बच्चा गायब और मां के चेहरे पर शिकन तक नहीं, पुलिस के शक ने खोल दी हैरान कर देने वाली कहानी
- सौदा 50 हजार रुपयों में हुआ था लेकिन बच्चा लेने के बाद खरीदने वाले ने मां को 15 हजार रुपए ही दिए। इससे नाराज होकर महिला पुलिस के पास पहुंच गई। पुलिस को उसने बच्चे के अपहरण की झूठी कहानी सुनाई लेकिन चेहरे के हाव भाव से पुलिस को लगा कि जिसका बच्चा गायब हो गया हो वो ऐसे कैसे रह सकता है।
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यूपी के मुरादाबाद में हैरान कर देने वाला एक मामला सामने आया है। यहां एक मां ने अपने ही डेढ़ साल के बेटे का सौदा कर दिया। सौदा 50 हजार रुपयों में हुआ था लेकिन बच्चा लेने के बाद खरीदने वाले ने मां को 15 हजार रुपए ही दिए। इससे नाराज होकर महिला पुलिस के पास पहुंच गई। उसने पुलिस को बच्चे के अपहरण की झूठी कहानी सुनाई लेकिन चेहरे के हाव भाव से पुलिस को लगा कि जिसका बच्चा गायब हो गया हो वो ऐसे कैसे रह सकता है। महिला तीन दिन तक पुलिस को गुमराह करती रही। उसके चेहरे पर शिकन तक नहीं थी। लिहाजा पुलिस को उस पर शक हो गया। पुलिस ने पूरे मामले की गहराई से जांच की तो हैरान कर देने वाला इस कलयुगी मां का सच सामने आ गया। इसके बाद पुलिस ने बच्चे को बरामद कर लिया। महिला समेत चार आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
मामले की शुरुआत 29 जनवरी को हुई। मुरादाबाद के कांठ थाने में एक महिला ने शिकायत की कि उसके डेढ़ साल के बच्चे का क्षेत्र की नई बस्ती में चांद मस्जिद के पास अपहरण कर लिया गया। महिला ने पुलिस को बताया कि 28 जनवरी को वह काम की तलाश मे कांठ आई थी। उसी समय बाइक सवार दो युवक आए और काम दिलाने की बात कहकर अपने साथ ले गए। यह भी आरोप था कि मनकुआ अड्डे के पास पहुंच कर बाइक सवारों ने महिला को उतार दिया और उसके डेढ़ साल के बेटे मोहम्मद अर्श का अपहरण कर ले गए।
महिला की शिकायत पर पुलिस जांच में जुट गई। उधर, महिला बिल्कुल सामान्य दिख रही थी। न आंखों में आंसू, न चेहरे पर चिंता का कोई भाव। इससे पुलिस को उस पर शक हो गया। उधर, तीन दिन तक जांच-पड़ताल के बाद पुलिस को जो बातें पता चलीं उससे उसका शक और गहरा गया। इसी बीच शनिवार की सुबह पुलिस टीमों ने बच्चे को पैगम्बरपुर सुखवासीलाल के पास सड़क किनारे कच्चे रास्ते के नजदीक से बरामद कर लिया। मौके से अमरोहा के धनौरा थाना क्षेत्र के गांव साहूपुर मिलक निवासी अनिल, नौगांवा सादात थाना के रतनपुर खुर्द निवासी सोनू उर्फ रोबिनसन गिल, गजरौला थाना के गांव अहरोल तेजवन निवासी बृजेश को गिरफ्तार किया गया। इनसे पूछताछ के बाद सारी बातें सामने आ गईं। सीओ अपेक्षा निंबाडिया के अनुसार पूछताछ के दौरान आरोपी सोनू उर्फ रोबिनसन गिल और अनिल ने बताया कि बच्चे को उसकी मां सोनी परवीन से पचास हजार रुपये में खरीदा था। आरोपियों ने यह भी बताया कि शनिवार को वह लोग बच्चे को बृजेश के हाथ 70 हजार रुपये में बेचने के लिए जा रहे थे।
आरोपियों ने यह भी बताया कि बृजेश ने उन्हें 15 हजार एडवांस और पांच हजार रुपये शनिवार को ही दिए थे। इसके बाद पुलिस ने बृजेश को उठा लिया। उसने पूछताछ में बताया कि उसके पांच बेटियां हैं, लेकिन कोई बेटा नहीं था। बेटे की जरूरत थी। उसने बताया कि अनिल और रोबिनसन उसके पूर्व से परिचित थे। इसलिए उसने लड़का खरीदने की बात कही थी। पुलिस के अनुसार बृजेश से सौदा करने के बाद अनिल और रोबिनसन ने सोनी परवीन से संपर्क कर उसका बेटा खरीदने की बात कही। इसके बाद पुलिस ने आरोपी महिला सोनी उर्फ परवीन से कड़ाई से पूछताछ की। कुछ समय बाद महिला टूट गई और उसने सच्चाई उगल दी।
एसपी देहात ने बताया कि चारों से पूछताछ के बाद पता चला कि यह मामला बच्चे के अपहरण का नहीं बल्कि उसके बेचने का था। सोनी ने पुलिस को बताया कि उसने खुद ही अपने बच्चे मौहम्मद अर्श का सौदा पचास हजार रूपये में किया था। सौदा करने के बाद आरोपी रोबिनसन और अनिल के कहने पर वह कांठ आई थी। वहां बच्चा लेने के बाद दोनों ने कहा कि पैसा बच्चा बिकने के बाद ही देंगे। आरोपी मां सोनी उर्फ परवीन ने पुलिस के समक्ष यह भी स्वीकार किया कि जब उसका बच्चा हाथ से चला गया और पैसा भी नहीं मिला तो उसने अपहरण की झूठी कहानी बताकर पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करा दी।
महिला की पूरी कहानी सुन पुलिस भी हैरान रह गई। इसके बाद मुरादाबाद की कांठ पुलिस और एसओजी ने संयुक्त रूप से कार्रवाई की। पुलिस ने इस मामले में महिला सोनी समेत चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार लोगों में अनिल, सोनू और ब्रजेश शामिल हैं। पूछताछ में सोनी ने पुलिस को बताया कि उसे रुपयों की जरूरत थी। इसके लि उसने सोनू और अनिल के साथ मिलकर बृजेश के साथ 70 हजार रुपए में अपने बच्चे का सौदा कर लिया। ब्रजेश की अपनी लड़कियां हैं। वह बेटा चाहता था इसीलिए महिला के बच्चे को खरीदने की कोशिश की।
क्या बोली पुलिस
मुरादाबाद के एडिशनल एसपी ग्रामीण कुंवर आकाश सिंह ने बताया कि आरोपी बृजेश को बच्चे की जरूरत थी। इसके लिए उसने आरोपी सोनू उर्फ रोबिनसन और अनिल से संपर्क किया। दोनों ने 70 हजार रुपये में बच्चा दिलाने का वादा किया। बाद में दोनों आरोपियों ने महिला सोनी परवीन से संपर्क कर उसका बच्चा मोहम्मद अर्श को पचास हजार रुपये में खदीने का सौदा कर लिया। जब महिला बच्चा लेकर आई तो आरोपी उससे यह कहकर बच्चा ले गए कि पैसे बच्चा पहुंचाने के बाद मिलेगा। पैसे न मिलने पर महिला सोनी परवीन ने पुलिस को गुमराह करते हुए अपहरण का झूठा आरोप लगाते हुए रिपोर्ट दर्ज करा दी थी। एसपी देहात ने बताया कि बच्चे की सकुशल बरामदगी और आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद पूर्व में दर्ज मुकदमें में बीएनएस की विभिन्न धाराओं के साथ ही जेजे एक्ट (जुवेनाइल जस्टिस एक्ट) में वृद्धि की गई। चारों आरोपियों को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया है।