VIDEO: सीएम योगी आदित्यनाथ ने जापानी में भाषण दिया, वो भी पूरे 1 मिनट 54 सेकेंड
- उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को जापान से आए एक प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक में लगभग दो मिनट तक जापानी भाषा में भाषण दिया।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को लखनऊ में जापान के यामानाशी प्रांत के गवर्नर कोटारो नागासाकी के साथ आए प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक में लगभग दो मिनट तक जापानी भाषा में भाषण दिया। इस बैठक के दौरान उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग ने यामानाशी प्रांत के साथ टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए एक सहमति पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर भी किया। राज्य सरकार ने गवर्नर नागासाकी और उनके साथ आए प्रतिनिधिमंडल को प्रदेश के बुद्धिस्ट सर्किट की जानकारी दी और प्रयागराज महाकुंभ 2025 में आने का निमंत्रण भी दिया।
जापानी भाषा में क्या बोले सीएम योगी- मिना सान कोन-नीची वा। यामानाशीकेन नो गेनकोउ नो चिजी नागासाकी कोटारोउ सामा तो चिइमु, कामी सामा गौतामु बूदा नो सेइची ना उत्तारु पूरादेशु शू ए, कोकोरो कारा कांनगेई ईताशिमासु। बोदाइसेना कारा सुआमी विवेकानंदा मादे, निहोन तो इन्दो नो आइदा, नागाकुते यूताकाना बुनका कानकेई नो रेकिशी गा सोनज़ाइ शिते इमासु। गोज़ोनजी नो तोओरी महातोमा गाँजी शी नो किचोउ ना शिबुत्सु नीवा सानज़ारू - मिज़ारू, कीकाज़ारू , इवाज़ारू नो ज़ोउ मो फुकुमारेते आरीमासु।
सीएम योगी के जापानी भाषण का हिन्दी अनुवाद- जापान के यामानाशी प्रीफेक्चर के माननीय राज्यपाल मिस्टर कोटारो नागासाकी जी और पूरी टीम का भगवान गौतम बुद्ध की पावन भूमि उत्तर प्रदेश में हार्दिक स्वागत है। नमस्ते ! बोधिसेन से लेकर स्वामी विवेकानंद तक भारत और जापान के सांस्कृतिक संबंधों का एक लंबा और समृद्ध इतिहास रहा है। महात्मा गांधी की कीमती निजी संपत्तियों में तीन बुद्धिमान बंदरों (मिजारू, किकाजारू, इवाजारू) की छोटी मूर्तियां भी इसमें शामिल हैं। आप तो इन तीनों से जरूर परिचित होंगे।
जापानी प्रतिनिधिमंडल को पर्यटन विभाग द्वारा प्रदेश में स्थित बुद्धिस्ट सर्किट समेत अन्य पर्यटन स्थलों का प्रस्तुतिकरण दिया गया। अतिथियों को काला नमक चावल (बुद्धा राइस), बुद्धा धर्म चक्र मूर्ति दी गई। जापानी दल को बताया गया कि उत्तर प्रदेश में भगवान राम, भगवान कृष्ण, भगवान शिव की काशी के साथ-साथ भगवान गौतम बुद्ध से जुड़े सारनाथ, कुशीनगर, संकिसा, श्रावस्ती, कौशांबी, कपिलवस्तु समेत अनेक स्थल हैं। इन तीर्थस्थलों पर देश-विदेश से बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। यहां पर्यटक सुविधाओं का विकास किया जा रहा है।