ऐसे तय होंगी रजिस्ट्री के लिए सर्किल दरें, सीएम योगी की बैठक में बनी यह सहमति
- यूपी में योगी सरकार आम आदमी की पहुंच के हिसाब से रजिस्ट्री के लिए सर्किल दरें तय करेंगी। सीएम योगी चाहते हैं कि रजिस्ट्री के लिए सर्किल दरें ऐसी तय की जाएं, जिससे आम आदमी को राहत मिल सके। इसको लेकर बैठक में सहमति बन गई है।
योगी सरकार संपत्तियों की रजिस्ट्री के लिए सर्किल दरें आम आदमी की पहुंच के हिसाब से तय कराने जा रही है। कृषि, आवासीय और व्यवसायिक दरों में व्याप्त खामियां खत्म की जाएंगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई बैठक में इसको लेकर सहमति बन गई है। स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन विभाग अब इसके आधार पर ही जिलाधिकारियों से संपत्तियों की रजिस्ट्री के लिए सर्किल रेट का प्रस्ताव प्राप्त कर इसे अंतिम रूप देगा।
प्रदेश में पिछले कई सालों से संपत्तियों की रजिस्ट्री के लिए सर्किल दरें तय नहीं हुई हैं। पूर्व में जो दरें निर्धारित भी हुई हैं उसमें काफी खामियां हैं। स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन अधिनियम में दी गई व्यवस्था के आधार पर सर्किल की दरें तय करने का अधिकार जिलाधिकारियों को दिया गया है। प्रदेश में अब तक 55 जिलों से सर्किल दरों को लेकर प्रस्ताव शासन को मिला है।
योगी सरकार संपत्तियों की रजिस्ट्री के लिए सर्किल दरें आम आदमी की पहुंच के हिसाब से तय कराने जा रही है। कृषि, आवासीय और व्यवसायिक दरों में व्याप्त खामियां खत्म की जाएंगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई बैठक में इसको लेकर सहमति बन गई है। स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन विभाग अब इसके आधार पर ही जिलाधिकारियों से संपत्तियों की रजिस्ट्री के लिए सर्किल रेट का प्रस्ताव प्राप्त कर इसे अंतिम रूप देगा।
प्रदेश में पिछले कई सालों से संपत्तियों की रजिस्ट्री के लिए सर्किल दरें तय नहीं हुई हैं। पूर्व में जो दरें निर्धारित भी हुई हैं उसमें काफी खामियां हैं। स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन अधिनियम में दी गई व्यवस्था के आधार पर सर्किल की दरें तय करने का अधिकार जिलाधिकारियों को दिया गया है। प्रदेश में अब तक 55 जिलों से सर्किल दरों को लेकर प्रस्ताव शासन को मिला है।
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आम आदमी को राहत देने वाली दरें हों
मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में बैठक कराकर इसे अंतिम रूप दिया जाना है। स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन विभाग ने मुख्यमंत्री के समक्ष जिलों से प्राप्त दरों को लेकर प्रस्तुतीकरण किया। इसमें उन्हें दरें बढ़ाने और न बढ़ाने के कारणों को बताया गया। मुख्यमंत्री चाहते हैं कि रजिस्ट्री के लिए सर्किल दरें ऐसी तय की जाएं, जिससे आम आदमी को राहत मिल सके। ऐसा न हो कि कृषि की जमीनों के लिए आवासीय और आवासीय के स्थान पर व्यवसायिक सर्किल दरें तय कर दी जाएं। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि खेती की जमीन पर अगर एक-दो मकान बने हैं तो उसे आवासीय नहीं किया जाएगा, इसी तरह अगर एक-दो दुकानें कहीं बनी हैं तो उसे व्यवसायिक नहीं किया जाएगा। एक ही स्थान पर कई मकान बने हैं तो उसे आवासीय और कई दुकानें बनी हैं तो व्यवसायिक के दायरे में जरूरत के हिसाब से लाया जा सकता है।
मनमाने तरीके से सर्किल दरें तय करने की प्रथा अब नहीं चलेगी: रवींद्र जायसवाल
रवींद्र जायसवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप आम आदमी के हितों को ध्यान में रखते हुए सर्किल दरें तय होंगी। जिलों से मिलने वाले प्रस्तावों के आधार पर परीक्षण किया जाएगा और देखा जाएगा कि इससे किसी का अहित तो नहीं हो रहा है। मनमाने तरीके से सर्किल दरें तय करने की प्रथा अब नहीं चलेगी। अगल-बगल के गांवों की दरों में होने वाली भिन्नता खत्म होगी और सड़क के 50 मीटर के दायरे में एक ही स्थान पर अगर कई दुकानें बनी हैं तो उसे ही व्यवसायिक माना जाएगा