बढ़ाने में मदद मिलेगी और 10 लाख किसानों को फायदा होगा। इसी प्रकार, योगी सरकार के एक और बड़े प्रोजेक्ट ‘एआई प्रज्ञा’ का भी शुक्रवार को सीएम योगी द्वारा शुभारंभ किया गया। इस कार्यक्रम के जरिए उत्तर प्रदेश को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के हब के तौर पर स्थापित करने में मदद मिलेगी। कार्यक्रम के जरिए प्रदेश में 10 लाख युवाओं को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के विभिन्न पहलुओं में दक्ष बनाया जाएगा।

10 लाख किसानों को प्रत्यक्ष रूप से मिलेगा लाभ

इस परियोजना से 10 लाख किसानों को प्रत्यक्ष रूप से लाभ होगा, जिसमें 30 प्रतिशत हिस्सेदारी महिलाओं की होगी। वहीं 10 हजार महिला उत्पादक समूहों को परियोजना से जोड़ा जाएगा। इसके अलावा 500 किसानों को सर्वोत्तम कृषि तकनीकी जानकारी के लिए विदेशों में भेजा जाएगा। इससे छोटे किसानों को सशक्त बनाने और क्षेत्रीय विषमताओं को खत्म करने में मदद मिलेगी। परियोजना के अंतर्गत पूर्वी उत्तर प्रदेश के 21 जिले श्रावस्ती, बहराइच, बलरामपुर, गोंडा, सिद्धार्थनगर, बस्ती, महराजगंज, संतकबीर नगर, कुशीनगर, गोरखपुर, देवरिया, आजमगढ़, मऊ, जौनपुर, बलिया, गाजीपुर, वाराणसी, चंदौली, मीरजापुर, सोनभद्र और संत रविदास नगर तथा बुंदेलखंड के जालौन, झांसी, हमीरपुर, महोबा, बांदा, ललितपुर और चित्रकूट जैसे जिलों के किसान लाभान्वित होंगे।

6 माह से 6 वर्ष के बच्चों के लिए जल्द लॉन्च होगा सीएम पोषण मिशन

सीएम योगी ने प्रदेश में बच्चों को पोषक आहार उपलब्ध कराने के लिए नए मिशन को जल्द लॉन्च करने की बात कही। उन्होंने कहा कि सीएम पोषण मिशन के जरिए छह महीने से छह साल तक के बच्चों को शामिल किया गया है। इस दिशा में स्वयंसेवी संस्थाएं भी अपनी भूमिका निभाएंगी। उल्लेखनीय है कि इस प्रकार की एक योजना इंडोनेशिया में संचालित है, ऐसे में उत्तर प्रदेश से एक विशिष्ट टीम इंडोनेशिया भेजी जाएगी जो इसकी डीटेल्ड स्टडी करके प्रदेश में लागू करने के लिए विभिन्न पहलुओं पर विचार-विमर्श करेगी।

‘एआई प्रज्ञा’ से 10 लाख लोगों को मिलेगी ट्रेनिंग

‘एआई प्रज्ञा’ योजना के तहत 10 लाख युवाओं को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डिजिटल तकनीकों में प्रशिक्षित किया जाएगा। इससे रोजगार और स्टार्टअप कल्चर को बढ़ावा मिलेगा। इस कार्यक्रम के जरिए प्रारंभिक चरण में राज्य के 10 लाख युवाओं को कृत्रिम बुद्धिमत्ता, मशीन लर्निंग, डाटा एनालिटिक्स एवं साइबर सिक्योरिटी जैसे उन्नत तकनीकी क्षेत्रों में प्रशिक्षित करते हुए सर्टिफिकेट भी प्रदान किया जायेगा। यह कार्यक्रम शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, ग्रामीण विकास, राजस्व और सचिवालय प्रशासन जैसे विभिन्न विभागों के सहयोग से संचालित किया जाएगा। एआई प्रज्ञा कार्यक्रम न केवल युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर खोलेगा, बल्कि सरकारी सेवा, कृषि, स्वास्थ्य, और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में भी तकनीकी दक्षता को बढ़ावा देगा।

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