यूपी में 3 से 6 वर्ष तक के बच्चों को रोजाना दी जाएगी ये चीज, सीएम योगी ने जारी किए निर्देश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश से बाल कुपोषण को जड़ से खत्म करने और खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वाकांक्षी कदम उठाया है। इसको लेकर पूरी योजना तैयार कर ली है।

यूपी में अब आठ आकांक्षात्मक जिलों के अलावा अन्य जिलों में भी 3 से 6 वर्ष तक के बच्चों को प्रतिदिन 400 कैलोरी युक्त पौष्टिक स्वल्पाहार दिया जाएगा। इसके लिए मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के पायलट प्रोजेक्ट की कार्य-योजना तैयार कर ली गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश से बाल कुपोषण को जड़ से खत्म करने और खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वाकांक्षी कदम उठाया है। इस अभियान के तहत पहले प्रदेश के सभी आठ आकांक्षात्मक जिलों में 3 से 6 वर्ष की आयु के बच्चों को प्रतिदिन 400 कैलोरी और 15 से 20 ग्राम प्रोटीन युक्त स्वल्पाहार उपलब्ध कराया जाएगा। इस अभियान के तहत आकांक्षात्मक जिलों के 11,13,783 बच्चे चिन्हित किये गये हैं, जिनके स्वल्पाहार के लिए प्रतिदिन 44 रुपये का खर्च आएगा। अभियान के लिये 254.83 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित किया गया है।
बच्चों में दिखा है सकारात्मक असर
मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के अंतर्गत बच्चों को फ्लेवर्ड मिल्क, मिलेट चिक्की न्यूट्रीबार, एक केला या मौसमी फल और अन्य पौष्टिक खाद्य पदार्थ प्रदान किए जाएंगे। विशेष रूप से मिलेट चिक्की न्यूट्रीबार ने वाराणसी जनपद में किए गए प्रारंभिक प्रयोग में सकारात्मक परिणाम दिखाए हैं। इसकी स्वीकार्यता और पोषण मूल्य ने बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार के संकेत दिए हैं। वाराणसी जनपद में आंगनबाड़ी के बच्चों में मिलेट न्युट्रीबार वितरण से एनीमिया, स्टंटिंग और अंडरवेट की समस्या में कमी दर्ज की गई। साथ ही यह न्यूट्रीबार न केवल पौष्टिक है, बल्कि स्वादिष्ट होने के कारण बच्चे पसंद भी करते हैं। जिसके परिणाम स्वरूप आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों की उपस्थिति में भी वृद्धि दर्ज की गई है।
बाल कुपोषण दूर करने को योगी सरकार प्रतिबद्ध
सीएम योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान को प्राथमिकता देते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि आकांक्षात्मक जिलों में कुपोषण की समस्या को पूरी तरह समाप्त करने के लिए ये अभियान जल्द से जल्द लागू किया जाए। उन्होंने जोर देकर कहा कि इस दिशा में सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयास न केवल बच्चों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाएंगे, बल्कि उन्हें शारीरिक और मानसिक तौर पर भी मजबूत बनाएंगे, जो उनके बेहतर भविष्य के लिये बहुत जरूरी है।